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एक नया चेहरा और व्यक्तित्व: विनोद कम्बली का अनोखा लुक, देखकर रह जाएंगे हैरान।

विनोद कम्बली और उनके छोटे भाई वीरू कम्बली: क्रिकेट की अनकही कहानियाँ

भारतीय क्रिकेट का इतिहास जब भी विस्फोटक बल्लेबाजों की चर्चा करता है, तो विनोद कम्बली का नाम निश्चित रूप से शामिल होता है। हाल ही में एक अजीबोगरीब घटना ने सबको आश्चर्य में डाल दिया, जब उनके छोटे भाई वीरू कम्बली का लुक पहली बार मीडिया के सामने आया। उनका चेहरा, केश, और दाढ़ी सब कुछ विनोद की तरह है, जिससे पहचानना मुश्किल हो जाता है कि असली कौन है।

विक्की लालवानी का साक्षात्कार

यूट्यूबर विक्की लालवानी ने एक साक्षात्कार आयोजित किया, जिसमें वीरू कम्बली ने अपनी बातें साझा कीं। इसमें वीरू का चेहरा और हेयरस्टाइल ऐसी थी कि सभी की निगाहें उनके बड़े भाई विनोद कम्बली पर जाकर थम गईं। वीरू क्रिकेटर बनने का सपना देखने वाले युवा क्रिकेटरों में से एक थे। हालांकि, उनका हाथ वह सफलता नहीं आया जो उनके बड़े भाई को मिली। विनोद कम्बली, जो बाएं हाथ के बल्लेबाज थे, ने अपने करियर में कई कीर्तिमान स्थापित किए, जबकि वीरू एक तेज गेंदबाज रहे हैं।

क्रिकेट में वीरू कम्बली की यात्रा

चूंकि वीरू ने बड़े भाई विनोद की सफलता को निकटतम देखा था, उन्होंने खुद भी क्रिकेट को अपनाने का प्रयास किया। लेकिन उन्हें उतना बड़ा मौका नहीं मिला। आज, वीरू ने मुंबई के कांजुर मार्ग इलाके में अपनी क्रिकेट अकादमी खोली है, जहाँ वह युवा क्रिकेटरों को प्रशिक्षित करते हैं। इस अकादमी में, वे अपने अनुभव और ज्ञान को साझा करते हैं, जिसे उन्होंने अपने भाई की विरासत से सीखा है।

विनोद कम्बली की क्रिकेटिंग विरासत

विनोद कम्बली का नाम भारतीय क्रिकेट में अमिट है। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई थी। वह पहले खिलाड़ी हैं, जिन्होंने तीन विभिन्न देशों के खिलाफ लगातार तीन टेस्ट पारियों में शतकों का स्कोर किया। हालांकि, उनका करियर अपेक्षाकृत छोटा था और उन्होंने केवल 23 वर्ष की आयु में अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला। 2000 में उन्होंने अपना अंतिम वनडे खेला और उसके बाद क्रिकेट से संन्यास लेने का निर्णय लिया।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

विनोद का जन्म 18 जनवरी 1972 को मुंबई के कांजुर मार्ग में हुआ था। वह अपने पांच भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। उनके तीन भाई विद्याधर, विकास, और सबसे छोटे वीरेंद्र (वीरू कम्बली) हैं। एक बहन का नाम विद्या काम्बली है।

पिता का क्रिकेट से जुड़ाव

विनोद के पिता, गनपत कम्बली, भी क्रिकेट से जुड़े थे। वह मुंबई क्लब सर्किट में तेज गेंदबाजी किया करते थे। लेकिन परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारियों के तहत उन्हें क्रिकेट छोड़ कर मैकेनिक के रूप में काम करना पड़ा। इसके बावजूद उनका क्रिकेट का प्यार परिवार में बना रहा।

व्यक्तिगत जीवन की चुनौतियाँ

विनोद ने 1998 में नोइला लुईस से शादी की, लेकिन यह रिश्ता अधिक समय नहीं चल पाया और अंततः दोनों अलग हो गए। बाद में, 2014 में उन्होंने मॉडल एंड्रिया हेविट से विवाह किया। इस जोड़े के दो बच्चे हैं, एक बेटा और एक बेटी। उनके बेटे का नाम यीशु क्रिस्टियानो कम्बली और बेटी का नाम जोहाना क्रिस्टियानो कम्बली है।

निष्कर्ष

विनोद कम्बली और उनके छोटे भाई वीरू कम्बली की कहानी हमें यह सिखाती है कि क्रिकेट केवल खेल नहीं है, बल्कि यह पारिवारिक विरासत, सपनों और संघर्षों की कहानी है। वीरू द्वारा युवा क्रिकेटरों को प्रोत्साहित करने की कोशिश इस बात का प्रमाण है कि उन्होंने अपने बड़े भाई की विरासत को न केवल संजोया है, बल्कि उसे आगे बढ़ाने का भी प्रयास किया है।

उनकी कहानी हमें यह समझाती है कि कैसे क्रिकेट एक परिवार की पहचान बन सकता है और कैसे एक छोटे भाई का संघर्ष और उसकी मेहनत एक बड़े भाई के द्वारा दिखाई गई राह पर चलने की प्रेरणा बन सकती है। क्रिकेट की दुनिया में जहां बड़े नाम और फेमिनेस होती हैं, वहीँ परिवार की इस पृष्ठभूमि में प्रेम, संघर्ष और समर्पण की कहानी हमें और भी प्रेरित करती है। विनोद और वीरू कम्बली का यह सफर भारतीय क्रिकेट में एक अनूठा मुकाम बन गया है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बना रहेगा।

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