ट्रंप की गाजा शांति योजना का आठ अरब- इस्लामी देशों ने किया स्वागत, कहा- यूएस की साझेदारी जरूरी

दुबई। आठ अरब और मुस्लिम बहुल देशों ने मंगलवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा युद्ध को खत्म करने और क्षेत्र में शामिल बहाल करने के लिए पेश की गई 20 बिंदुओं वाली योजना का स्वागत किया। यह योजना ट्रंप और इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच हुई बातचीत के बाद पेश की गई थी। इसमें गाजा युद्ध को तत्काल रोकने और हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों को 72 घंटों के भीतर रिहा करने का प्रस्ताव है।
हालांकि, हमास ने अभी तक इस शांति योजना को स्वीकार नहीं किया है। जिन देशों के विदेश मंत्रियों ने इस योजना का समर्थन किया है, उनमें जॉर्डन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), इंडोनेशिया, पाकिस्तान, तुर्किये, सऊदी अरब और मिस्र शामिल हैं। इन देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए अमेरिका के साथ साझेदारी जरूरी है।
संयुक्त बयान में कहा गया कि विदेश मंत्रियों ने राष्ट्रपति ट्रंपकी उस घोषणा का स्वागत किया है, जिसमें उन्होंने गाजा में युद्ध समाप्त करने, गाजा में पुनर्निर्माण करने, फलस्तीनी लोगों के विस्थापन को रोकने और शांति की दिशा में आगे बढ़ने की बात कही है। इन आठ देशों ने यह भी दोहराया कि वे अमेरिका के साथ मिलकर ऐसा व्यपाक समझौता चाहते हैं, जिससे गाजा में बिना किसी बाधा के पर्याप्त मानवीय मदद पहुंचाई जा सके और युद्ध का स्थायी समाधान निकले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहले इस योजना का स्वागत कर चुके हैं।
क्या है ट्रंप का 21 सूत्रीय शांति प्रस्ताव?
गाजा को आतंक मुक्त क्षेत्र बनाया जाएगा, ताकि वह पड़ोसी देशों के लिए कोई खतरा न बने।
गाजा का पुनर्निर्माण और विकास कार्य शुरू होगा, जिससे वहां के लोगों का जीवन बेहतर हो।
जैसे ही दोनों पक्ष इस योजना को स्वीकार करेंगे, इस्राइल तुरंत सैन्य अभियान रोक देगा और चरणबद्ध तरीके से गाजा से सेना हटाएगा।
इस्राइल के सार्वजनिक रूप से योजना स्वीकार करने के 48 घंटे के भीतर सभी बंधकों को रिहा किया जाएगा।
बंधकों की रिहाई के बाद इस्राइल सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों, 1000 से अधिक हिरासत में लिए गए गाजावासियों और फलस्तीनियों के शवों को लौटाएगा।
जो हमास सदस्य शांतिपूर्वक साथ रहने की शपथ लेंगे, उन्हें माफी दी जाएगी। जो बाहर जाना चाहेंगे, उन्हें सुरक्षित रास्ता और किसी इच्छुक देश में बसने की सुविधा मिलेगी।
समझौते के बाद मानवीय सहायता गाजा में बड़े पैमाने पर भेजी जाएगी। रोजाना कम से कम 600 ट्रक राहत सामग्री पहुंचेंगे।
सहायता सामग्री का वितरण संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रिसेंट जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की तरफ से किया जाएगा।
गाजा का प्रशासन फलस्तीनी तकनीकी विशेषज्ञों के हाथों में होगा, जिसे एक अंतरराष्ट्रीय समिति की निगरानी में चलाया जाएगा।
गाजा के लिए एक आर्थिक पुनर्निर्माण योजना बनाई जाएगी, जिससे निवेश और रोजगार के अवसर पैदा हों।
गाजा में विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित होगा, जहां करों में छूट और व्यापारिक सुविधाएं दी जाएंगी।
किसी भी निवासी को गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। जो बाहर जाएंगे, उन्हें वापस लौटने का अधिकार होगा।
गाजा की शासन व्यवस्था में हमास को कोई भूमिका नहीं मिलेगी और सभी आतंकी सुरंगें व सैन्य ढांचे नष्ट किए जाएंगे।
क्षेत्रीय देश यह सुनिश्चित करेंगे कि हमास और अन्य समूह समझौते का पालन करें।
अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की मदद से अस्थायी सुरक्षा बल गाजा में तैनात होंगे। ये सुरक्षा और स्थानीय पुलिस को प्रशिक्षण देंगे।
इस्राइल न तो गाजा का विलय करेगा और न ही स्थायी कब्जा।
अगर हमास प्रस्ताव को मानने में देरी करता है, तो पहले आतंक-मुक्त क्षेत्रों में यह योजना लागू होगी।
इस्राइल कतार पर हमला नहीं करेगा, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय गाजा संकट में कतार की मध्यस्थता की भूमिका को मान्यता देगा।
गाजा के लोगों को चरमपंथ से दूर करने के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
जब गाजा का पुनर्निर्माण और फलस्तीनी प्राधिकरण का सुधार कार्यक्रम पूरा हो जाएगा, तब भविष्य में फलस्तीनी राज्य का रास्ता खुल सकता है।
अमेरिका, इस्राइल और फलस्तीन के बीच लंबे समय तक के राजनीतिक समाधान पर बातचीत को आगे बढ़ाएगा।