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संसद का मानसून सत्र: लोकसभा समाचार में शुभांशु शुक्ला पर लाइव अपडेट और चर्चा

भारत में हालिया राजनीतिक घटनाएँ

पश्चिम बंगाल में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट की मंजूरी

केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में कुल आठ इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) को मंजूरी दी है। इनमें से पेट्रापोल में स्थित एक चेक पोस्ट पहले से ही चालू है। शेष सात चेक पोस्ट – चाँगराबांधा, घोजाडांगा, फुलबाड़ी, पानीटंकी, हिली, जयगांव और महादिपुर – के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने 21 नवंबर 2023 को भूमि अधिग्रहण की मंजूरी दी थी। इसके बाद, केंद्र सरकार ने भूमि की कीमत पश्चिम बंगाल सरकार को दे दी।

जयगांव आईसीपी की भूमि सितंबर 2024 में, और चाँगराबांधा व पानीटंकी आईसीपी की भूमि फरवरी 2025 में लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नाम ट्रांसफर कर दी गई है। शेष चार आईसीपी की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया विभिन्न चरणों में आगे बढ़ रही है। इस जानकारी को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में साझा किया।

भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने सरकार की सराहना की

भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने सरकार के कदमों की सराहना की है, जिसमें कपास पर आयात शुल्क को समाप्त करना और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर सेस को खत्म करना शामिल है। उन्होंने कहा कि ये कदम देश के कपड़ा उद्योग के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे। रॉ कॉटन की कीमतों में कमी आने से कपड़े की उत्पादन लागत में गिरावट आएगी और इसके परिणामस्वरूप निर्यात में वृद्धि होगी। उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ भारत का भागीदारी भी बढ़ेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

लोकसभा की कार्यवाही स्थगित

सुबह से दो बार लोकसभा की कार्यवाही बाधित हो चुकी थी। दोपहर दो बजे कार्यवाही फिर से शुरू हुई, लेकिन इस दौरान विपक्ष के हंगामे के कारण पीठसीन स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को शाम चार बजे तक स्थगित कर दिया।

राज्यसभा में खान और खनिज संशोधन विधेयक पर चर्चा

कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 का विधेयक पेश किया, जिसे लोकसभा द्वारा पारित किया गया था। इस विधेयक पर गंभीरता से चर्चा चल रही है और इसे और अधिक वैधता देने के लिए राज्यसभा में विचार किया जा रहा है।

लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही फिर शुरू

आखिरकार, लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है। इस दौरान, सदन में उपस्थित सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया और महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की।

लोकसभा में दूध की कीमतों को लेकर प्रदर्शन

एनसीपी और एसपी के सांसदों ने संसद परिसर में दूध की कीमतों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर ध्यान देने और उचित कदम उठाने का आग्रह किया।

एसआईआर के विरोध प्रदर्शन

बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने संसद परिसर में धरना दिया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थे।

वोट चोरी पर मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणी

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने वोट चोरी और वोटों में हेराफेरी के खिलाफ अपनी पार्टी के स्टैंड को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पूरे देश में जागरूकता फैलाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उनका कहना था कि यदि ऐसे तरीके से सत्ता में आया गया तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा है और संविधान की हत्या होगी।


हालिया घटनाएँ इस बात का संकेत हैं कि भारत की राजनीति में बहुत से मुद्दे विचाराधीन हैं। कहीं न कहीं यह जनता के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। यह सरकार के लिए भी चुनौती है कि वो इन समस्याओं का समाधान कैसे निकालती है और कैसे चुनावी प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाती है।

राजनीतिक दल और उनके नेता इस समय अपने-अपने हितों के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन जनता की आंखों में जो समस्याएं हैं उन्हें भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आने वाले दिनों में इन मुद्दों पर क्या निर्णय लिए जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।

जनता को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और राजनीतिक गतिविधियों पर अपनी नजर बनाए रखनी चाहिए। जो भी पार्टी या नेता उनके हितों की सुरक्षा करता है, उन्हें उसे समर्थन देना चाहिए और जो गलत होते हैं उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

इस संदर्भ में, यह कहना उचित होगा कि भारतीय लोकतंत्र में जनता की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है और जनता के सक्रिय भागीदारी से ही सही बदलाव संभव हो सकते हैं।

हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम ध्यान दें कि जिन मुद्दों पर चर्चा हो रही है, वे वास्तव में हमारे जीवन को कैसे प्रभावित कर रहे हैं। नागरिकों को संवेदनशीलता के साथ उन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, जो उनके और उनके परिवारों के भविष्य को निर्धारित करते हैं।

इस प्रकार, जनता की प्रतिनिधित्व की व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए जागरूकता आवश्यक है, और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर नागरिक का मत महत्वपूर्ण है।


उम्मीद है कि आने वाले समय में हमारे राजनीतिक सिस्टम में सुधार आएगा और यह हमारे समाज के लिए फायदेमंद साबित होगा।

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