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चेतेश्वर पुजारा का डर: जोश हेज़लवुड के बयान से रिटायरमेंट के बाद का वायरल विवाद

भारतीय टेस्ट क्रिकेट के महान बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है। उनकी इस घोषणा के बाद एक पुराना बयान जोश हेज़लवुड का फिर से वायरल हो गया है। हेज़लवुड ने पुजारा की अनुपस्थिति पर खुशी जताई, जो उनके खेल के प्रति गहरी समझ को दर्शाता है।

### पुजारा का करियर

चेतेश्वर पुजारा भारतीय टेस्ट क्रिकेट के सबसे महत्वपूर्ण बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। उन्होंने अपने करियर में 103 टेस्ट मैचों में 7,195 रन बनाए हैं, जिसमें उनका औसत 43.60 है। पुजारा ने 19 शतक और 35 अर्धशतक भी बनाए हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई उनकी विशेष पारियां प्रशंसनीय रही हैं, खासकर 2018-19 के ऐतिहासिक दौरे पर, जहां उन्होंने 521 रन बनाकर टीम को पहली बार ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर टेस्ट श्रृंखला जीतने में मदद की थी।

पुजारा की बल्लेबाजी शैली को उनकी स्थिरता और धैर्य के लिए जाना जाता है। वह क्रीज पर अधिक समय बिताते हैं और यह उनके खेलने के तरीके का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। उनकी यह विशेषता कभी-कभी आलोचना का भी कारण बनी, लेकिन उनकी तकनीक एवं धैर्य ने भारतीय टीम को कई बार महत्वपूर्ण जीत दिलाई।

### हेज़लवुड का बयान

जोश हेज़लवुड ने 2024-25 के बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले यह बयान दिया था कि उन्हें खुशी है कि पुजारा ऑस्ट्रेलिया का दौरा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “वह स्पष्ट रूप से एक ऐसा खिलाड़ी है जो बल्लेबाजी करते समय क्रीज पर बहुत समय बिताता है और हर विकेट के लिए कठिनाई पैदा करता है। उन्होंने पिछले ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर भी खूब अच्छा प्रदर्शन किया है।” यह बयान इस बात का प्रमाण है कि पुजारा की बल्लेबाजी से ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को किस तरह की चुनौती मिलती थी।

### खेल के प्रति उनका समर्पण

पुजारा का करियर उनके खेल के प्रति समर्पण और मेहनत का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और अभ्यास के माध्यम से खुद को एक विश्वसनीय बल्लेबाज के रूप में स्थापित किया। उनकी बल्लेबाजी शैली धीमी लेकिन प्रभावशाली रही है, जिसमें वह समय-समय पर बड़ी पारियां खेलने में सक्षम रहे हैं।

### समापन

चेतेश्वर पुजारा का संन्यास भारतीय क्रिकेट में एक युग का अंत है। उनकी जुझारू बल्लेबाजी शैली और समर्पण ने उन्हें भारतीय क्रिकेट के एक अद्वितीय सितारे बना दिया। उनका करियर नई पीढ़ी के बल्लेबाजों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। पुजारा ने जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे हमेशा भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दर्ज रहेंगी।

उनकी विदाई पर क्रिकेट समुदाय ने उन्हें बधाई दी और उनकी उपलब्धियों को सम्मानित किया। भारतीय टेस्ट क्रिकेट में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। पुजारा की कहानी हमें सिखाती है कि धैर्य, समर्पण और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

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