मथुरा में केमिकल टैंकर पलटा…टैंक फटने से आग लगी:20 फीट तक आग की लपटे उठीं

मथुरा । मथुरा में एथेनॉल लिक्विड से भरा टैंकर जयपुर-बरेली हाईवे पर पलट गया। इसके बाद धमाके के साथ टैंक फट गया और भीषण आग लग गई। पलभर में आग ने विकराल रूप ले लिया। टैंकर चालक ने कूदकर जान बचाई। आग की लपटें 20 फीट ऊंची उठने लगीं और धुएं का गुबार 1 किमी दूर से दिखाई देने लगा।
यह देखकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। सूचना मिलने पर दमकल की पांच गाड़ियां और रिफाइनरी की टीमें वहां पहुंचीं। आग सुबह 4 बजे लगी और करीब चार घंटे में काबू पाया गया। आग बुझाते समय किशन सिंह और फायरमैन शाकिर झुलस गए।
दमकल अधिकारी ने बताया- टैंकर में कुल चार टैंक थे, जिनमें से एक फट चुका था। टैंकर में केमिकल भरा होने की वजह से आग पर काबू पाने में समय लगा।
मांट फायर स्टेशन के (फायर स्टेशन सेकेंड आॅफिसर) किशन सिंह ने कहा- सुबह 4 बजे टैंकर में आग लगने की सूचना मिली थी। टीम के साथ मौके पर पहुंचे। आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे, तभी केमिकल छिटककर मेरे और फायरमैन शाकिर के ऊपर गिर गया। हम दोनों झुलस गए। 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद हमने आग को बुझाया।
आग पर काबू पाने के लिए मांट, भूतेश्वर और रिफाइनरी की टीम लगी रही। दमकल विभाग की 5 गाड़ियों ने आग पर लगातार पानी का प्रेशर मारा, तब जाकर आग बुझी। महावन थाना प्रभारी योगेश यादव ने कहा- आग लगने के बाद टैंकर से कूदकर ड्राइवर भाग गया। टैंकर संभल के धान बायो आॅर्गेनिक प्लांट से मंगलवार शाम 6 बजे निकला था। मथुरा रिफाइनरी जा रहा था।
किशन सिंह ने कहा- सबसे बड़ी दिक्कत आग कंट्रोल करने में थी। टैंकर के पास जाने में रिस्क था, क्योंकि बचे हुए 3 टैंकों के फटने का खतरा था। फिर भी हम टीम के साथ आग बुझाने में जुटे रहे। दो दमकलकर्मी झुलस गए। दोनों को इलाज के लिए स्वर्ण जयंती अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मौके पर टेक्निकल टीम को बुलाया गया हैं। केमिकल का सेंपल लेकर रिफाइनरी लैब के भेजा गया। जिससे मालूम पड़ सके कि कौन सा केमिकल है। पुलिस ने कहा- टैंकर के नंबर से जानकारी करने पर पता चला कि मालिक ने बेच दिया है। लेकिन जिसने टैंकर खरीदा है, उसने अभी तक अपने नाम नहीं कराया था।
आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों ने कहा- हम अपने घर में सो रहे थे। अचानक धमाके की आवाज सुनाई दी, ऐसा लगा जैसे कोई बम ब्लास्ट हुआ है। बाहर निकले तो आग की तेज लपटें उठती हुई दिखाई दीं। गांव के सभी लोग डर गए। वहां जाकर देखा तो टैंकर पलटा हुआ था। आग की लपटें निकल रही थी। आसमान में धुएं के गुबार उठ रहे थे। हमारी फसल भी जल गई।