आगरा

आगरा में बाढ़ से श्मशान डूबा, कैलाश-मंदिर के पट बंद:25 कॉलोनियों में पानी भरा

आगरा। आगरा में बाढ़ बेकाबू होती जा रही है। श्मशान घाट डूब गए हैं। ऐसे में लोगों को सड़क किनारे अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। मनोहरपुर की सड़क पर 2 किमी तक 4-5 फीट तक पानी भर गया है। इसकी वजह से 10 कॉलोनियों-गांवों के लोग कैद हो गए हैं। 25 कॉलोनियां जलमग्न हो गई हैं। 4000 लोग पलायन कर चुके हैं।
एहतियात के तौर पर कैलाश मंदिर के पट बंद कर दिए गए हैं। श्रद्धालुओं से मंदिर न आने की अपील की गई है। आरती स्थल पर भी बैरिकेडिंग कर दी है। हाथीघाट रोड पर 5-6 फीट तक पानी भर गया है। इसमें वाहन फंस रहे हैं। यहां एक घोड़ा गाड़ी भी उलट गई। घरों में पानी जाने से रोकने के लिए लोग मुख्य गेट पर ऊंची-ऊंची बाउंड्री करवा रहे हैं।
आगरा में यमुना खतरे के निशान 499 फीट से 2.3 फीट ऊपर बह रही है। बुधवार सुबह यमुना का जलस्तर 501.3 फीट पर पहुंच गया। गोकुल बैराज से नदी में 1,60,406 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसका असर आगरा में पड़ रहा है। यमुना किनारे के गांव और कॉलोनियां जलमग्न हो गए हैं।
आगरा के ताजगंज और पोइया घाट स्थित श्मशान घाट डूब गए हैं। ऐसे में मंगलवार को कुछ लोग अर्थी लेकर पोइया घाट पहुंचे थे लेकिन यहां श्मशान घाट के साथ-साथ यहां पहुंचने वाले रास्ते पर ही 2-3 फीट तक पानी भरा हुआ था। ऐसे में लोगों को शव का सड़क किनारे ही अंतिम संस्कार करना पड़ा।
मनोहरपुर से पोइया की तरफ जाने वाले रोड पर 2 किमी तक 4-5 फीट तक पानी भर गया है। इसकी वजह से मनोहपुर, मां गौरी टाउन, पोइया गांव, दयालबाग की ओर जाने का रास्ता बंद हो गया है। लोगों को कई किमी का चक्कर लगाकर जाना पड़ रहा है।
कैलाश महादेव मंदिर के प्रधान महंत भरत गिरी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कैलाश मंदिर के पट बंद रहेंगे। उन्होंने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे मंदिर की ओर न आएं। कैलाश गांव बाढ़ की चपेट में है। नगर निगम ने यमुना किनारा स्थित आरती स्थल पर बैरिकेडिंग कर दी है। जिससे कि लोग यमुना किनारे तक न जाएं।
आगरा में यमुना की बाढ़ का कहर नजर आ रहा है।?बल्केश्वर की शिव रेजीडेंसी में पानी पहुंच गया। रजवाड़ा में कमर तक पानी भर गया। यहां लोगों ने पानी रोकने के लिए सीमेंट की दीवार बनाना शुरू कर दिया। रामबाग के कटरा वजीर खां में गुड्डू, विमल, किशन, राहुल, मोहन, महेश सहित करीब 12 लोगों के मकान डूब गए।
स्थिति ये थी कि यहां लोग महिला और बच्चों को निकालने के लिए कूलर के टब का इस्तेमाल करते नजर आए। घर का जरूरी सामान टब में रखकर बाहर निकालने में लगे थे। यहां काली मंदिर और हनुमान मंदिर डूबा गया। यहां प्रशासन ने रेस्क्यू आॅपरेशन चलाकर लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। बाढ़ के डर से यहां के दर्जनभर परिवार ताला लगाकर घरों से पलायन कर गए हैं।
यमुना पार के केके नगर, फाउंड्री नगर स्थित रिवांश रिजॉर्ट और आसपास बनी फैक्ट्रियों के गेट तक पानी पहुंच गया है। इससे रिसॉर्ट की दीवारों में चटकन आ गई है। गेट पर जलभराव की वजह से सोमवार को कई फैक्ट्रियों में कामकाज प्रभावित रहा।
यमुना किनारा मार्ग के अंडर पासों में कई फुट पानी भर गया है। इससे मार्ग पर वाहनों का आवागमन अवरुद्ध हो गया है। मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। लोडिंग वाहन भी गल्ला मंडी तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। नदी का पानी बेलनगंज के रिहायशी इलाकों तक पहुंच रहा है। सेकसरियां इंटर कॉलेज मार्ग पर पानी भर गया है। यहां नाले बैक मार रहे हैं।
बल्केश्वर घाट से सटी कॉलोनी में लोगों ने बाढ़ से बचाव का खुद तरीका निकाला है। घाट से सटी कॉलोनी में लोगों ने सीमेंट की बोरियों से उसे कवर कर पानी को रोका। भरे हुए पानी को पंप लगाकर वापस यमुना में फेंका।

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