सोमवार की बरसात के बाद शहर में गंभीर जलभराव और交通混乱 की स्थिति बनी।

मथुरा न्यूज – वाटरलॉगिंग ने राहगीरों के कदमों को रोक दिया
सोमवार को हुई बारिश के बाद मथुरा शहर में जलभराव की स्थिति ने लोगों के जीवन को प्रभावित किया। विभिन्न क्षेत्रों में भारी जलभराव ने शहर को कई भागों में विभाजित कर दिया। भूटेश्वर रेलवे अंडरपास में जलभराव के कारण राहगीरों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा। नए बस स्टैंड में जलभराव के चलते यात्रियों को रेलवे पुल से गुजरने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसी प्रकार, बीएसए रोड और नए बस स्टैंड के सामने जलभराव कई घंटों तक बना रहा।
जलभराव की स्थिति
शहर में हुए जलभराव ने यात्रियों और ड्राइवरों को भारी परेशानी में डाल दिया है। राष्ट्रीय राजमार्ग की सेवा लेन में बाढ़ आई हुई थी और सड़कें गड्डों में तब्दील हो गई थीं। बारिश के शुरुआती घंटों में ही पानी सड़क पर भर गया, जिससे सड़कों पर आवाजाही असंभव हो गई।
सोमवार को सुबह और दोपहर के दौरान हुई बारिश ने पान शहर की सड़कों पर यातायात को ठप कर दिया। नए बस स्टैंड के पास रेलवे अंडरपास में भरे पानी ने यात्रियों और ड्राइवरों के लिए मुश्किलें पैदा कर दीं। भूटेश्वर रेलवे ब्रिज और बस स्टैंड रेलवे ब्रिज में भी बाढ़ आ गई, जिसके कारण राहगीरों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
पैदल यात्रियों की समस्याएँ
वाटरलॉगिंग के कारण बाइक राइडर्स और पैदल यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कई यात्रियों ने पुल पर चढ़कर रेलवे लाइन को पार किया। कंकली रोड भी जलभराव से प्रभावित हुआ और यहां जल स्तर कई फीट तक पहुंच गया, जिसके परिणामस्वरूप दो शाखाएँ बंद करनी पड़ीं। वाहन मालिकों को अपने वाहनों को धकेलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
घरों में दरारें
सड़कें नुकसान का सामना कर रही थीं, जिससे घरों में दरारें आ गईं। बिड़ला मंदिर के पास, बारिश के चलते इंटर लॉकिंग सड़क ढह गई थी। यहां, दो शाखा के मालिक पानी में फंसे हुए थे और संकीर्ण रूप से बच गए। जलभराव के कारण कई घरों में दरारें भी पाई गईं, जिससे स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ गई है।
जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने इस समस्या को लेकर भारी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से जलभराव से जूझ रहे हैं, लेकिन शासन और प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। कई लोगों का कहना था कि बारिश के बाद जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
निगम की तैयारी
मथुरा नगर निगम को इस स्थिति के प्रति अधिक सक्रिय रहने की आवश्यकता है। जल निकासी की व्यवस्था को सुधारना और सड़कों की मरम्मत करना अनिवार्य है। नागरिकों ने यह भी मांग की है कि प्रशासन को रेन वॉटर हार्वेस्किंग के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि ऐसा नुकसान भविष्य में न हो।
भविष्य की चुनौती
वाटरलॉगिंग सिर्फ मथुरा में नहीं, बल्कि पूरे देश में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। हर वर्ष, बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या अलग-अलग शहरों में उत्पन्न होती है। इसे रोकने के लिए विभिन्न स्तरों पर योजना बनाने की आवश्यकता है। इसके लिए न केवल स्थानीय प्रशासन को, बल्कि नागरिकों को भी सहयोग करना होगा।
निष्कर्ष
इस बारिश ने मथुरा के निवासियों को एक बार फिर याद दिला दिया कि जल निकासी और बुनियादी ढांचे की स्थिति कितनी महत्वपूर्ण है। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रशासन इस समस्या का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी परिस्थितियों का सामना न करना पड़े।
मथुरा के नागरिकों की अपेक्षाएँ हैं कि प्रशासन इस समय की गंभीरता को समझे और जल्द ही आवश्यक कदम उठाए ताकि स्थानीय लोगों को राहत मिल सके।