‘द बंगाल फाइल्स’ के विवाद पर मिथुन चक्रवर्ती बोले:हमने फिल्म में सच्चाई दिखाई है

मिथुन चक्रवर्ती की अपकमिंग फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ रिलीज से पहले ही विवादों में आ गई है। हाल ही में बातचीत के दौरान मिथुन चक्रवर्ती ने फिल्म से जुड़े विवाद और अपने किरदार के बारे में बात की। एक्टर ने बताया कि इस फिल्म के माध्यम से हम लोग सच्चाई पेश कर रहे हैं। नोआखाली नरसंहार ऐसी घटना थी, जिसे आज की जनरेशन को जाननी चाहिए। पेश है बातचीत के कुछ और प्रमुख अंश..
सवाल- फिल्म को लेकर जिस तरह से विवाद शुरू हुआ है, उस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब- विवाद तो सिर्फ बंगाल में शुरू हुआ है। ह्यद बंगाल फाइल्स’ क्या है? इस फिल्म की कहानी मेरे जन्म से पहले की है, जब 1946 में दंगे हुए थे। इसकी कहानी नोआखाली नरसंहार की घटना पर आधारित है। हम सिर्फ यह जानते है कि नोआखाली में हत्याएं हुई थी। उसके बाद क्या हुआ था किसी को नहीं पता है। पूरी सच्चाई जाननी है तो फिल्म देखनी पड़ेगी। विवेक अग्निहोत्री ऐसे मेकर हैं, जो फेक फिल्में नहीं बनाते हैं। वो सही तथ्यों और सबूतों के आधार पर फिल्में बनाते हैं।
सवाल- फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के समय जिस तरह की अड़चनें डाली गईं, उसे लेकर क्या कहना चाहेंगे?
जवाब- ऐसा क्यों किया गया मुझे समझ में ही नहीं आया। लोगों ने ट्रेलर देखा तक नहीं और विवाद शुरू कर दिया। यह सब पूर्व नियोजित था। अगर ट्रेलर देखने के बाद किसी सीन पर आपत्ति होती तो मैं समझता कि उन लोगों का विरोध जायज है। ट्रेलर लॉन्च से पहले ही, बिना ट्रेलर देखे तोड़ फोड़ करना शुरू कर दिया। हिंदू को गाली दीजिए वहां स्वीकार है, लेकिन अगर कुछ और कहा तो वह स्वीकार नहीं है। बाकी आप समझ जाइए कि मैं क्या कहना चाहता हूं।
सवाल- यह फिल्म सिर्फ बहस पैदा करेगी, या राजनीति और समाज में बदलाव भी ला सकती है?
जवाब- यह पॉलिटिकल फिल्म नहीं है। हम सिनेमा के माध्यम से सच्चाई को पेश करना चाहते हैं। नोआखाली नरसंहार में क्या हुआ, आज के जनरेशन को पता ही नहीं है। इस फिल्म में काम करने से पहले मुझे खुद नहीं पता था। अब इस फिल्म के बाद सभी को पता चलेगा कि वाकई में हुआ क्या था? लोग अगर सच्चाई और इतिहास को नहीं जानना चाहते हैं, यह बहुत दुख की बात है।
सवाल- इस समय बंगाल में हिंदुओं की जैसी स्थिति है, कुछ लोग इस फिल्म को उस नजरिए से जोड़कर देख रहे हैं। आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब- जब यह फिल्म बन रही थी, तब तो वहां वैसी स्थिति नहीं थी। फिल्म बन गई तब बांग्लादेश में सब कुछ होने लगा। तब यह कैसे कह सकते हैं। अगर लोग उस घटना से जोड़ रहे हैं, तो जोड़ने दीजिए।
सवाल- पश्चिम बंगाल में फिल्म को लेकर जिस तरह से विवेक अग्निहोत्री पर एफआईआर दर्ज हुई है। उसे लेकर आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब- वो लोग केस करेंगे, हम कोर्ट में जाएंगे। फिल्म जरूर रिलीज होगी। सच्चाई को लोग कब तक रोकेंगे। ट्रेलर लॉन्च इवेंट रोक दिया, लेकिन यूट्यूब पर ट्रेलर देखने से किसी को रोक पाए क्या? ट्रेलर लोगों ने खूब देखे और अच्छे व्यूज मिले।
सवाल- गोपाल मुखर्जी के पोते ने कहा है कि उनके दादा जी को लेकर विवेक अग्निहोत्री की तरफ से गलत बयानबाजी की गई। फिल्म के पात्र भी गलत तरीके से दिखाए जा रहे हैं। इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब- फिल्म देखने के बाद बोलिए कि गलत तरीके से दिखाया गया है कि नहीं। इससे पहले मैं इस तरह की कुछ भी बातें सुनने को तैयार नहीं हूं। क्योंकि इसमें किसी भी चीज को गलत तरीके से नहीं दिखाया गया है।
सवाल- इस फिल्म में आपका किरदार किस तरह का है और वह नई सोच में क्या बदलाव लाएगा?
जवाब- इस फिल्म में मेरे किरदार का नाम मैड मैन है, लेकिन वो असल में पागल नहीं है। जब वह सच्चाई की आवाज बुलंद करने खड़ा होता है तो उसकी जुबान जला दी जाती है। उसके पुरुषांग भी काट दिए जाते हैं, वह ठीक से बोल नहीं पाता है। जब फिल्म का अंत आता है, तब पता चलता है कि वो ही फिल्म की आत्मा है।
सवाल- जब विवेक अग्निहोत्री ने आपके किरदार के बारे में बताया तब आप को सबसे अच्छी क्या बात लगी और आपका रिएक्शन क्या था?
जवाब- इस फिल्म की सबसे अच्छी बात यह है कि विवेक ने इस फिल्म को सही तथ्यों और सबूतों के आधार पर बनाई है। इसके लिए उन्होंने पूरा रिसर्च किया है। मेरे किरदार के बारे में पहले ही कह दिया कि वह फिल्म की आत्मा है। विवेक की मुझे सबसे अच्छी बात यह लगती है कि वो बनावटी और फालतू चीजों को नहीं बनाते हैं।