किशोरों में जीईआरडी की समस्याओं और उनके कारणों पर विशेषज्ञ की जानकारी।

किशोरों में जीईआरडी: एक गंभीर समस्या
आजकल किशोरों की जीवनशैली ऐसी हो गई है कि वे अधिकतर समय घर पर बैठकर वीडियो गेम खेलते हैं या फिर अपने कमरों में मोबाइल फोन में लगे रहते हैं। यह आदतें और भोजन में जंक फूड का बढ़ता उपयोग गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) जैसी समस्याओं को जन्म दे रही हैं। इस रोग का अर्थ है, भोजन या एसिड का बार-बार एसोफैगस में वापस आना, जिससे किशोरों को गंभीर पेट की समस्याएं हो सकती हैं। यदि इस बिमारी का समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह और भी अधिक गंभीर स्वास्थ्य बीमारियों का कारण बन सकता है।
किशोरों में जीईआरडी क्यों बढ़ रहा है?
किशोरों में जीईआरडी के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण उनकी जीवनशैली है। निम्नलिखित कुछ प्रमुख कारण हैं:
1. शारीरिक गतिविधियों में कमी
आधुनिक किशोर अपने दिन का अधिकतर समय मोबाइल या वीडियो गेम्स में बिता रहे हैं, जिससे उनकी शारीरिक गतिविधियाँ बहुत कम हो गई हैं। इसके कारण उनका वजन तो बढ़ता है, साथ ही पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है।
2. खानपान की आदतें
किशोर आजकल घर के खाने के बजाय जंक फूड जैसे पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज़ और कोल्ड ड्रिंक्स का अधिक सेवन कर रहे हैं। ये खाद्य पदार्थ पेट में वसा और एसिड को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
3. सोने और खाने का समय असामान्य होना
एक और समस्या यह है कि किशोर देर रात तक जागते हैं और सुबह देर से उठते हैं। इस असामान्य रुटीन से उनके पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
जीईआरडी के लक्षण
डॉक्टरों के अनुसार, जीईआरडी के लक्षण किशोरों में वयस्कों के समान ही होते हैं। निम्नलिखित लक्षणों पर विशेष ध्यान देना चाहिए:
- भोजन का बार-बार मुंह में आना (एसिड रिफ्लक्स)
- बार-बार हार्टबर्न महसूस होना
- हर समय पेट का भरा हुआ होना
- उल्टी
- गले में जलन या दर्द महसूस होना
इन लक्षणों के प्रकट होते ही चिकित्सक से परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है।
जीईआरडी की जाँच कैसे करें?
जीईआरडी का पता लगाने के लिए कुछ परीक्षण किए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
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एंडोस्कोपी: इसके माध्यम से फूड पाइप की जांच की जाती है कि क्या इसके नीचे की अंगूठी खुली है या नहीं।
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24-घंटे का पीएच चेक: इस परीक्षण में एक छोटा कैथेटर नुमा डिवाइस पेट में डाला जाता है जो यह बताता है कि एसिड कितनी बार आ रहा है।
जीईआरडी से कैसे बचें?
किशोरों को अपनी दिनचर्या में कुछ सुधार लाकर जीईआरडी और पेट से संबंधित समस्याओं को कम करने की कोशिश करनी चाहिए। यहाँ कुछ उपाय हैं:
- अपना आहार तला हुआ और मसालेदार खाने से बचाएं।
- हरी सब्जियां और मौसमी फल शामिल करें।
- नियमित शारीरिक गतिविधियों में भाग लें।
- वजन को नियंत्रण में रखें और अपने बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) को 25 से नीचे रखें।
- एक नियमित सोने का समय बनाएं।
निष्कर्ष
जीईआरडी अब केवल बड़ों की समस्या नहीं रह गई है, बल्कि किशोरों में भी यह गंभीर रूप ले रही है। उचित खानपान और जीवनशैली के साथ, इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। यदि कोई लक्षण प्रकट हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और उचित उपचार प्रारंभ करें। स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना जरूरी है, ताकि किशोर अपनी जीवनशैली को बेहतर बना सकें और जीईआरडी जैसी समस्याओं से बच सकें।