संघीय कर्मियों के नौकरी से निकाले जाने पर जज की ट्रंप प्रशासन को फटकार

वॉशिंगटन। अमेरिका की एक संघीय अदालत के जज ने बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को सरकारी कामकाज बंद (शटडाउन) के दौरान हजारों कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने से अस्थायी रूप से रोक दिया। अदालत ने कहा कि यह कदम राजनीतिक मकसद से प्रेरित दिखता है और बिना सही तैयारी के उठाया गया है। गौरतलब है कि अमेरिका में यह शटडाउन का तीसरा हफ्ता है।
सैन फ्रांसिस्को की जिला न्यायाधीश सुजन इल्सटन ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की तरफ से 4,100 से अधिक कर्मचारियों को हटाने का निर्णय कानूनी अधिकार से परे है और इससे मानवीय नुकसान हो रहा है। उन्होंने इस फैसले को रोकते हुए अस्थायी प्रतिबंध आदेश जारी किया। इल्सटन ने सुनवाई के दौरान सरकारी वकील से बार-बार यह पूछने की कोशिश की कि जब ज्यादातर प्रभावित कर्मचारी पहले से ही फर्लो (अस्थायी छुट्टी) पर हैं और उनकी ईमेल या मानव संसाधन सहायता तक पहुंच नहीं है, तो ऐसे में यह छंटनी क्यों की जा रही है। न्यायाधीश ने कहा, ह्यह्ययह बहुत हद तक पहले गोली चलाओ, फिर निशाना लगाओ जैसी नीति है, जो अस्वीकार्य है।
यह आदेश अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों के संगठन अमेरिकन फेडरेशन आॅफ गवर्नमेंट एम्प्लॉइज और अन्य संघों की याचिका पर आया, जिन्होंने अदालत से मांग की थी कि सरकार को नए छंटनी नोटिस जारी करने और पहले से दिए गए नोटिस लागू करने से रोका जाए। उनका कहना था कि यह कार्रवाई कर्मचारियों को सजा देने और कांग्रेस पर दबाव बनाने का राजनीतिक प्रयास है।
व्हाइट हाउस ने इस पर टिप्पणी से इनकार करते हुए कहा कि इस विषय में सभी सवाल प्रबंधन और बजट दफ्तर से किए जाएं, जिसने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। डेमोक्रेट सांसद चाहते हैं कि सरकारी कामकाज दोबारा शुरू करने से पहले स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी को जारी रखने और मेडिकेड कटौती को वापस लेने पर सहमति बने, जबकि रिपब्लिकन स्पीकर माइक जॉनसन ने डेमोक्रेट्स की सुनवाई से इनकार किया है।
अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन आठ संघीय एजेंसियों में 4,100 से अधिक पदों को समाप्त करने की योजना बना रहा है। यह कटौती मुख्य रूप से स्वास्थ्य और शिक्षा कार्यक्रमों में की जा रही है, जबकि सेना और आव्रजन नियंत्रण के खर्चे जारी हैं। इससे पहले भी न्यायाधीश इल्सटन ने संघीय कार्यबल को घटाने की प्रशासन की कोशिशों पर रोक लगाई थी, हालांकि बाद में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने कुछ हद तक कर्मचारियों की छंटनी की अनुमति दे दी थी।