केवल 18% निवेशकों को वित्तीय टीवी चैनलों पर भरोसा, डिजिटल प्लेटफॉर्म और एसआईपी की बढ़ रही लोकप्रियता

नई दिल्ली । भारत में केवल 18 प्रतिशत निवेशक फाइनेंस की समज के लिए वित्त टेलीविजन चैनलों पर भरोसा करते हैं। मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड (एमओएमएफ) के पैसिव सर्वे 2025 के तीसरे संस्करण में यह जानकारी दी गई है। अगस्त-सिंतबर 2025 में हुए इस सर्वे में 3000 निवेशकों और 120 डिस्ट्रीब्यूटर सहित देशभर के म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर, पंजीकृत निवेश सलाहकार (आरआईए) और धन प्रबंधक भी इसमें शामिल थे।
इसमें कहा गया है कि यह संरचनात्मक बदलाव को दशार्ता है: निवेशक क्विक, सोशल मीडिया-संचालित सामग्री से अधिक विशिष्ट, विश्वसनीय वित्तीय पोर्टलों की ओर जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार 52 प्रतिशत निवेशक निवेश संबंधी जानकारी के लिए वित्तीय वेबसाइटों और आॅनलाइन प्लेटफार्मों का सहारा लेते हैं। वहीं 38 प्रतिशत समाचार पत्र और न्यूजलेटर पढ़ते हैं। कुछ ने दो से ज्यादा प्लेटफार्मों का इस्तेमाल करने की बात भी कही। लगभग 29 प्रतिशत लोग वित्त संबंधी अपडेट के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं।
सर्वेक्षण में आगे बताया गया है कि व्यवस्थित निवेश योजनाएं (एसआईपी) अनुशासित धन सृजन के लिए एक पसंदीदा माध्यम बनी हुई हैं। निवेशक लगातार बाजार भागीदारी और रणनीतिक अवसरों की तलाश में एसआईपी को एकमुश्त निवेश के साथ जोड़ रहे हैं।
एसआईपी और एकमुश्त निवेश की भागीदारी अब कुल भागीदारी का 57 प्रतिशत है। इसके बाद एकल एसआईपी की भागीदारी 26 प्रतिशत व केवल एकमुश्त निवेश की भागीदारी 17 प्रतिशत है। स्मार्ट बीटा रणनीतियों में भी रुचि बढ़ी है। 61 प्रतिशत निष्क्रिय फंड निवेशक अब ऐसे विभेदित कारक-आधारित फंडों की खोज कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि प्रदर्शन अभी भी एक प्रमुख चालक बना हुआ है, निवेशक रक्षात्मक कारकों में भी रुचि दिखा रहे हैं, जो एक संतुलित दृष्टिकोण का संकेत देता है। सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में पैसिव फंड मुख्यधारा बन रहे हैं। 2025 तक लगभग 76 प्रतिशत म्यूचुअल फंड निवेशक इंडेक्स फंड या ईटीएफ के बारे में जानते हैं, और 68 प्रतिशत ने कम से कम एक पैसिव फंड में निवेश किया है, जो 2023 में लगभग 61 प्रतिशत था।
निष्क्रिय उद्योग की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 12.2 लाख करोड़ रुपये रही, जो 2019 में 1.91 लाख करोड़ रुपये से छह वर्षों में 6.4 गुना वृद्धि (36 प्रतिशत सीएजीआर) दशार्ती है। मार्च 2023 से अब तक केवल दो वर्षों में, एयूएम 1.7 गुना बढ़ गया है, जिसने 26 प्रतिशत सीएजीआर दर्ज किया है। यह भारत में निष्क्रिय निवेश को तेजी से अपनाने पर प्रकाश डालता है।