जापान ने टीक से बंद दरवाजे खोले: अब अफ्रीकी युवाओं के गृहनगर बनते शहर क्यों? – जनसांख्यिकीय संकट में आप्रवासियों का स्वागत।

हाल ही में, जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) ने एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है, जिसके तहत चार जापानी शहरों को चयनित अफ्रीकी लोगों का गृहनगर बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह कदम तब उठाया गया है जब जापान हमेशा से वीजा नीतियों के मामले में सख्त माना जाता रहा है। यहां अफ्रीकी जनसंख्या को न केवल बसने का अवसर मिलेगा, बल्कि उन्हें अपने नए घर के रूप में इस देश को अपनाने की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। इस बदलाव का महत्व और इसकी पृष्ठभूमि समझने की आवश्यकता है।
जापान की जनसंख्या धीरे-धीरे घटती जा रही है, जबकि अफ्रीका एक युवा महाद्वीप है। इस देश में उच्च जीवन स्तर और समृद्धि है, जबकि अफ्रीका आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। जापान की श्रम शक्ति में कमी के कारण, इसमें और अफ्रीका के संसाधनों का संयोजन एक नया अवसर उत्पन्न कर सकता है। इस प्रकार, जापान ने अपने दरवाजे खोलने का निर्णय लिया है और अब युवा अफ्रीकियों को आमंत्रित कर रहा है।
आंकड़े भी इस स्थिति को स्पष्ट करते हैं। जैसे-जैसे जनसंख्या में वृद्ध होती जा रही है, जनसंख्या किसी विशेष संकट की ओर बढ़ रही है। इसके कारण, टोक्यो सरकार ने इसे एक मूक आपातकाल मानते हुए नए उपायों की तलाश शुरू कर दी है। वर्ष 2024 में, जन्मों की संख्या में एक मिलियन से अधिक की कमी आने की आशंका है।
क्या देश में जन्म दर को बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए?
जापान ने जन्म दर को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए हैं, जैसे कि महिलाओं के लिए कार्यभार कम करना और उन्हें मातृत्व अवकाश देने की सुविधाएं। हालाँकि, ये उपाय सफल नहीं हुए और जन्म दर में कोई सकारात्मक वृद्धि नहीं देखी गई। अब जनसांख्यिकी समस्याओं के समाधान के लिए एक नई रणनीति अपनाई जा रही है। टोक्यो सरकार ने चार अफ्रीकी देशों के युवा जोड़ों को आने के लिए आमंत्रित करने का निश्चय किया है।
बसने की योजना
तंजानिया, नाइजीरिया, घाना और मोजाम्बिक के लोग, इन चार चुने हुए शहरों में निवास करेंगे। मानव संसाधनों के इस लेन-देन के माध्यम से, जापान को आशा है कि वह अपनी जनसंख्या के गिरते ग्राफ को रोक सकेगा। इन शहरों में मौजूदा जनसंख्या कम है, और इसका नेतृत्व करने के लिए नई शक्ति की आवश्यकता है।

नवागंतुक शरणार्थी होंगे या कुछ और?
इन नए सिरे से आमंत्रित लोगों को विशेष रूप से काम प्रदान किया जाएगा या उनके अध्ययन कार्य के लिए वीजा दिया जाएगा। इसका लक्ष्य युवा लोगों को लाना है जो जल्द ही जापानी भाषा और संस्कृति सीख सकें। इस प्रक्रिया के अंतर्गत उन्हें उचित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
गृहनगर का मतलब
जब नए लोग एक अनजान देश में आते हैं, तो उन्हें सांस्कृतिक झटका महसूस होता है। इस तनाव से बचने के लिए, जापान ‘घर से दूर घर’ की अवधारणा के साथ आ रहा है। ये शहर विशेष रूप से उनके समुदाय और सांस्कृतिक आवश्यकताओं के अनुसार स्थापित किए जाएंगे।
जापान की शरणार्थियों को अपनाने में सख्ती बरतने का पुराना इतिहास है। जबकि 2022 में, जापान ने सिर्फ 200 से अधिक शरणार्थियों को स्वीकार किया, वही संख्या 2023 में बढ़कर 300 हो गई। यह स्थिति पहले की तुलना में कुछ बेहतर है, लेकिन अभी भी धीमी है।
टोक्यो की वर्तमान स्थिति
अवशोषण नीतियों के अंतर्गत, जापान ने कभी भी शरणार्थियों को स्वीकार करने का कोई प्रभावी उपाय नहीं किया। यदि कोई व्यक्ति बार-बार शरण के लिए आवेदन करता है, तो उसकी अपील को खारिज किया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि जापान केवल उन्हीं को शरण देने के लिए प्रतिबद्ध है जो अपनी अफरा-तफरी को सिद्ध कर सकते हैं, जो एक कठिन प्रक्रिया है।

धर्म की भूमिका
यह भी देखने की आवश्यकता है कि चार देशों से आने वाले मुस्लिम नए लोगों के जापानी संस्कृति के साथ समिश्रण में क्या कार्य होगा। जापान की संस्कृति बहुत सख्त है और वहां के लोग बाहरी लोगों को आसानी से स्वीकार नहीं करते हैं। इसके परिणामस्वरूप, वहाँ मुस्लिम शरणार्थियों का स्वागत हमेशा से बहुत मितभाषी रहा है।
पिछले अनुभव
जापान का मुस्लिम शरणार्थियों के प्रति कठोर रवैया नया नहीं है। यूरोप में सीरियाई संकट के दौरान, जब लाखों शरणार्थियों ने शरण ली, जापान ने केवल कुछ ही लोगों को आश्रय दिया। इसलिए, जापान में मुस्लिम आबादी बहुत कम है, और इस संस्कृति का समाज में समajaan बहुत सीमित रहता है।
भविष्य में संभावनाएं
हालांकि, अफ्रीका से आने वाले लोगों के साथ स्थिति अलग हो सकती है। नाइजीरिया और घाना जैसे देशों से आने वाले लोग विविध धर्मों का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए यह सांस्कृतिक समिश्रण लाने का एक मौका हो सकता है। यदि जापान इस नई जनसंख्या का उचित प्रशिक्षण और भाषा शिक्षण पर ध्यान केंद्रित कर सके, तो यह स्थानीय कार्यबल की कमी और जनसंख्या में वृद्धिदोनों को संबोधित कर सकता है।
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