
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार से दो दिन के गुजरात दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह अहमदाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत बनाए गए 1,449 घरों और 130 दुकानों का शुभारंभ करेंगे। इनका निर्माण 133.42 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सरकारी जानकारी के मुताबिक, ये घर अहमदाबाद के पश्चिमी इलाके में रामापीर टेकरा नाम की झुग्गी में बनाए गए हैं। यह इलाका सरदार पटेल स्टेडियम वार्ड में आता है। ये घर प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत झुग्गियों को फिर से बसाने की योजना के तहत बनाए गए हैं।
यह परियोजना गुजरात सरकार के शहरी विकास और आवास विभाग की झुग्गी पुनर्वास और पुनर्विकास नीति-2013 के तहत पूरी की गई है। गुजरात में अब तक पीएमएवआई (शहरी) के तहत 9.66 लाख घरों को मंजूरी मिल चुकी है, जबकि लक्ष्य 7.64 लाख का था। इनमें से करीब 9.07 लाख घरों का निर्माण पूरा हो चुका है।
वर्ष 2025-26 से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत गुजरात सरकार हर घर की छत डालने के समय 50,000 रुपये की अतिरिक्त मदद देगी। यह पूरी राशि राज्य सरकार देगी। अब तक 34,759 लोगों को इस योजना के तहत 173.80 करोड़ रुपये की मदद मिल चुकी है।
गुजरात सरकार की ‘मुख्यमंत्री प्रोत्साहक सहायता योजना’ के तहत जिन लाभार्थियों ने पहली किस्त मिलने के छह महीनों के भीतर घर का निर्माण पूरा कर लिया, उन्हें 20,000 रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी गई है। इस योजना में अब तक 74,930 लाभार्थियों को 149.86 करोड़ रुपये मिले हैं।
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार की ओर से प्रत्येक लाभार्थी महिला को घर के साथ बाथरूम निर्माण के लिए अतिरिक्त 5,000 रुपये की सहायता भी दी जा रही है। अब तक 82,845 महिलाओं को इसका लाभ मिल चुका है और इस पर 41.42 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
इसके अलावा, प्रत्येक लाभार्थी को मनरेगा के तहत 90 दिन के काम के लिए 25,920 रुपये और स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण के लिए 12,000 रुपये मिलते हैं। इस तरह एक लाभार्थी को कुल 2,32,920 रुपये की सहायता मिलती है। केंद्र सरकार ने 2020 में किफायती किराए वाले आवास परिसर (एआरएसी) योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य शहरी गरीबों और श्रमिकों के लिए सस्ती किराए की आवास सुविधा उपलब्ध कराना है। इस योजना की घोषणा के केवल तीन महीनों के भीतर गुजरात पहला ऐसा राज्य बन गया था, जिसे योजना के तहत मंजूरी मिली। सूरत में 393 मकानों को किराए के लिए परिवर्तित किया गया।