अंतरराष्ट्रीय

अंतरिक्ष-समुद्री क्षेत्र में भारत-यूएई के बीच अहम समझौते की नींव तैयार, गोयल के दौरे में बनी सहमति

अबू धाबी । पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच पारस्परिक सुरक्षा समझौता के कारण बढ़ी नजदीकी के कारण भारत की निगाहें अब पश्चिम एशिया में अपनी पुरानी स्थिति मजबूत करने पर है। इस कड़ी में भारत की निगाहें क्षेत्र की एक और ताकत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पर है। भारत जल्द यूएई के साथ अंतरिक्ष और समुद्री क्षेत्र में कई अहम समझौते करने जा रहा है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के दो दिवसीय यूएई दौरे पर समझौते की जमीन तैयार कर ली गई है। इसे पाक-अरब समझौते के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।
भारत यूएई उच्चस्तरीय निवेश कार्यदल की 13वीं बैठक में शिरकत करने पहुंचे गोयल ने वहां अबूधाबी इंडिया बिजनेस फोरम में भी हिस्सा लिया। इस दौरान दोनों देशों के बीच अगले तीन वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को 200 अरब डॉलर तक पहुंचाने पर सहमति बनी है। ऊर्जा, तकनीक समेत कई अन्य क्षेत्रों में अहम समझौते के बाद दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष और समुद्री क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने पर व्यापक बातचीत हुई है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्दी ही दोनों देश इन क्षेत्रों में कई अहम समझौते पर सहमत होंगे।
यूएई में 42 लाख भारतीय हैं। यूएई पश्चिम एशिया में सऊदी अरब की तरह अहम ताकत है। दोनों देशों के बीच तेल के इतर दूसरे व्यापार में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। खासतौर पर ऊर्जा और तकनीक के क्षेत्र में दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हुए हैं। अंतरिक्ष को लेकर सौ से अधिक परियोजनाओं पर काम कर रहे यूएई को इस क्षेत्र में भारत की मदद की जरूरत है। दूसरी ओर भारत को अरब के सबसे बड़े बंदरगाह जबल अली पोर्ट की जरूरत है।
यूएई इस्राइल मामले में इस्लामिक देशों से अलग रुख अपनाने के कारण चर्चा में है। इस्राइल के कतर पर हमले के बाद 50 इस्लामिक देशों की बैठक में सांकेतिक उपस्थिति दर्ज करा कर यूएई ने नया रुख अपनाने का इशारा किया है। यूएई इस्राइल को मान्यता देने वाले चुनिंदा इस्लामिक देशों में शमिल है, जिसने पांच वर्ष पूर्व इस्राइल के साथ अब्राहम समझौता किया है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) हाई-टेक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है और भारत इस क्षेत्र में सहयोग की दिशा में देख रहा है। यूएई में दो दिवसीय दौरे के दौरान शीर्ष अधिकारियों, उद्योग जगत के नेताओं और भारतीय समुदाय से मुलाकातों के बाद गोयल ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘यूएई अब दुनिया भर से निवेश आकर्षित करने वाला एक बड़ा केंद्र बन चुका है। यह अफ्रीका, मध्य पूर्व और मध्य यूरोप के लिए गतिविधियों का हब है। भारत इस हब का लाभ उठाना चाहता है।’ गोयल ने आगे कहा, भारत तेजी से निवेश बढ़ाने के लिए उत्सुक है।

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