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अमेरिकी ‘ब्राह्मण’ की लड़ाई झारखंड पहुंची; निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर तंज कसा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो का विवादित बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने भारत के ‘ब्राह्मणों’ पर आरोप लगाया कि वे रूस से तेल खरीदने के बाद उसे बेचना चाहते हैं। इस बयान पर भारतीय राजनीति में हलचल मच गई है और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

नवारो का बयान और निशिकांत दुबे का पलटवार

पीटर नवारो ने कहा कि भारतीय ‘ब्राह्मण’ इस तेल खरीद के माध्यम से मुनाफा कमा रहे हैं, जोकि भारतीय जनता की कीमत पर हो रहा है। इस पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने निशाना साधते हुए सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राह्मण हैं और भारत सरकार तेल खरीदने में भाग हो रही है या कुछ निजी कंपनियां हैं।

निशिकांत दुबे ने अपने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे उठाते हुए कहा, “अमेरिका ने जो आरोप लगाया है, उसे समझने की जरूरत है। यदि भारत में तेल की खरीद की बात हो रही है, तो इसके पीछे निजी कंपनियों का हाथ है। उनसे यह भी पूछा कि क्या मोदी जी ब्राह्मण हैं?”

इस प्रकार, निशिकांत दुबे ने सीधे तौर पर अमेरिका को जवाब देने की कोशिश की, यह बताते हुए कि भारतीय राजनीति और व्यापार में किस प्रकार की विविधता है।

राहुल गांधी पर कटाक्ष

इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए, दुबे ने राहुल गांधी पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “लगता है कि राहुल गांधी की अज्ञानता का स्क्रिप्ट अमेरिका पहुँच चुका है।” उन्होंने याद दिलाया कि अमेरिका में कई प्रतिष्ठित कंपनियों के CEO ब्राह्मण हैं, जैसे सत्य नडेला, सुंदर पिचई, और इंदिरा नुई। उनके अनुसार, ये लोग अमेरिकन कॉर्पोरेट जगत में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

कांग्रेस नेता का समर्थन

हालाँकि, हर कोई नवारो के बयान का विरोध नहीं कर रहा है। कांग्रेस नेता उदित राज ने इस बयान को सही ठहराते हुए कहा कि भारत में उच्च जाति के लोग अधिकांश बड़ी कंपनियों को चला रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये कंपनियाँ रूस से सस्ता तेल खरीदती हैं, उसे रिफाइन करती हैं, और फिर उसे महंगे दाम पर बेचती हैं।

उदित राज ने यह भी कहा, “सच्चाई यह है कि आम भारतीयों को इससे कोई लाभ नहीं हो रहा है और केवल उच्च जाति के कारोबारी ही इससे लाभान्वित हो रहे हैं।”

ट्रंप के सलाहकार का दृष्टिकोण

पीटर नवारो ने कहा कि ‘ब्राह्मण सबसे विपरीत स्थिति में हैं क्योंकि वे भारतीय जनता की कीमत पर लाभ उठा रहे हैं।’ उन्होंने एक इंटरव्यू में यह भी कहा कि भारत को रूस से सहयोग नहीं करना चाहिए और इसे रोकने की जरूरत है। उन्होंने भारतीय नेताओं से अपील की कि वे रूस और चीन के साथ समझौता करने से पहले सोचें।

इसके अंतर्गत, नवारो ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महान नेता हैं, लेकिन यह समझना होगा कि ये समझौते किसकी कीमत पर हो रहे हैं।”

अमेरिका-भारत के रिश्तों में खटास

पीटर नवारो का यह बयान इस समय आया है जब अमेरिका और भारत के संबंधों में पहले से ही तनाव चल रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिसे भारत ने “अनुचित” कहा।

इस प्रकार, नवारो ने न केवल भारत पर आरोप लगाए, बल्कि अमेरिका की व्यापार नीति को भी एक नई दिशा दिखाई है।

निष्कर्ष

यह विवाद उस समय उठ रहा है जब वैश्विक राजनीति में न केवल आर्थिक मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, बल्कि जातीयता और वर्ग भेद भी एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। भारत में ये मुद्दे राजनीतिक चर्चा का मुख्य केंद्र बन जाते हैं और दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे इस विवाद का समाधान कैसे होता है और क्या इससे दोनों देशों के संबंध प्रभावित होते हैं।

इस प्रकार, अमेरिकी व्यापार नीति और भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संबंधों पर नज़र रखना आवश्यक होगा, ताकि यह समझा जा सके कि वैश्विक बाजार में किस तरह के बदलाव आ रहे हैं और इनका सामाजिक ढांचे पर क्या असर पड़ेगा।

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