राजनीतिक

‘मुझे कोई जल्दी नहीं, मुझे पता है मेरी नियति क्या है’, सीएम पद के दावों पर डीके शिवकुमार का बयान

बंगलूरू । मुख्यमंत्री पद के दावों पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि उन्हें कोई जल्दी नहीं है और उन्हें अपनी नियति का पता है। शिवकुमार ने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करके सनसनीखेज बनाने और राजनीति करने का आरोप लगाया। नवंबर में कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार के कार्यकाल के ढाई साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में फिर से राज्य की राजनीति में सत्ता परिवर्तन की खबरें चर्चा में बनी हुई हैं।
शिवकुमार ने कहा, ‘कुछ लोगों ने इच्छा जताई कि मैं मुख्यमंत्री बनूं। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या इसका समय नजदीक आ रहा है, बस इतना ही। इसे तोड़-मरोड़कर मीडिया में न दिखाएं कि मैंने कहा था कि (मुख्यमंत्री बनने का) समय नजदीक आ रहा है। मुझे कोई जल्दी नहीं है।’ एक कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि वह यहां राजनीति करने नहीं आए हैं। उन्होंने कहा ‘मैं मीडिया से कह रहा हूं, अगर आप झूठी, सनसनीखेज खबरें फैलाएंगे तो मैं भविष्य में आपका सहयोग नहीं करूंगा। मैं कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करूंगा और न ही आपको फोन करूंगा। मुझे बिना फोन किए राजनीति करना आता है।’
शिवकुमार ने कहा, ‘मीडिया में कौन दावा कर रहा है कि मैंने कहा है कि मेरे मुख्यमंत्री बनने का समय नजदीक आ रहा है? मैंने ऐसा कब कहा है?’ शिवकुमार ने कहा, ‘ऐसा कहने की कोई जरूरत नहीं है। मुझे पता है कि मेरी नियति कब और क्या है। मुझे पता है कि ईश्वर ने मुझे क्या अवसर दिया है और वह मुझे कब अवसर देंगे। मैं अपने राज्य के लोगों की सेवा करना चाहता हूं और बंगलूरू के लोगों को अच्छा प्रशासन देना चाहता हूं। इसी इरादे से मैं सुबह से शाम तक काम कर रहा हूं।’ कांग्रेस नेता ने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘अगर कोई झूठी बातें फैला रहा है, तो मुझे आपके (मीडिया) खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करना होगा, अगर कोई चैनल गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। मैं पूरी तरह से सचेत हूं।’
कर्नाटक में पिछले कुछ समय से ऐसी अटकलें हैं कि इस साल के अंत में मुख्यमंत्री का चेहरा बदला जा सकता है। जिसमें डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया की जगह लेकर मुख्यमंत्री बन सकते हैं। हालांकि सिद्धारमैया दोहराते रहे हैं कि वह पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। मई 2023 में जब कर्नाटक में कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो उस वक्त सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सीएम पद को लेकर कड़ी टक्कर थी। हालांकि पार्टी आलाकमान के समझाने के बाद डीके शिवकुमार मान गए थे, लेकिन ऐसी चचार्एं उठीं कि शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच ढाई-ढाई साल के लिए सीएम बनने पर सहमति बनी है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई। यही वजह है कि जब सिद्धारमैया सरकार ढाई साल पूरा कर रही है तो सीएम चेहरा बदले जाने की चचार्एं तेज हो गई हैं।

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