नेपाल-चीन संयुक्त सैन्य अभ्यास: पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाली सेना के साथ भारत के पड़ोसियों की भागीदारी का बढ़ता महत्व।

नेपाल और चीन की सेना संयुक्त अभ्यास करने जा रही है। इस अभ्यास में लगभग 150 सैनिक भाग लेंगे। भारत नेपाल और चीन की इस प्रथा को बारीकी से देख रहा है। नेपाली और भारतीय सेना के घनिष्ठ संबंध हैं।
सैन्य अभ्यास का विवरण
चीन और नेपाल के बीच यह अनोखा सैन्य अभ्यास 9 दिनों तक चलेगा। इसके दौरान, विभिन्न प्रकार के सैन्य अभियान किए जाएंगे, जैसे कि आपदा प्रबंधन, मानवता सहायता और आतंकवाद के खिलाफ रणनीतियां। अभ्यास में आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) की पहचान और नष्ट करने की तकनीकें, चेक प्वाइंट संचालन, घुसपैठ के खिलाफ रणनीतियां और सशस्त्र बचाव मिशन कथित तौर पर शामिल होंगे।
चीन के चोंगिंग में शहरी माहौल में एक आतंकवाद विरोधी अभियान के लिए हाल ही में हुए प्रशिक्षण से भी इस अभ्यास के उद्देश्य को समझने में मदद मिलती है। नेपाल और चीनी सेना के बीच पहला ‘सागरमाथा’ सैन्य अभ्यास वर्ष 2017 में शुरू हुआ था, लेकिन 2019 में इसकी गतिविधियों को कोरोनावायरस महामारी के कारण रोकना पड़ा। अब, यह अभ्यास पुनः 2023 में प्रारंभ होने जा रहा है।
नेपाल के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मनोज कुमार आचार्य ने कहा कि यह अभ्यास नेपाल-चीन द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सैन्य सहयोग का हिस्सा है और इसे आपसी ज्ञान साझा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत इस सभी घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहा है। भारतीय सेना के साथ विशेष तालमेल के तहत, नेपाल के साथ ‘सूर्या किरण’ नामक सैन्य अभ्यास होता है जिसमें हर साल कम से कम 300 सैनिक हिस्सा लेते हैं। यह अभ्यास पिछले 19 वर्षों से चल रहा है और इसमें मुख्य रूप से आपदा प्रबंधन और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में युद्ध प्रशिक्षण शामिल हैं।
नेपाल और चीन के बीच बढ़ती सैन्य मित्रता भारत के लिए चिंता का विषय है। ऐसी घटनाओं से स्पष्ट होता है कि चीन नेपाल में अपने राजनयिक और सैन्य प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। भारत को चिंता है कि इससे क्षेत्र में शक्ति संतुलन प्रभावित हो सकता है।
इसके अलावा, बांग्लादेश के सेना प्रमुख भी हाल ही में चीन की यात्रा पर गए थे, जहाँ उन्होंने अपनी सेना के लिए आवश्यक हथियारों और सैन्य सहयोग पर चर्चा की। यह सब घटनाएं भारत के लिए एक नई चुनौती पैदा कर रही हैं, क्योंकि वह अपनी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।