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प्रसिद्ध हास्य कलाकार जसविंदर भल्ला का निधन, हंसी की दुनिया को लगा बड़ा धक्का, अंतिम संस्कार कल।

पंजाबी कॉमेडियन जसविंदर भल्ला का निधन

पंजाबी सिनेमा के प्रसिद्ध कॉमेडियन और एक्टर जसविंदर भल्ला का निधन आज सुबह मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में हुआ। उनकी उम्र 65 वर्ष थी। जसविंदर भल्ला ने अपनी हास्य शैली और यादगार किरदारों से पंजाबी मनोरंजन जगत में एक अमिट छाप छोड़ी। उनकी सेहत में पिछले कई महीनों से गिरावट आई थी, जिसके चलते उनका यह असामयिक निधन हुआ। उनके निधन की खबर ने पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर पैदा कर दी है।

जसविंदर भल्ला पंजाबी सिनेमा के उन सितारों में से एक थे जिन्होंने कॉमेडी को नई ऊंचाई दी। उनकी कॉमिक टाइमिंग, सादगी और व्यंग्य से भरे संवाद लोगों को दिल को छू जाते थे। उनका हर किरदार दर्शकों के चेहरों पर मुस्कान छोड़ जाता था। उन्होंने ‘गड्डी चलती है छलांगा मार के’, ‘कैरी ऑन जट्ट’, ‘जिंद जान’, और ‘बैंड बाजे’ जैसी कई सफल फिल्में की जिनमें उन्होंने अपनी अदाकारी और कॉमेडी से दर्शकों का दिल जीता।

प्रोफेसर से अभिनेता बने जसविंदर भल्ला

जसविंदर भल्ला का जन्म 4 मई 1960 को लुधियाना के दोराहा में हुआ था। वे केवल एक कॉमेडियन ही नहीं, बल्कि एक प्रशिक्षित प्रोफेसर भी थे। उनकी कॉमेडी करियर की शुरुआत 1988 में ‘छनकटा 88’ नामक थिएटर से हुई और वे ‘दुल्ला भट्टी’ फिल्म से बड़े पर्दे पर आए। उनकी प्रतिभा के चलते उन्होंने जल्द ही पंजाबी सिनेमा में एक पहचान बना ली। जसविंदर भल्ला का हर किरदार फिल्मों में खास और अनोखा होता था।

उनकी कॉमेडी में वे न केवल हंसी लाते थे बल्कि समाज की अच्छाइयों और बुराइयों को भी दर्शाते थे। उनकी फिल्में हमेशा से युवाओं और परिवारों के लिए प्रेरणादायक रही हैं। भले ही वे एक कॉमेडियन थे, लेकिन उनका प्रत्येक किरदार एक संदेश भी देता था।

अंतिम संस्कार

जसविंदर भल्ला का अंतिम संस्कार 23 अगस्त को दोपहर 12 बजे मोहाली के बलोंगी श्मशान घाट में किया जाएगा। उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में कलाकारों और प्रशंसकों के जुटने की संभावना है। यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है कि वे किस तरह से लोगों के दिलों में बस गए थे।

उनकी विरासत

जसविंदर भल्ला ने न केवल पंजाबी सिनेमा में अपनी जगह बनाई, बल्कि उन्होंने टीवी धारावाहिकों में भी काम किया। वे अपने हास्य बोध और संवादों के लिए जाने जाते थे। ‘जस्सी की तू-तू मैं-मैं’ और ‘खुशबू’ जैसे टीवी शो में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही। उनके साथ कई युवा कलाकारों ने काम किया, जिन्होंने उनसे प्रेरणा ली।

उनका काम सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं था, उन्होंने समाज के प्रति जिम्मेदारियों का भी पालन किया। उन्होंने कई सामाजिक मुद्दों पर अपने संवादों के माध्यम से संवाद स्थापित किया और लोगों को जागरूक किया।

साथी कलाकारों की श्रद्धांजलियाँ

जसविंदर भल्ला के निधन पर उनके साथी कलाकारों ने भी शोक व्यक्त किया है। कई कलाकारों ने सोशल मीडिया पर उनके साथ बिताए लम्हों को साझा किया और उन्हें याद किया। पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा। वे एक प्रेरणास्त्रोत है, जिन्होंने अपने काम के जरिए एक नई दिशा दिखाई।

निष्कर्ष

जसविंदर भल्ला का निधन केवल उनके परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे पंजाबी समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने हंसी और खुशियों के माध्यम से समाज को एक नई पहचान दी। उनके कार्य और उनके योगदान सदैव याद किए जाएंगे। उनके प्रशंसक और साथी कलाकार हमेशा उन्हें याद करेंगे और उनकी यादों को संजोएंगे।

इस प्रकार, जसविंदर भल्ला का निधन एक अध्याय का अंत है लेकिन उनकी कॉमेडी और हास्य शैली हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगी। वे केवल एक कॉमेडियन नहीं थे, बल्कि एक सच्चे कलाकार और इंसान थे। उनकी विरासत आगे भी चलती रहेगी, क्योंकि उन्होंने जीवन में हंसी और खुशियों का महत्व बताया है।

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