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अमेरिका को भारतीय निर्यात में लगातार तीसरे महीने गिरावट

नई दिल्ली । भारत के अमेरिका निर्यात में गिरावट के संकेत मिल रहे हैं, क्योंकि सितंबर पहला पूरा महीना है जब प्रमुख उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू है। जीटीआरआई की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि अगस्त के आंकड़े आंशिक रूप से ही उच्च टैरिफ का असर दिखाते हैं। बताया गया कि 6 अगस्त तक 10 प्रतिशत, 27 अगस्त तक 25 प्रतिशत और 28 अगस्त के बाद 50 प्रतिशत टैरिफ लागू हुआ था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर में श्रेणी सी निर्यात पर पूर्ण 50% टैरिफ लागू होने के कारण टेक्सटाइल, आभूषण, झींगा, रसायन और सोलर पैनल जैसे सेक्टरों में गिरावट और गहरी हो सकती है। अमेरिका के निर्यात में लगातार तीसरे महीने गिरावट आई है। इसका मुख्य कारण टैरिफ में भारी बढ़ोतरी को माना जा रहा है। हालांकि ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि स्मार्टफोन और दवाइयों जैसे टैरिफ मुख्त निर्यात में अप्रत्याशित गिरावट आई है।
जीटीआरआई रिपोर्ट में बताया गया है कि श्रेणी सी के निर्यात, जो भारत से अमेरिका को होने वाले कुल निर्यात का 62.7 प्रतिशत है, को सबसे ज्यादा टैरिफ नुकसान का सामना करना पड़ा है। इस श्रेणी में निर्यात 10.8 प्रतिशत घटकर मई में 4.82 अरब अमेरिकी डॉलर से अगस्त 2025 में 4.30 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया।
यह गिरावट श्रम-प्रधान क्षेत्रों में केंद्रित रही है, जो मूल्य प्रतिस्पर्धा के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं। इस बीच, टैरिफ-मुक्त उत्पाद, जो भारत के अगस्त निर्यात का 28.5 प्रतिशत था। इसमें 41.9 प्रतिशत की तीव्र गिरावट देखी गई, जो मई में 3.37 अरब डॉलर से घटकर अगस्त में 1.96 अरब डॉलर रह गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तीव्र गिरावट का कारण, कंपनियों द्वारा उच्च टैरिफ से बचने के लिए फ्रंटलोडिंग करना है।
उद्योग संगठन भारत सरकार से शीघ्र कार्रवाई करने का आग्रह कर रहे हैं। साथ ही ब्याज समकारी योजना के तहत ब्याज सब्सिडी, शीघ्र शुल्क माफी और तरलता सहायता के रूप में सहायता की मांग कर रहे हैं। हालांकि घरेलू खपत को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी दर में कटौती लागू की गई है, लेकिन निर्यात-विशिष्ट राहत उपायों का अभी भी अभाव है।

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