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यमन के बंदरगाह पर इस्राइल का हमला, हूती विद्रोहियों का एयर डिफेंस भेदने को की कार्रवाई

हुदेदा । यमन के हुदेदा बंदरगाह पर इस्राइल ने हमला किया है। हूती विद्रोहियों का एयर डिफेंस भेदने को की गई इस कार्रवाई में सैन्य ढांचे को निशाना बनाए जाने का दावा किया गया है। हूती विद्रोहियों के प्रवक्तायहया सारी ने बताया कि उनकी वायु-रक्षा प्रणाली के कारण इस्राइली विमानों को पीछे हटना पड़ा। उन्होंने कहा कि एयर डिफेंस सिस्टम से मिली चुनौती के कारण इस्राइली सेना के कुछ विमानों को यमन की वायुसीमा से पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा।
इस्राइली सेना ने दावा किया कि उसने मंगलवार को हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले बंदरगाह पर ‘सैन्य ढांचे’ को निशाना बनाया। इस्राइल के मुताबिक यमन की इस जगह का इस्तेमाल ईरान से हथियारों की आपूर्ति और इस्राइल के अलावा उसके सहयोगियों पर हमले की योजना बनाने के लिए होता है।
बंदरगाह हमला ऐसे समय में हुआ जब यमन की राजधानी सना में पिछले हफ्ते इस्राइली हमले में 31 लोगों के मारे जाने के बाद उनके अंतिम संस्कार संबंधी गतिविधियां हो रही थीं। हूती नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस्राइली हमलों में दर्जनों लोग मारे गए थे। हताहत होने वाले लोगों में पत्रकारों के अलावा आम नागरिक भी शामिल थे। बीते हफ्ते इस्राइल ने जो हमले किए इसमें यमन के सैन्य मुख्यालय, ईंधन स्टेशन और आवासीय इलाकों के अलावा राष्ट्रीय संग्रहालय और जव्फ प्रांत की राजधानी हज्म के कई सरकारी भवनों को भी भारी नुकसान हुआ।
पिछले सप्ताह इस्राइल के हमले से पहले हूती विद्रोहियों ने इस्राइल की तरफ एक ड्रोन लॉन्च किया था। यह दक्षिणी हिस्से में एक हवाई अड्डे से टकरा गया था। इस हमले में खिड़कियों के शीशे टूटे थे, जबकि एक व्यक्ति घायल हुआ था। इसके बाद इस्राइल ने पलटवार किया। उसने दावा किया कि हूती विद्रोहियों के खुफिया केंद्र, ईंधन भंडार और मीडिया प्रचार विभाग पर सटीक निशाना साधा गया। अंतिम संस्कार से जुड़ी तस्वीरें यमन के अल-मसीरा टीवी पर दिखाई गईं। बारिश के बीच शवयात्रा और मस्जिद में नमाज-ए-जनाजा हुई। खराब मौसम के कारण लोग कम दिखे लेकिन अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद लोगों ने इस्राइली हमले में 31 लोगों की मौत को देश के लिए ‘बहुत बड़ी क्षति’ बताया।
हूती विद्रोही बीते लगभग दो वर्षों से इस्राइल और उसके सहयोगियों को निशाना बनाने के लिए मिसाइल और ड्रोन से हमले कर रहे हैं। कई मौकों पर लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर भी हमले किए गए हैं। उनका कहना है कि गाजा पट्टी में फलस्तीनि लोगों के खिलाफ इस्राइल के हमले और दमन की कार्रवाई के विरोध में वे इस्राइली ताकतों के खिलाफ हमले कर रहे हैं।
इस्राइली हमले में पत्रकारों की मौत पर ‘कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने कहा, सना में सूचना प्रसारण का माहौल बेहद प्रतिबंधित है। हूती अधिकारियों ने तस्वीरें व वीडियो साझा करने पर रोक लगा रखी है। सूचनाओं की स्वतंत्र रूप से पुष्टि कठिन हो रही है। इस इलाके में मानवाधिकारों को लेकर काम करने वाली संस्था- ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने कहा, सना में इस्राइली हमले से मीडिया केंद्र और अखबारों के दफ्तरों को भी नुकसान हुआ। यमन में पत्रकारों पर मंडराते खतरे और गहरे हो रहे हैं।

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