इज़राइल का गाजा को ध्वस्त करने का इरादा: राफा शहर के समान मलबे में बदलने की चेतावनी, युद्ध समाप्त करने के लिए 5 शर्तें प्रस्तावित।

मध्य-पूर्व (Middle East) की राजनीति दशकों से इज़राइल और फिलिस्तीन (Palestine) के संघर्ष के इर्द-गिर्द घूमती रही है। गाजा पट्टी (Gaza Strip) इस संघर्ष का सबसे संवेदनशील केंद्र है। हाल ही में इज़राइल ने गाजा को पूरी तरह से “राफा जैसी तबाही” में बदल देने की चेतावनी दी है। यह चेतावनी केवल एक सैन्य धमकी नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है कि यदि उसकी शर्तें नहीं मानी गईं तो गाजा को मलबे में तब्दील कर दिया जाएगा।
इज़राइल की ओर से युद्ध समाप्त करने के लिए 5 शर्तें रखी गई हैं, जिन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नज़रें टिकी हैं। इन शर्तों में हमास (Hamas) के भविष्य से लेकर सुरक्षा गारंटी तक कई मुद्दे शामिल हैं। इस लेख में हम पूरे परिदृश्य को विस्तार से समझेंगे।
1. गाजा पर इज़राइल की हालिया चेतावनी
इज़राइल ने साफ कहा है कि यदि उसकी सुरक्षा और राजनीतिक मांगें पूरी नहीं होतीं तो वह गाजा पर पूरे सैन्य बल का इस्तेमाल करेगा। इज़राइली प्रधानमंत्री और सैन्य प्रवक्ताओं ने बार-बार चेतावनी दी है कि गाजा को “राफा जैसी तबाही” का सामना करना पड़ेगा।
राफा (Rafah) दक्षिणी गाजा का एक महत्वपूर्ण शहर है, जिसे पहले भी इज़राइली हमलों ने खंडहर बना दिया था। अब गाजा सिटी समेत पूरे क्षेत्र को उसी स्थिति में पहुंचाने की बात कही जा रही है। यह धमकी ऐसे समय आई है जब गाजा में पहले से ही लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं और बुनियादी ढांचा पूरी तरह ध्वस्त है।
2. राफा का उदाहरण: क्यों दिया गया?
राफा शहर गाजा और मिस्र (Egypt) की सीमा पर स्थित है। यहाँ से मिस्र की ओर राफा क्रॉसिंग (Rafah Crossing) होता है, जो गाजा के लिए अंतरराष्ट्रीय संपर्क का एकमात्र रास्ता माना जाता है।
2024 में हुए हमलों में राफा का बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया था। अस्पताल, स्कूल, बाजार और आवासीय क्षेत्र पूरी तरह से मलबे में बदल गए। हजारों नागरिक मारे गए और लाखों को पलायन करना पड़ा।
इज़राइल का कहना है कि राफा हमले ने आतंकवादियों के नेटवर्क को खत्म करने में मदद की, और गाजा पर उसी मॉडल का इस्तेमाल किया जा सकता है। यही कारण है कि अब गाजा को भी “राफा जैसा बनाने” की चेतावनी दी जा रही है।
3. गाजा पट्टी की मौजूदा स्थिति
गाजा पट्टी करीब 365 वर्ग किलोमीटर का इलाका है जिसमें लगभग 20 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। यह दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले इलाकों में गिना जाता है।
वर्तमान युद्ध ने गाजा की स्थिति को बेहद दयनीय बना दिया है:
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70% से अधिक इमारतें आंशिक या पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं।
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अस्पतालों में दवाओं और बिजली की भारी कमी है।
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लाखों लोग विस्थापित होकर अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं।
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पानी और भोजन की आपूर्ति लगभग ठप हो चुकी है।
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बच्चे और महिलाएँ सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
संयुक्त राष्ट्र (UN) और रेड क्रॉस (Red Cross) लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि गाजा में मानवीय आपदा (Humanitarian Crisis) अपने चरम पर है।
4. युद्ध समाप्त करने के लिए इज़राइल की 5 शर्तें
इज़राइल ने गाजा युद्ध को खत्म करने के लिए पांच शर्तें प्रस्तावित की हैं। ये शर्तें उसके सुरक्षा हितों और राजनीतिक एजेंडे को दर्शाती हैं।
(1) हमास का पूर्ण रूप से खात्मा
इज़राइल का सबसे बड़ा लक्ष्य है कि गाजा से हमास का प्रभाव पूरी तरह से समाप्त हो। वह चाहता है कि हमास के सभी नेता या तो पकड़े जाएँ या मारे जाएँ और उसका संगठनिक ढाँचा नष्ट कर दिया जाए।
(2) बंधकों की रिहाई (Hostages Release)
हमास ने इज़राइल पर हमले के दौरान कई इज़राइली नागरिकों और सैनिकों को बंदी बना लिया था। इज़राइल की शर्त है कि युद्धविराम तभी संभव होगा जब सभी बंधकों को सुरक्षित रिहा किया जाए।
(3) गाजा की सुरक्षा पर इज़राइल का नियंत्रण
