किशोरों के लिए आवश्यक टीकों की जानकारी: कौन से टीके लगवाने चाहिए, जानें डॉक्टर से।

किशोरों में टीकाकरण
किशोरावस्था एक महत्वपूर्ण काल है, जिसमें शारीरिक और मानसिक विकास की प्रक्रियाएँ होती हैं। इस उम्र में किशोरों की देखभाल करना और उन्हें समझना अत्यंत आवश्यक है। इसी समय, उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। 10 से 16 साल के बीच किशोरों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना आवश्यक है, ताकि वे विभिन्न बीमारियों से संरक्षित रह सकें। इसलिए, नियमित टीकाकरण जरूरी है।
किशोरों के लिए आवश्यक टीके
1. एचपीवी वैक्सीन
एचपीवी, यानी मानव पैपिलोमावायरस, सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण है। यह वैक्सीन विशेष रूप से लड़कियों के लिए अनिवार्य है। यदि लड़कियों को 9 से 14 वर्ष की आयु में यह टीका लगाया जाता है, तो उन्हें इस गंभीर बीमारी से बचाया जा सकता है। 15 वर्ष और उससे अधिक की आयु में, वैक्सीन की तीन खुराक दी जाती है। लड़कों को भी एचपीवी संक्रमण का खतरा होता है, इसलिए उन्हें भी यह टीका लगवाना चाहिए।
2. टेटनस, डिफिथिरिया और पैराटुसिस (टीडीएपी)
टेटनस, डिफिथिरिया, और पैराटुसिस ऐसी बीमारियाँ हैं जो बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए घातक हो सकती हैं। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए ये बीमारियाँ ज्यादा जोखिम वाली होती हैं। किशोरों को 11 से 12 साल की आयु में इस टीके का लगवाना आवश्यक है, ताकि वे संक्रमण से सुरक्षित रह सकें।
3. मैनिंगोकोकल वैक्सीन
किशोर अक्सर भीड़ भरे स्थानों में रहते हैं, इसलिए менिन्जाइटिस के खिलाफ टीकाकरण आवश्यक है। यह बीमारी तेज बुखार और सिरदर्द का कारण बनती है और मस्तिष्क तथा रीढ़ की हड्डी को प्रभावित कर सकती है। यदि इस बीमारी का समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। मैनिंगोकोकल वैक्सीन के साथ-साथ एक बूस्टर डोज़ भी दी जाती है।
4. हेपेटाइटिस ए और बी
हेपेटाइटिस ए और बी दोनों बहुत गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हैं, जो आमतौर पर भोजन और पानी के माध्यम से फैलती हैं। किशोरों के लिए इन टीकों को लगवाना आवश्यक है, खासकर जब वे असुरक्षित यौन संबंध रखते हैं या संक्रामक रक्त के संपर्क में आते हैं। ये दोनों टीके जिगर की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।
5. फ्लू वैक्सीन
भारत में मौसमी परिवर्तन के कारण फ्लू का टीका लगवाना भी आवश्यक है। विशेषकर उन बच्चों के लिए जो अस्थमा या एलर्जी की समस्याओं से ग्रसित हैं। फ्लू का टीका संक्रमण से सुरक्षित रखने में मदद करता है।
निष्कर्ष
किशोरावस्था में नियमित टीकाकरण से भविष्य में बीमारियों से बचने में मदद मिलती है। माता-पिता को अपने किशोर बच्चों का समय पर टीकाकरण कराना चाहिए। यदि टीकाकरण के बारे में कोई सवाल हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
सामान्य प्रश्न
1. बच्चों को कितने टीके मिलते हैं?
भारत में बच्चों को 12 से 15 विभिन्न टीके लगते हैं, जिनमें बीसीजी, हेपेटाइटिस बी, रोटावायरस, डीटीपी, पोलियो, खसरा, और कोविड-19 शामिल हैं।
2. टीका लगाने के बाद बुखार होने पर क्या करना चाहिए?
टीकाकरण के बाद बुखार एक सामान्य प्रतिक्रिया है, जो यह दर्शाता है कि शरीर संक्रमण से लड़ रहा है। बुखार को कम करने के लिए पेरासिटामोल दिया जा सकता है।
3. लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन क्यों मिलनी चाहिए?
एचपीवी वैक्सीन जननांग मौसा और ग्रीवा कैंसर को रोकता है। इसलिए, लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन का टीकाकरण कराया जाना चाहिए ताकि भविष्य में कैंसर से बचा जा सके।
किशोरों के लिए टीकाकरण केवल स्वास्थ्य की रक्षा नहीं बल्कि उनके भविष्य को सुरक्षित रखने का एक जरिया भी है। इससे न केवल वे बीमारियों से बचेंगे, बल्कि उन्हें एक स्वस्थ और लंबे जीवन की ओर बढ़ने का अवसर भी मिलेगा। माता-पिता को इस दिशा में सजग रहने की आवश्यकता है, ताकि उनके बच्चे सही समय पर सभी आवश्यक टीके लगवा सकें और एक स्वस्थ जीवन जी सकें।