उत्तर मध्य रेलवे की शूटिंग के लिए आगरा परिदृश्य निर्देशक की पसंद बना, कई स्टेशन प्रशंसा में शामिल।

नॉर्थ सेंट्रल रेलवे (एनसीआर) का फिल्म शूटिंग से राजस्व
नॉर्थ सेंट्रल रेलवे (एनसीआर) केवल यात्रियों की सेवा ही नहीं करता, बल्कि फिल्म शूटिंग के माध्यम से भी बड़ी राशि कमा रहा है। फिल्में, वेब श्रृंखलाएँ और विज्ञापन शूटिंग से एनसीआर हर साल लाखों रुपये कमा रहा है। खासकर आगरा कैंट रेलवे स्टेशन अब फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद बन चुका है।
हाल ही में, द्वारा तीन दिन तक चलने वाली बॉलीवुड फिल्म “हार्ट ऑफ डार्कनेस” की शूटिंग के दौरान एनसीआर ने 26 लाख रुपये की आय प्राप्त की। यह रुपये केवल शूटिंग की राशि नहीं है, बल्कि यह फिल्म निर्माण से जुड़े विभिन्न पहलुओं के कारण हो रहा है।
रागिनी सिंह, एनसीआर की एक समर्थक, ने बताया कि कई प्रमुख कंपनियां जैसे हॉलीवुड और बॉलीवुड, साथ ही साथ नेटफ्लिक्स भी लगातार एनसीआर से संपर्क कर रही हैं। शूटिंग के लिए ₹50,000 से ₹2,00,000 तक शुल्क लिया जाता है, और सुरक्षा धन के रूप में कंपनियों को ₹5,00,000 से ₹1,00,00,000 तक जमा करने होते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से एनसीआर शूटिंग के लिए 1 करोड़ रुपये का बीमा करता है, जो आवश्यकता अनुसार 10 करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है।
पिछले एक वर्ष में, एनसीआर ने आधा दर्जन से अधिक फिल्मों की शूटिंग से लाखों रुपये कमाए हैं। प्रयागराज, कानपुर और आगरा जैसे ऐतिहासिक स्टेशन फिल्म निर्माताओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इसी क्रम में, फिल्म “हार्ट ऑफ डार्कनेस” की शूटिंग 28, 29 और 30 अप्रैल को आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर की गई थी, जिसमें पूरी ट्रेन किराए पर ली गई थी।
रागिनी सिंह ने बताया कि एनसीआर में फिल्मों की शूटिंग के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं। इच्छुक फिल्म निर्माताओं के लिए पंजीकरण शुल्क जमा करके शूटिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं।
प्रमुख फिल्म और शूटिंग शेड्यूल
अप्रैल 2025: आगरा में फिल्म “हार्ट ऑफ डार्कनेस” की शूटिंग।
जनवरी 2024: सबडारगंज में एक फिल्म की तात्कालिक शूटिंग।
फरवरी 2024: बिचपुरी स्टेशन पर “स्ट्रीट नंबर 26” की शूटिंग।
मार्च 2024: आगरा फोर्ट स्टेशन पर “अलेक्जेंडर की मुकदार” की शूटिंग।
जून 2024: कानपुर स्टेशन पर “फ्रीडम फिल्म” के बच्चों की शूटिंग।
अक्टूबर 2024: दीपावली के दौरान एक नेटफ्लिक्स विज्ञापन की शूटिंग।
नवंबर 2024: आगरा स्टेशन पर अनिल कपूर की फिल्म “सबडार” की शूटिंग।
इस प्रकार, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे (एनसीआर) न केवल यात्री सेवाओं के लिए उपयोगी है, बल्कि यह फिल्म उद्योग के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल बन गया है। इसके माध्यम से न केवल रेलवे को आर्थिक लाभ हो रहा है, बल्कि फिल्म निर्माता भी अपने प्रोजेक्ट्स के लिए बेहतरीन स्थान प्राप्त कर रहे हैं।
यह साफ है कि नॉर्थ सेंट्रल रेलवे का एक नया पक्ष अब प्रकाश में आ रहा है जहां शूटिंग के माध्यम से होने वाली आय रेलवे के वित्तीय स्थिति को मजबूत कर रही है। एनसीआर की यह पहल अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करती है कि कैसे रेलवे जैसी सेवाएं अपने संसाधनों का उपयोग करके अतिरिक्त राजस्व अर्जित कर सकती हैं।
इस प्रकार, एनसीआर की फिल्म शूटिंग से होने वाली कमाई न केवल एक आर्थिक पहलू है, बल्कि यह देश के सांस्कृतिक और कलात्मक विकास में भी योगदान कर रही है। आने वाले वर्षों में, इस तरह की गतिविधियों के और भी बढ़ने की संभावना है, जिससे न केवल रेलवे को, बल्कि फिल्म उद्योग को भी फायदा होगा।
आगरा जैसे ऐतिहासिक स्थानों की महत्ता बढ़ रही है, और इन स्थानों पर फिल्म निर्माण के कारण, इस क्षेत्र के पर्यटन में भी वृद्धि देखी जा रही है। फिल्म धरनों के कारण इन स्थलों की पहचान और भी व्यापक हो रही है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल रहा है।
रागिनी सिंह द्वारा दी गई जानकारी स्पष्ट करती है कि फिल्म उद्योग और रेलवे के बीच प्रतिस्पर्धा और सहयोग दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। एनसीआर ने इस क्षेत्र में एक नया मापदंड स्थापित किया है कि कैसे रेल्वे स्टेशन भी अब फिल्मों और विज्ञापनों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं।
यह पहल युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकती है। फिल्म निर्माण एक ऐसा क्षेत्र है जो न केवल कला को बढ़ावा देता है, बल्कि नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करता है। एनसीआर के द्वारा की जाने वाली फिल्म शूटिंग के कारण, उच्च कौशल वाले संभावित श्रमिक भी तैयार हो सकते हैं, जो इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक हैं।
इस तरह, एनसीआर का यह उद्यम केवल आर्थिक लाभ की दृष्टि से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक विकास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
अंततः, यह कहना उचित होगा कि नॉर्थ सेंट्रल रेलवे (एनसीआर) ने अपने नए और अभिनव तरीकों से न केवल अपनी सेवाओं को विस्तार दिया है, बल्कि वह फिल्म उद्योग के साथ मिलकर एक नई दिशा में भी अग्रसर हो रहा है। इन गतिविधियों से जहां रेलवे को लाभ होगा, वहीं फिल्म उद्योग को भी एक नया मंच मिलेगा, है ना?