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नोएडा के एमएसएमई उद्योग को मिल रही वैश्विक पहचान, आईटी और विनिर्माण क्षेत्र में अपार अवसर

नई दिल्ली । भारतीय अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की भूमिका बेहद अहम है। यह क्षेत्र न केवल रोजगार सृजन में योगदान देता है, बल्कि नवाचार और स्थानीय-क्षेत्रीय विकास को भी मजबूती प्रदान करता है। देशभर में एमएसएमई के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, फाइनेंस तक आसान पहुंच, सप्लाई चेन का आधुनिकीकरण, निर्यात क्षमता, कौशल विकास और नीति सुधार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहराई से विचार-विमर्श के लिए अमर उजाला एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव का आयोजन कर रहा है।
नोएडा में भारत कॉन्क्लेव का आयोजन 16 सितम्बर को दोपहर 11 से 2 बजे तक होगा। इसका अयोजन स्थल मॉडर्न पब्लिक स्कूल, सेक्टर-11 है। इस कार्यक्रम में उद्योग, व्यापार और विकास के क्षेत्र से जुड़े कई प्रमुख लोग शिरकत करेंगे।
कॉन्क्लेव का उद्देश्य एमएसएमई सेक्टर के लिए भविष्य की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना है। इसमें फंडिंग के नए विकल्प, मार्केटिंग और ब्रांडिंग की नवीन तकनीकें, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर जोर दिया जाएगा। साथ ही महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, एमएसएमई का वैश्विक विस्तार करने और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना के तहत स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के उपायों पर भी चर्चा होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मंच एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने में मदद करेंगे और उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए तैयार करेंगे। नोएडा के एमएसएमई उद्योग के लिए यह अवसर न केवल नई तकनीकों और वित्तीय विकल्पों को समझने का है, बल्कि स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का भी एक अहम कदम है। इस कार्यक्रम में उद्योग, व्यापार और विकास क्षेत्र से जुड़े कई प्रमुख प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, जो एमएसएमई क्षेत्र के विकास और नवाचार को नई दिशा देने के लिए अनुभव और सुझाव साझा करेंगे।
नोएडा में इलेक्ट्रॉनिक्स, और एप्पेयर एक्सपोर्ट प्रमुख उद्योग हैं। यह क्षेत्र नोएडा अथॉरिटी, रऐ और इलेक्ट्रॉनिक्स क्लस्टर जैसी सरकारी संस्थाओं और आधारभूत संरचना से समर्थित है। टरटए क्षेत्र में एचसीएल, मदरसन सुमी, एनआईआईटी टेक, नोएडा अपेरल सेंटर जैसे फर्म काम कर रहे हैं। ये कंपनियां प्रमुख रूप से आईटी, बीपीएम, इलेक्ट्रॉनिक्स और वस्रों के निर्यात से जुड़े क्षेत्रों में काम कर रही हैं।
नोएडा स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग इस समय कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती उत्पादन लागत, लॉजिस्टिक और परिवहन में भीड़भाड़, और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा उद्योग के लिए गंभीर समस्याएं बन गई हैं।
उद्योग जगत के अनुसार, इन कारणों से कई कंपनियों की लाभप्रदता प्रभावित हो रही है और नई तकनीकों में निवेश धीमा हो गया है। विशेषकर छोटे और मझोले उद्यम इन दबावों का सामना करने में अधिक असमर्थ दिख रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि अगर सरकार औद्योगिक नीतियों में सुधार नहीं करती और अवसंरचना के मुद्दों को प्राथमिकता नहीं देती, तो नोएडा का इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकता है।

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