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वसीम जाफ़र के भतीजे की टीम से छुट्टी, जयंत यादव को मिला नया मौका – पुडुचेरी क्रिकेट का करार समाप्त।

पूर्व भारतीय क्रिकेटर वसीम जाफर के भतीजे अरमान जाफर के लिए हालात कठिन हो गए हैं। पुडुचेरी क्रिकेट एसोसिएशन ने 2025-26 सीज़न के लिए उनका पेशेवर अनुबंध रद्द कर दिया है। अरमान ने मुंबई छोड़कर पुडुचेरी के लिए क्रिकेट खेलने का निर्णय लिया था, लेकिन अब उनके इस सपने पर पानी फिर गया है।

अरमान ने पूर्व-क्षेत्र के अन्तर-राज्य टूर्नामेंट में खेलने से इनकार कर दिया था। इसके स्थान पर, पुडुचेरी क्रिकेट एसोसिएशन ने हरियाणा के गेंदबाजी ऑलराउंडर जयंत यादव को अपनी टीम में शामिल किया है। जयंत यादव, जो कि 35 वर्ष के हैं, पहले भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं और उन्होंने 6 टेस्ट व 2 वनडे मैच खेले हैं।

वर्तमान में, अरमान जाफर यॉर्कशायर चैंपियंस लीग में व्हिस्टन क्रिकेट क्लब से खेल रहे हैं। पुडुचेरी के चयनकर्ताओं ने चाहा कि वह इंग्लैंड में इस क्लब के लिए खेलें ताकि आगामी घरेलू सीज़न के लिए उन्हें सही दिशा में प्रशिक्षित किया जा सके। चयन समिति ने अरमान को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्होंने लिखा कि “अरमान, हमने और आपके पिता ने आपको कई बार कहा है कि यह महत्वपूर्ण है कि आप एकदिवसीय और बहु-दिवसीय अंतर-राज्य टूर्नामेंट में खेलें। जब अन्य राज्यों के वरिष्ठ खिलाड़ी उपलब्ध हैं, तो यह देखना चौंकाने वाला है कि आपने यूके में क्लब क्रिकेट को प्राथमिकता दी। इसलिए, हमें आपके स्थान पर किसी अन्य खिलाड़ी को चुनने का निर्णय लेना पड़ा है। आपका अनुबंध रद्द किया जाता है।”

अरमान के पिता कलीम जाफर ने इस स्थिति पर अपनी निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “यह पुडुचेरी का नुकसान है। अरमान इस समय शानदार फॉर्म में है। उसने अपने क्लब के लिए सात शतकों का स्कोर किया है और 30 विकेट भी लिए हैं। हम 3-4 घरेलू टीमों से बातचीत कर रहे हैं और उम्मीद है कि कुछ सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।”

अरमान का क्रिकेट करियर विशेष रूप से अद्वितीय रहा है। 2010 में, उन्होंने स्कूल क्रिकेट के दौरान 498 रन की पारी खेलकर सबका ध्यान आकर्षित किया था। उन्होंने यह शानदार पारी रिजवी स्प्रिंगफील्ड स्कूल की ओर से अंडर-14 जाइल्स शील्ड टूर्नामेंट में खेली थी, जिसमें आईईएस राजा शिवाजी स्कूल के खिलाफ खेलते हुए यह उपलब्धि प्राप्त की।

अरमान ने 15 प्रथम श्रेणीय मैचों में मुंबई का प्रतिनिधित्व किया है और इस दौरान उन्होंने 29.57 की औसत से 769 रन बनाए हैं। इन मैचों में उनके नाम 3 शतक और 1 अर्धशतक भी है।

इस प्रकार, अरमान जाफर की क्रिकेट यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। उनके लिए ये दिन कठिन हैं, लेकिन उनका क्रिकेट के प्रति समर्पण और मेहनत उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेगी। पुडुचेरी क्रिकेट एसोसिएशन के निर्णय ने निश्चित रूप से उनके लिए एक बड़ी बाधा खड़ी की है, लेकिन उम्मीद है कि वह इससे मजबूत होकर उभरेंगे।

अरमान की मां और पिता ने हमेशा उसे प्रोत्साहित किया है। उसे क्रिकेट में असीम संभावनाएं दिखाई दे रही हैं। वह अपने प्रदर्शन के माध्यम से सिद्ध करना चाहता है कि वह एक मजबूत और मान्यता प्राप्त खिलाड़ी बन सकता है। इस पृष्ठभूमि में उसकी मेहनत और प्रतिबद्धता उसे नए अवसरों की ओर ले जा सकती है, चाहे वह घरेलू क्रिकेट में हो या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर।

अरमान का सपना है कि वह भारतीय टीम का खिलाड़ी बने और देश का नाम रोशन करे। ऐसे में उन्हें अपने खेल में और सुधार लाने की आवश्यकता है, ताकि जब भी मौका मिले, वह उसे अपना पाकर अपने परिवार और देश का मान बढ़ा सके।

अंततः, इस खेल की दुनिया में कभी-कभी हमें असफलता का सामना करना पड़ता है, लेकिन महत्वपूर्ण है कि हम उन अनुभवों से सीखें और आगे बढ़ें। अरमान का भविष्य अभी भी उज्ज्वल हो सकता है, यदि वह अपनी मेहनत जारी रखे और नए अवसरों के लिए तैयार रहे।

इस घटना ने न केवल अरमान के खेल को प्रभावित किया है, बल्कि उनके परिवार और समर्थकों को भी प्रभावित किया है। उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

उनके प्रयास और जुनून से यह स्पष्ट है कि वह कठिनाइयों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। पुडुचेरी क्रिकेट एसोसिएशन के फैसले के बाद, अब उनकी कोशिश आगे बढ़ने की और अपने लक्ष्यों तक पहुंचने की होगी।

इस प्रकार, अरमान जाफर का क्रिकेट भविष्य अब एक नई दिशा में जा सकता है, अगर वह अपने खेल में सुधार करते रहेंगे और अपने सपनों को हासिल करने में लगे रहेंगे। उनके ऊपर अब यह निर्भर करेगा कि वह भविष्य में खुद को कैसे स्थापित करते हैं और अपने लिए नए अवसरों का निर्माण करते हैं।

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