रावण का जन्म कब हुआ था, पूरा नाम क्या था, माता-पिता कौन थे, मृत्यु कैसे हुई

हर साल दशहरा के दिन रावण दहन किया जाता है। इस साल रावण दहन 2 अक्टूबर 2025 को किया जाएगा। इस बीच गूगल पर रावण से जुड़ी कई चीजें सर्च की जा रही हैं। जैसे रावण का जन्म कहां हुआ था, रावण के माता-पिता का क्या नाम था, रावण की पूजा कहां होती है, रावण की पत्नी कौन थी, रावण की मृत्यु कैसे हुई, क्या उसे कोई वरदान मिला था? आपके इन्हीं सब सवालों के जवाब देने के लिए हमनें ये खास आर्टिकल तैयार किया है। जिससे आपको रावण से जुड़ी लगभग हर जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
रावण कौन था?
रावण लंका का महान पराक्रमी राक्षस राजा था, जिसके दस सिर और बीस भुजाओं थीं। वह ऋषि विश्रवा और राक्षसी कैकसी का पुत्र था। रावण के बारे में कहा जाता है कि वे अत्यंत विद्वान, शास्त्रों का ज्ञाता और शिव का परम भक्त था। लेकिन अहंकार और अधर्म उसे पतन की ओर ले गया। रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण किया, जिसके परिणामस्वरूप भगवान राम ने उसका वध किया।
रावण का जन्म कहां हुआ था?
रावण का जन्म उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव में हुआ था। जबकि कुछ धार्मिक ग्रंथ रावण के लंका में जन्म की बात करते हैं।
रावण के माता-पिता कौन थे?
रावण के पिता ऋषि विश्रवा थे और माता राक्षसी कैकसी थीं। इस प्रकार रावण का जन्म ब्राह्मण-पिता और राक्षसी-माता से हुआ था।
रावण की पत्नी कौन थी?
रावण की मुख्य रूप से दो पत्नियां थीं मंदोदरी और धन्यमालिनी। लेकिन कुछ जगहों पर तीसरी पत्नी का भी जिक्र आता है। ऐसी मान्यता है कि रावण ने अपनी तीसरी पत्नी की हत्या कर दी थी। मंदोदरी रावण की पटरानी थीं और धन्यमालिनी उनकी छोटी बहन थीं।
रावण के कितने सिर थे और क्यों?
रावण के 10 सिर थे। हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि रावण भगवान शिव का परम भक्त था। उसने अपनी घोर तपस्या से महादेव को प्रसन्न करके दशानन होने का आशीर्वाद प्राप्त किया था। ऐसा माना जाता है कि, रावण के 10 सिर व्यक्ति के भीतर मौजूद 10 बुराइयों को दशार्ते हैं, जो इस प्रकार हैं – काम (वासना), क्रोध, लोभ (लालच), मोह, भ्रष्टाचार, भय, निष्ठुरता (दया की कमी), अहंकार, ईर्ष्या और झूठ बोलना।
रावण ने सीता माता को क्यों और कैसे अपहरण किया?
पौराणिक कथाओं अनुसार रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा के अपमान का बदला लेने और माता सीता के सौंदर्य से आकर्षित होकर अपनी शक्ति दिखाने के लिए उनका अपहरण किया। रावण साधु का भेष धारण करके आया और उसने माता सीता से लक्ष्मण रेखा पार करवाई और उनका अपहरण कर लिया।
रावण की मृत्यु कैसे हुई?
भगवान श्री राम ने युद्ध के आखिरी समय में विभीषण से प्राप्त ज्ञान के आधार पर ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया और रावण की नाभि में स्थित अमृत कलश को तोड़ दिया जिससे रावण की मृत्यु हो गई। कहा जाता है कि रावण को पराजित करना मुश्किल था। उसका अंत तभी हो सकता है था जब उसकी नाभि पर स्थित अमृत कलश को नष्ट कर दिया जाए।
रावण के भाई कौन थे?
सगे भाई- कुम्भकरण और विभीषण
सौतेले भाई- खर, दूषण, अहिरावण और कुबेर
रावण के पुत्र कौन थे?
मंदोदरी और रावण के ये पुत्र थे- अक्षयकुमार, मेघनाद, महोदर, प्रहस्त, विरुपाक्ष। रावण के पत्नी धन्यमालिनी से अतिक्या और त्रिशिरार नामक दो पुत्र थे और उसके तीसरी पत्नी से प्रहस्था, नरांतका और देवताका नामक पुत्र थे।
रावण का पूरा नाम क्या था?
रावण का पूरा नाम दशग्रीव था, जो उसके दस सिरों के कारण था। उसे दशानन भी कहा जाता था, जिसका अर्थ भी दस मुखों वाला है। कहते हैं रावण को रावण नाम भगवान शिव ने दिया था।
रावण की बहन का नाम क्या था?
कहा जाता है कि रावण की दो बहने थीं। एक सूर्पनखा और दूसरी कुम्भिनी थी जोकि मथुरा के राजा मधु राक्षस की पत्नी थी और राक्षस लवणासुर की मां थीं।
रावण का वध कब हुआ था?
रावण का वध त्रेतायुग में आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हुआ था, जिसे दशहरा या विजयदशमी के नाम से जाना जाता है।
रावण का गोत्र क्या था?
रावण का गोत्र पुलस्त्य था क्योंकि वह ऋषि पुलस्त्य के पौत्र थे।
रावण किसका अवतार था?
रावण और उसका भाई कुंभकरण भगवान विष्णु के द्वारपाल जय और विजय के अवतार थे जिन्हें सनकादिक ऋषियों द्वारा तीन बार असुर रूप में जन्म लेने का श्राप मिला था।
रावण को क्या वरदान था?
रावण को कई वरदान मिले थे जिनमें सबसे प्रमुख वरदान था कि उसे कोई भी देवता, दानव, गंधर्व, नाग या यक्ष मार नहीं सकेगा। इसमें उसने मनुष्य को शामिल नहीं किया था। इसलिए ही भगवान ने रावण को मारने के लिए मनुष्य रूप धारण किया था। इसके अतिरिक्त उसे अस्त्र-शस्त्रों का ज्ञान, रथ और रूप बदलने की शक्ति भी प्राप्त हुई थी। उसे नवग्रहों पर नियंत्रण का वरदान भी मिला था।
रावण का अंतिम संस्कार किसने किया था?
भगवान राम के कहने पर रावण का अंतिम संस्कार उसके भाई विभीषण ने किया था।
रावण की पूजा कहां होती है?
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, ग्रेटर नोएडा के बिसरख गांव को दशानन रावण का ननिहाल माना जाता है। इसी कारण इस जगह पर रावण की पूजा की जाती है। मध्य प्रदेश के मंदसौर और रावनग्राम गांव में भी रावण दहन की बजाए दशानन की उपासना की जाती है। उत्तरप्रदेश के कानपुर में भी रावण को पूजा जाता है, जहां दशानन मंदिर बना हुआ है। आंध्रप्रदेश के काकिनाडा में रावण का एक अनोखा मंदिर है जहां लोग उसे सम्राट के रूप में पूजते हैं।