25 अगस्त को इन क्षेत्रों में तीव्र बारिश, अगले 7 दिनों के लिए चेतावनी जारी।

मौसम पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, वेस्ट कोस्ट पर बारिश की गतिविधियाँ 26 अगस्त 2025 से बढ़ने की संभावना है। अगले 7 दिनों में, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है। 25 से 26 अगस्त के बीच जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में वर्षा की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा, 25 से 27 августа तक राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में भी बारिश हो सकती है।
पंजाब में 25 से 26 अगस्त तक बारिश का पूर्वानुमान है और एक बार फिर 29 और 30 अगस्त को बारिश होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में भी 25, 29, और 30 अगस्त को कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में अगले 7 दिनों में और अगले 3 दिनों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के साथ ही ओलों की संभावना भी है। इसके बाद, अगले 4 दिनों में छिटपुट बारिश की संभावना बनी रहेगी।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अन्य क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 6-7 दिनों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ क्षेत्रों में भी भारी बारिश देखने को मिल सकती है। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 25, 29 और 30 अगस्त को बारिश होने की संभावना है। बिहार के कुछ हिस्सों में 25 और 30 अगस्त को बारिश हो सकती है। झारखंड में 25, 28 और 29 अगस्त को वर्षा की बात कही गई है। विदर्भ क्षेत्र में भी 28 से 30 अगस्त के बीच बारिश का पूर्वानुमान है। ओडिशा के कुछ हिस्सों में 25 और 26 अगस्त को बहुत भारी बारिश का खतरा है।
कोंकण और गोवा के अलावा अन्य क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 7 दिनों में गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है। कोंकण और गोवा में 25 से 30 अगस्त तक बारिश हो सकती है। मध्य महाराष्ट्र को 27 से 30 अगस्त के बीच भारी बारिश का सामना करना पड़ सकता है। 28 अगस्त को कोंकण और गोवा में अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। इसी समय तटीय आंध्र प्रदेश और यानम में भी 25 और 26 अगस्त को भारी बारिश की बात की गई है। तटीय कर्नाटक के लिए 27 से 29 अगस्त के दौरान बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
बारिश के कारण संभावित प्रभाव
बारिश के इस पूर्वानुमान के चलते कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। अत्यधिक वर्षा से सड़क परिवहन में बाधाएं आ सकती हैं, और कृषि क्षेत्रों में फसलों को भी नुकसान पहुँच सकता है। नगर निगम और सरकारी एजेंसियों को पहले से तैयार रहने की सलाह दी गई है, ताकि आपातकालीन सेवाएँ उपलब्ध कराई जा सकें।
सुरक्षा उपाय
स्थानीय प्रशासन को सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। लोगों को जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहने, और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जाती है। साथ ही, बारिश के दौरान यात्रा करते समय सतर्क रहने की भी आवश्यकता है, क्योंकि सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं और दृश्यता भी कम हो सकती है।
कृषि और वर्षा
कृषि के दृष्टिकोण से, इस बारिश का सीधा प्रभाव फसलों पर पड़ेगा। किसान बुवाई का काम सरलता से कर सकेंगे यदि समय पर बारिश होती है। हालांकि, अत्यधिक बारिश फसल नुकसान का कारण बन सकती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम की जानकारी को ध्यान में रखते हुए अपने कार्यों की योजना बनाएं।
निष्कर्ष
अंततः, आगामी दिनों में बारिश का पूर्वानुमान विभिन्न क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है। इससे preparedness की आवश्यकता है और स्थानीय प्रशासन को उचित कदम उठाने की जरूरत है ताकि वर्षा के संभावित प्रभावों को कम किया जा सके। साथ ही, नागरिकों को भी सजग रहकर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
अब देखते हैं कि मौसम विभाग की भविष्यवाणियां कितनी सटीक साबित होती हैं और इस बारिश के बाद के दिनों में स्थितियाँ कैसी रहती हैं।