मथुरा

मथुरा में अब बंदर परेशान नहीं करेंगे:श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने उपाय निकाला,

कहा- बंदरों को भगाओ नहीं, उनको भोजन दो

मथुरा। मथुरा में हिंसक हो चुके बंदरों की समस्या से निजात पाने के लिए श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने एक पहल की है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने बंदरों को भगाने की बजाय अब उनको भोजन देना शुरू किया है।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान की इस पहल के अब सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। बंदर अब हिंसा छोड़कर वहां आराम से भोजन करते हैं और दिन भर मस्ती करते हैं।
मथुरा-वृंदावन में बंदरों की समस्या विकराल है। इससे निजात के लिए कई बार आंदोलन हुए। सांसद हेमा मालिनी ने मंकी सफारी बनाने का प्रस्ताव दिया तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हनुमान चालीसा का पाठ करो बंदर परेशान नहीं करेंगे। नगर निगम ने कई बार बंदरों को पकड़ने के ठेका दिए, लेकिन समस्या जस की तस रही।
भगवान श्रीकृष्ण की जन्म स्थली श्री कृष्ण जन्मस्थान पर प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए आते हैं। यह श्रद्धालु जब भगवान का भोग प्रसाद या अन्य कोई खाने-पीने का सामान लेकर जाते थे। उस समय यह बंदर उन पर हमला कर देते थे। जिसके कारण कई बार श्रद्धालु चोटिल भी हो जाते थे। यहां हर महीने 25 से 30 श्रद्धालु बंदरों के हमले में घायल होते थे।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर पर बंदरों के बढ़ते आतंक को देखते हुए कई बार उससे निजात के लिए कई बार प्रयास किये। संस्थान ने बंदरों को भगाने के लिए लंगूर रखे।
बंदर कुछ दिन तो डरे, लेकिन उसके बाद बंदरों के गुट ने लंगूर को ही भगा दिया। इसके बाद संस्थान ने बंदरों को भगाने के लिए 4 कर्मचारी भी रखे। जिसके लिए प्रत्येक कर्मचारी को 20 हजार रुपए प्रति महीने दिए जाते थे। लेकिन कर्मचारी एक जगह से बंदर भगाते तो वह दूसरी जगह पहुंच जाते।
बंदरों की समस्या से जब कोई निजात नहीं मिली तो श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने मंथन किया कि आखिर बंदर हमला क्यों कर रहे हैं। करीब 15 दिन तक बंदरों पर नजर रखने के बाद पता चला कि वह खाने की चीज पाने के लिए हिंसा करते हैं। इसके बाद संस्थान सचिव ने श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर परिसर में रह रहे करीब ढाई हजार बंदरों के लिए खाने पीने का इंतजाम शुरू किया।
श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने बंदरों को परिसर में 3 जगह खाना डालना शुरू किया। संस्थान ने मंदिर के केशव वाटिका स्थित कूप ,गौशाला और आयुर्वेद भवन के पीछे खुले स्थान में खाना डालना शुरू किया।
जिसमें चने, मूंगफली, रोटी, गाजर और सब्जियां दी जाती हैं। भरपेट भोजन मिलने का नतीजा यह हुआ कि बंदर हिंसा छोड़ मस्ती करने लगे। यह बंदर भोजन करते हैं। मस्ती करते हैं और पेड़ों के नीचे आराम से सोते हैं।
श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि भरपेट भोजन मिलने के बाद बंदरों के स्वभाव में बहुत बदलाव देखने को मिला है। अब बंदर किसी पर हमला नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि परिणाम सकारात्मक आये हैं इसलिए अब इस पहल को वह आगे बढ़ाएंगे।
इसके लिए वह मथुरा वृंदावन के अन्य मंदिरों से जुड़े प्रबंधन,संस्थाओं से बात करेंगे। जिससे वह भी बंदरों को भरपेट भोजन कराएं और इनको हिंसक होने से रोकें। कपिल शर्मा ने बताया कि जब इंसान को भरपेट भोजन नहीं मिले तो वह भी भोजन के लिए प्रयास करता है फिर यह तो जीव हैं।

Related Articles

Back to top button