अंतरराष्ट्रीय

‘कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहा पाकिस्तान’, यूरोपीय सांसदों ने की जीएसपी प्लस दर्जा खत्म करने की मांग

जिनेवा । पाकिस्तान का यूरोपीय देशों में मिला व्यापार प्राथमिकता वाले देश का दर्जा छिन सकता है। दरअसल यूरोप के कई सांसदों ने पाकिस्तान में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन, कट्टरपंथ को बढ़ावा देने जैसे आरोप लगाए। यूरोपीय सांसदों ने कहा कि पाकिस्तान के व्यापार प्राथमिकता वाले जीएसपी प्लस दर्जे को अस्थायी तौर पर वापस ले लेना चाहिए और पाकिस्तान द्वारा कट्टरपंथ पर रोक लगाने के बाद ही इसे बहाल किया जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र से इतर एक कार्यक्रम में यूरोपीय संसद की सदस्य बारबरा बोन्टे ने यूरोपीय संघ को चेताया कि यूरोप द्वारा पाकिस्तान को शिक्षा के लिए दी जा रही आर्थिक मदद वहां चरमपंथ और धार्मिक शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में बड़ी संख्या में मदरसे खुल रहे हैं, जो धार्मिक कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ द्वारा विकासशील देशों को सतत विकास और सुशासन के लिए सामान्यीकृत वरीयता योजना प्लस (जीएसपी+) का दर्जा दिया जाता है। इसके तहत विकासशील देशों को मानवाधिकार, श्रम अधिकार, पर्यावरण, सुशासन आदि पर अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन सुनिश्चित करना होता है। इसके बदले में यूरोपीय संघ के देश जीएसपी प्लस दर्जा प्राप्त देशों से होने वाले आयात पर आयात शुल्क घटाकर शून्य कर देते हैं। पाकिस्तान को जीएसपी प्लस दर्जे से काफी फायदा होता है और उसका सामान बिना किसी शुल्क के यूरोपीय संघ के देशों के बाजार में पहुंचता है।
बोन्टे ने कहा कि यूरोपीय संघ द्वारा पाकिस्तान में शिक्षा के लिए दी जा रही आर्थिक मदद से मदरसे खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में कुछ सौ मदरसे थे, जो अब बढ़कर 30 हजार से भी ज्यादा हो गए हैं। यूरोपीय सांसद ने कहा कि मदरसे में पढ़े युवा कट्टरपंथी सोच के होते हैं। उन्होंने अपील की कि यूरोपीय देश कट्टरपंथ को रोकने के लिए पाकिस्तान को दी जाने वाली फंडिंग रोके और पाकिस्तान के जीएसपी प्लस दर्जे को भी अस्थायी तौर पर स्थगित कर दे। यूरोपीय फैसिलिटेशन प्लेटफॉर्म की सीईओ इना सेफ्रानोवा ने भी पाकिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताई। उन्होंने पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के तहत मानवाधिकार उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं पर भी चिंता जताई और पाकिस्तान के जीएसपी प्लस दर्जे को स्थगित करने की मांग की।

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