दिल्ली-NCR में बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति, 448 उड़ानें प्रभावित; गुरुग्राम में गंभीर हालात।

दिल्ली और एनसीआर में भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति
दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों ने हाल ही में बहुत भारी वर्षा का सामना किया, जिससे प्रशासन ने कई उपाय किए हैं। विशेष रूप से, गुरुग्राम में उपलब्ध जल निकासी व्यवस्थाओं की कमी के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। ऐसे में, स्थानीय प्रशासन ने घर से काम करने की सलाह दी है और इसे कार्यस्थलों पर लागू करने का निर्णय लिया है।
बारिश के कारण उत्पन्न चुनौतियाँ
सोमवार को, दिल्ली एनसीआर में तेज हवा के साथ भारी बारिश देखने को मिली। इसकी वजह से सड़कों पर जलभराव और यातायात जाम जैसी स्थिति बन गई। विभिन्न स्थानों पर, खासकर गुरुग्राम में, कीचड़ और पानी के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गईं। फरीदाबाद में भी बारिश ने स्थिति को गंभीर बना दिया, जिसके चलते सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया। विशेष रूप से दिल्ली के पालम क्षेत्र में, भारी बारिश के चलते 3 बजे दिन के समय दृश्यता का स्तर मात्र 800 मीटर रह गया, जिसके परिणामस्वरूप 400 से अधिक उड़ानें प्रभावित हो गईं।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने मंगलवार के लिए भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। खासकर गुरुग्राम में, जहां बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना है। इस संदर्भ में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, और बताया गया है कि फरीदाबाद में भी भारी बारिश हो सकती है। दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।
बाढ़ का खतरा
यमुना नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। अनुमान लगाया गया है कि मंगलवार तक यमुना का जल स्तर 205.33 मीटर तक बढ़ सकता है। ऐसे में, सरकार ने चेतावनी जारी की है और यमुना के निचले इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है। बाढ़ नियंत्रण टीमें 24 घंटे अलर्ट पर रहेंगी और नदी के किनारों के नजदीक रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा गया है।
सुरक्षा के उपाय
बाढ़ के खतरे को देखते हुए दिल्ली के आपदा प्रबंधन विभाग ने यमुना में संभावित जल स्तर वृद्धि के संबंध में निर्णय लिया है। यदि यमुना का जल स्तर मंगलवार शाम 5 बजे से 206 मीटर पार कर गया, तो पुराने रेलवे पुल को आवाजाही के लिए बंद कर दिया जाएगा। इस दौरान रेलगाड़ियों को सीमित गति से चलने की अनुमति दी जाएगी।
स्थिति की निगरानी
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यमुना में बाढ़ के संभावित खतरे के मद्देनजर कहा है कि नागरिकों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। सभी संबंधित विभागों को इस स्थिति के लिए तैयार रखा गया है, और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों की लगातार निगरानी की जा रही है।
हवाई यात्रा पर प्रभाव
हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भी सोमवार का दिन मुश्किल भरा रहा। भारी बारिश, तेज हवाओं और घने बादलों के चलते दिल्ली हवाई अड्डे पर 448 उड़ानें प्रभावित हुईं। इनमें से 95 उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि 353 उड़ानों में देरी हुई। यात्रियों से सलाह मांगी गई है कि वे अपनी एयरलाइंस से संपर्क में रहें और यात्रा की योजना को फिर से आवश्यकतानुसार समायोजित करें।
गुरुग्राम में बाढ़ की स्थिति
गुरुग्राम में मूसलधार बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी। यहाँ के गाँव कादरपुर में, अरवल्ली पर्वत श्रृंखला पर बांध का टूटना 5 से 6 फीट पानी से भरा हुआ था। कई घरों में जलभराव हुआ और स्थानीय निवासियों को अपना सामान सुरक्षित स्थान पर ले जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। शादी समारोह और अन्य सामाजिक कार्यक्रम भी बारिश की वजह से बाधित हुए।
कार्यस्थलों और स्कूलों के लिए निर्देश
गुरुग्राम जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा उपायुक्त ने भारी बारिश को ध्यान में रखते हुए, सभी कॉर्पोरेट कार्यालयों और निजी संस्थानों को अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहने का निर्देश जारी किया है। इसके साथ ही, सभी स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने की सलाह दी गई है।
बारिश की तीव्रता
सोमवार को, गुरुग्राम में दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक 100 मिमी से अधिक बारिश हुई। इसी दौरान, दिल्ली में भी बारिश हुई, जिसमें सफदरजुंग में 18.6 मिमी, पालम में 30.8 मिमी, अया नगर में 48.9 मिमी, और लोधी रोड पर 16.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। सबसे खराब स्थिति पालम हवाई अड्डे पर देखी गई, जहाँ दोपहर 3 बजे दृश्यता 800 मीटर तक गिर गई।
यातायात की स्थिति
बारिश के दौरान, दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। कई क्षेत्रों में पानी जमा हो गया था, जिसके कारण वाहन रेंगते हुए दिखाई दिए। गुरुग्राम में लंबा जाम देखने को मिला, जिससे लोगों को अपने गंतव्य तक पहुँचने में अत्यधिक समय लग रहा था।
मेट्रो सेवाओं का रुकना
दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर भी बारिश का असर पड़ा। मेट्रो सेवा एक घंटे से अधिक समय तक बाधित हुई, जब एक पेड़ गिर गया था। इस दौरान स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ बढ़ गई और उन्हें अपने गंतव्य तक पहुँचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हाल के सप्ताहों में यह तीसरी बार था, जब मेट्रो सेवाओं पर ऐसी प्रतिकूलता आई।
निष्कर्ष
दिल्ली और एनसीआर में हाल की भारी बारिश ने कई चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं, जिनसे निपटने के लिए प्रशासन ने आवश्यक कदम उठाए हैं। बाढ़ का खतरा, सड़कों पर जलभराव, और हवाई तथा मेट्रो सेवाओं में रुकावटें, सभी ने शायद इस क्षेत्र के निवासियों के जीवन को प्रभावित किया है। इस एकजुटता और सुरक्षा के माहौल में, प्रशासन ने मजबूत निगरानी बरती है और नागरिकों को सुरक्षित रहने की सलाह दी है।
हालांकि मौसम की स्थिति अनिश्चित हो सकती है, लेकिन अधिकारियों की तत्परता और नागरिकों का सहयोग एक स्थिरता लाने में महत्वपूर्ण साबित होगा। सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सतर्क रहें और किसी भी तरह की आपात स्थिति में दिशा-निर्देशों का पालन करें।