ज्योतिष

कानपुर में 75वें राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन: ज्योतिषाचार्य मनोज द्विवेदी को वैदिक विभूषण सम्मान मिला।

कानपुर में आयोजित 75वें राष्ट्रीय ज्योतिष महासम्मेलन में ज्योतिषाचार्य मनोज द्विवेदी को मिला वैदिक विभूषण सम्मान

कानपुर की मेयर प्रामिला पांडे ने वैदिक विभूषण सम्मान ज्योतिषाचार्य मनोज द्विवेदी को प्रदान किया। इस सम्मान समारोह का आयोजन पद्मेश इंस्टीट्यूट ऑफ वैदिक साइंसेज और सौमित्रा दुबे फाउंडेशन द्वारा किया गया था।

इस सम्मेलन के दौरान, कानपुर के श्याम नगर निवासी पंडित मनोज द्विवेदी को उनके उत्कृष्ट कार्य और योगदान के लिए इस सम्मान से नवाजा गया। कार्यक्रम में कई सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इसे और भी विशिष्ट बना दिया।

मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद राज्यसभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने इस मौके पर देश भर से आए ज्योतिष और वेद पुराण के विद्वानों को भी सम्मानित किया। उन्होंने ज्योतिष के क्षेत्र में किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम विद्या और विज्ञान के समागम को दर्शाते हैं।

कार्यक्रम में पंडित का दुबे ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने मनोज द्विवेदी को अपने प्रिय शिष्यों में से एक बताया और कहा कि उनका कार्य ज्योतिष की दिशा में महत्वपूर्ण है। पंडित का दुबे ने ज्योतिष के क्षेत्र में उनके योगदान को सराहा और कहा कि ऐसे युवा ज्योतिषियों की आवश्यकता है जो इस शास्त्र को और आगे बढ़ाएं।

इस कार्यक्रम का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह था कि इसमें ग्रहों और नक्षत्रों का अध्ययन करने के लिए विशेष Pheys बनाए गए थे। इस प्रस्तुति ने ज्योतिष के अध्ययन में आधुनिक दृष्टिकोण को विकसित करने का प्रयास किया।

सम्मेलन में मौजूद अनेक गणमान्य व्यक्तियों में कानपुर के सांसद रमेश अवस्थी, विधायक अरुण पाठक, क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल, विधायक महेश त्रिवेदी, सुरेश मैथानी और नीलिमा कटियार ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया।

ज्योतिषाचार्य मनोज द्विवेदी की खास बात यह है कि वे हुबम द्विवेदी के चाचा हैं, जो हाल ही में एक आतंकवादी हमले में मारे गए थे। यह त्रासदी न केवल परिवार बल्कि सम्पूर्ण क्षेत्र के लिए एक गंभीर क्षति थी। मनोज द्विवेदी ने इस कठिन समय में मजबूत रहने की प्रेरणा दी और उन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव से समाज को फलने-फूलने में मदद करने का वचन दिया।

इस सम्मेलन ने न केवल ज्योतिष के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि यह भी दर्शाया कि हमारे विद्वान किस प्रकार समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उनकी विद्या न केवल व्यक्तिगत जीवन में सुधार लाने में सहायक होती है, बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं को सकारात्मक दिशा में प्रभावित भी कर सकती है।

इस महोत्सव का आयोजन एक तरह से भारतीय संस्कृति और परंपरा के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक और प्रयास था। सम्मेलन के आयोजनकर्ताओं ने इस दिशा में बड़ी मेहनत की, ताकि ज्योतिष की इस प्राचीन विद्या को सही पहचान मिल सके।

आगामी समय में इस प्रकार के और भी सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को ज्योतिष के प्रति जागरूक किया जा सके और वे इसके लाभ उठा सकें।

कुल मिलाकर, इस सम्मेलन ने ज्योतिषाचार्य मनोज द्विवेदी को एक नई पहचान और समाज में उनकी भूमिका को और भी मज़बूत किया। उनकी उपलब्धियां न केवल व्यक्तिगत हैं, बल्कि वे समाज के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बनेंगी।

यही नहीं, सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने इस मोके का लाभ उठाया और ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं को समझने की कोशिश की। यह एक ऐसा समागम था, जिसने न केवल विद्या के सागर में गहराई से गोताखोरी की बल्कि भारतीय संस्कृति के अद्भुत ज्ञान को भी उजागर किया।

उम्मीद है कि आगामी समय में ऐसी और भी पहल होंगी जो ज्योतिष जैसे महत्वपूर्ण विषय को जन-जन तक पहुंचाने में सहायता करेंगी। समाज में जागरूकता लाने का यह एक महत्वपूर्ण कदम है और ऐसे कार्यक्रमों से ही हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ा सकते हैं।

इस प्रकार के आयोजन न केवल महान विद्वानों को सम्मानित करते हैं, बल्कि यह सभी के लिए एकत्रित होकर सीखने का अवसर भी प्रदान करते हैं। इससे न केवल ज्ञान का संचार होता है, बल्कि आपसी समर्पण और आदान-प्रदान की भावना भी जागृत होती है।

अंत में, इस सम्मेलन ने प्रमाणित किया कि ज्योतिष की विद्या केवल भविष्य की भविष्यवाणी करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन को एक सुखद दिशा में ले जाने का एक सशक्त साधन भी है। इस क्षेत्र में और भी अधिक शोध और अध्ययन की आवश्यकता है ताकि हम इसे सही रूप में समझ सकें एवं अपने जीवन को और भी बेहतर बना सकें।

इस प्रकार की गतिविधियाँ हमें यह समझने में मदद करेंगी कि हमारे पारंपरिक ज्ञान का महत्व क्या है और इसे कैसे बेहतर तरीके से अपने जीवन में उतारा जा सकता है।

आने वाले समय में ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम ज्योतिष की विद्या का सही और व्यापक उपयोग कर सकेंगे। यह ना केवल हमारे लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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