इज़राइल चाहता है कि गाजा में भविष्य में कोई भी हथियारबंद गुट न पनप सके। इसके लिए वह गाजा की सीमाओं और सुरक्षा ढाँचे पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण की मांग कर रहा है।
(4) फिलिस्तीनी प्रशासन की पुनर्गठन योजना
इज़राइल यह भी चाहता है कि भविष्य में गाजा का प्रशासन हमास के हाथों में न रहे। वह चाहता है कि यहाँ कोई अंतरराष्ट्रीय निगरानी वाला प्रशासन या इज़राइल-समर्थक फिलिस्तीनी अथॉरिटी (Palestinian Authority) शासन संभाले।
(5) दीर्घकालिक सुरक्षा गारंटी
इज़राइल की अंतिम शर्त यह है कि उसे यह आश्वासन मिले कि भविष्य में गाजा से उसकी सीमाओं पर कोई खतरा नहीं होगा। इसके लिए वह मिसाइल डिफेंस सिस्टम और अंतरराष्ट्रीय समझौतों की मांग कर रहा है।
5. फिलिस्तीन और हमास का रुख
हमास ने इज़राइल की शर्तों को सीधे तौर पर खारिज कर दिया है। उसका कहना है कि इज़राइल गाजा को कब्जे में लेना चाहता है और फिलिस्तीनियों की स्वतंत्रता छीनना चाहता है।
हमास का दावा है कि:
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बंधकों की रिहाई केवल तब संभव होगी जब गाजा की नाकाबंदी (Blockade) खत्म की जाए।
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गाजा का प्रशासन केवल फिलिस्तीनियों के हाथों में रहेगा।
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इज़राइल का कोई भी सैन्य या राजनीतिक नियंत्रण स्वीकार्य नहीं है।
6. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, यूरोपीय संघ, और अरब देशों ने इज़राइल की धमकी पर चिंता जताई है।
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संयुक्त राष्ट्र: महासचिव ने कहा कि गाजा को मलबे में बदलना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन होगा।
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अमेरिका: उसने इज़राइल को समर्थन तो दिया है, लेकिन मानवीय सहायता पहुँचाने की अपील भी की है।
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अरब देश: मिस्र, कतर और जॉर्डन ने कहा है कि गाजा पर और हमले से क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ेगी।
7. मानवीय असर
गाजा के नागरिक इस संघर्ष के सबसे बड़े शिकार हैं।
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लाखों परिवार विस्थापित होकर स्कूलों और तंबुओं में शरण ले रहे हैं।
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अस्पतालों में बिजली और दवाओं की कमी के कारण मरीजों की मौत हो रही है।
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बच्चों में भूख और बीमारी तेजी से बढ़ रही है।
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महिलाएँ और बुज़ुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
रेड क्रॉस का कहना है कि गाजा अब “रहने योग्य जगह” नहीं बचा है।
8. भविष्य की संभावनाएँ
इज़राइल और हमास दोनों ही अपनी-अपनी शर्तों पर अड़े हैं। ऐसे में शांति वार्ता कठिन दिख रही है।
संभावनाएँ इस प्रकार हैं:
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यदि इज़राइल अपनी धमकी को अंजाम देता है तो गाजा पूरी तरह मलबे में बदल सकता है।
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अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने पर दोनों पक्ष अस्थायी युद्धविराम (Temporary Ceasefire) पर सहमत हो सकते हैं।
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फिलिस्तीनी अथॉरिटी या किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था को गाजा का प्रशासन सौंपा जा सकता है।
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यदि समझौता नहीं हुआ तो संघर्ष लंबा चलेगा और पूरे मध्य-पूर्व में अस्थिरता फैलेगी।
निष्कर्ष
गाजा संकट केवल इज़राइल और फिलिस्तीन का संघर्ष नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए मानवीय चुनौती बन चुका है। इज़राइल की 5 शर्तें जहाँ उसकी सुरक्षा और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को दर्शाती हैं, वहीं हमास और फिलिस्तीनी पक्ष इन्हें अपनी स्वतंत्रता के खिलाफ मानते हैं।
यदि इज़राइल वाकई गाजा को “राफा जैसा मलबा” बना देता है तो इसके परिणाम न केवल फिलिस्तीनियों बल्कि पूरे क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर गहरे होंगे। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है—क्या युद्ध को रोकने के लिए कोई साझा रास्ता निकलेगा, या गाजा इतिहास की एक और त्रासदी बनने जा रहा है?