राधाकुंड में आस्था और विश्वास का स्नान:आधी रात को हजारों दंपत्तियों ने डुबकी लगाई

मथुरा । मथुरा के राधाकुंड में अहोई अष्टमी पर आस्था पर विश्वास की डुबकी लगाई गई। यहां सोमवार देर शाम से ही कुंड के चारों तरफ स्नान करने वाले दंपत्ति जुटना शुरू हो गए। देश के अलग-अलग शहरों से आए निसंतान दंपत्तियों की एक ही कामना थी कि राधा रानी उनकी सुनी कोख भर दे। स्नान के दौरान कोई अव्यवस्था न फैले इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।
गोवर्धन परिक्रमा के रास्ते में स्थित है राधाकुंड। भगवान कृष्ण ने बंसी से राधारानी के लिए बनाए इस कुंड में अहोई अष्टमी के दिन आधी रात को निसंतान दंपत्ति स्नान करते हैं। आस्था और विश्वास के साथ सोमवार देर शाम से ही स्नान की चाहत में हजारों दंपत्ति कुंड के चारों तरफ एकत्रित होना शुरू हो गए। सबसे ज्यादा भीड़ राधाकुंड श्याम कुंड के संगम घाट पर देखने को मिली।
राधाकुंड में अहोई अष्टमी के दिन निसंतान दंपत्ति के स्नान करने के पीछे मान्यता है कि यहां अहोई अष्टमी के दिन ही भगवान कृष्ण ने गौ हत्या के पाप से मुक्ति के लिए सभी तीर्थों को बुलाकर उनके जल से स्नान किया था। जहां भगवान ने राधारानी के लिए बंशी से कुंड खोद दिया था। तभी से राधारानी ने यहां वरदान दिया कि जो भी निसंतान दंपत्ति अहोई अष्टमी के दिन आधी रात को एक साथ स्नान करेंगे उनकी कोख संतान प्राप्ति से भर जाएगी।
जयपुर से अपनी पत्नी के साथ स्नान करने आए राजश्री चौहान ने बताया उनकी शादी को 5 वर्ष हो गए। संतान प्राप्ति की कामना लिए यहां आए। यहां के बारे में बुजुर्गों से सुना है। अब देखते हैं राधा रानी क्या कृपा करती हैं। चंडीगढ़ से आईं टीना ने यहां स्नान को सुखद एहसास बताया। वहीं मध्य प्रदेश से आईं रीता ने बताया उनके परिचित ने बताया था यहां के बारे में इसीलिए आए। रीता ने बताया वह वृंदावन पहले आ चुकी हैं लेकिन यहां स्नान करने पहली बार आई हैं।