घर पर अकेले करवा चौथ की पूजा कैसे करें? यहां जानिए सरल विधि और शुभ मुहूर्त

करवा चौथ व्रत में करवा माता, भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश भगवान की पूजा की जाती है। पूजा से पहले महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। कहते हैं करवा चौथ की पूजा महिलाओं को अच्छे से सज संवरकर ही करनी चाहिए इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन की पूजा के लिए प्रदोष काल का समय सबसे शुभ माना जाता है। पंचांग अनुसार इस साल करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त 05:57 ढट से 07:11 तक रहेगा। शाम की पूजा के बाद रात में चांद की पूजा की जाती है। चलिए आपको बताते हैं अकेले में करवा चौथ की पूजा कैसे करते हैं।
घर पर करवा चौथ की पूजा कैसे करें
पूजा के लिए दीवार पर करवा चौथ पूजा कैलेण्डर लगाएं या चौथ माता की छवि बनाएं।
सबसे पहले कलश की स्थापना करें। कलश में सिक्का, सुपारी, हल्दी की गांठ, थोड़े अक्षत जरूर डालें।
कलश के ऊपर आम या अशोक के 5 से 7 पत्ते रखें। फिर कलश का मुंह किसी पात्र से ढक दें और उसके ऊपर थोड़े से अक्षत डाल दें।
फिर कलश पर ही घी का दीपक भी रख दें।
अब एक करवा (मिट्टी या तांबे का) लेकर उसमें जल भकर रखें।
फिर करवे के छेद में 4 सींकें लगा दें। करवे के अंदर आप चांदी का सिक्का या अंगूठी जरूर डालें।
इसके बाद इसे किसी चीज से ढक दें और उसके मुख पर कुछ मीठा रख दें।
इसी करवे से चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है।
इसके बाद एक करवा और तैयार करना है जिसे आप दान करेंगी।
आप चाहें तो खांड का करवा भी ले सकती हैं।
फिर करवे के अंदर खील, बताशे, मिठाई, गुलगुले, आदि चीजें भर लें।
जो महिलाएं घर पर अकेले में करवा चौथ की पूजा करती हैं वो दो करवे भरती हैं एक अपने लिए और एक माता गौरी के लिए।
पूजा स्थान पर वो छलनी भी रखें जिससे आपको चांद को अर्घ्य देना है।
पूजा स्थल पर कटोरी में गेहूं भरकर भी जरूर रखें।
इसके बाद धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर आदि से विधिवत पूजा करें।
इसके बाद हाथ में अक्षत लेकर व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
माता को सुहाग की सामग्री चढ़ाएं और भोग लगाएं।
साथ ही करवा चौथ की आरती भी करें।
इसके बाद रात में चांद को अर्घ्य दें और छलनी से चांद को देखते हुए पति के दर्शन करें।
फिर पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत खोल लें।
करवा किससे बदलें?
जो महिलाएं करवा चौथ की पूजा सामूहिक रूप से करती हैं वे बाकी महिलाओं के साथ अपना करवा बदलती हैं। लेकिन जो घर पर अकेले करवा चौथ की पूजा करती हैं वे अपना करवा माता गौरी से बदलती हैं। इसके लिए आपको पार्वती माता की तस्वीर की जरूरत होगी या फिर मिट्टी से गौरी माता की प्रतिमा बनाकर उनके साथ करवा बदल सकती हैं। इस दौरान आपको सात बार हाथ क्रॉस करके करवा बदलना है और करवा घुमाते समय आपको ये बोलना है ‘ले सुहागन ले करवा, दे सुहागन दे करवा’। करवा चौथ पूजा के बाद करवा दान कर दें।