एसपी कॉलेज में जीवनशैली और कल्याण पर मानसिक स्वास्थ्य पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

डुमका, प्रतिनिधि
मानसिक स्वास्थ्य पर एक विभागीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य जहर की समस्याओं पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम का आयोजन एसपी कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग द्वारा मानसिक स्वास्थ्य मिशन इंडिया और मेंटल हेल्थ काउंसलिंग सेंटर के सहयोग से किया गया।
सेमिनार में अपने विचार साझा करते हुए, डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने कहा कि जीवनशैली एक व्यक्तित्व का दर्पण होती है, जो कि सामाजिक पहचान प्रदान करती है। आज की युवा पीढ़ी भटकाव को अपनी जीवनशैली मानती है। यह ध्यान देने योग्य है कि आजकल युवाओं की जीवनशैली एक विकृत मानसिकता का प्रतीक बन गई है। वे भूल जाते हैं कि मानव संस्कार सोशल मीडिया और साइबर दुनिया द्वारा निर्धारित होते हैं, और इसके प्रभाव में जीवन जीने के लिए बाध्य हैं।
इस समस्या का कानूनी रूप से नियंत्रण करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन मनोचिकित्सीय परामर्श के बिना इसे समाप्त करना उतना ही चुनौतीपूर्ण है। जीवनशैली में आवश्यक सुधार लाने के लिए हमें एक समेकित दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जहां परिवार, स्कूल, संस्थान और समाज की भूमिका और जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके।
इस अवसर पर डॉ. ट्रिजा जेनिफर टॉपपो ने व्यक्त किया कि हमें एक साधारण जीवन को अपनाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि हम अपने जीवन को बेहतर बना सकें। अंत में, डॉ. किलिश मारंडी ने सभी उपस्थित लोगों का धन्यवाद किया और इस विषय पर विचार एवं सुझाव साझा करने के लिए प्रेरित किया।
मानसिक स्वास्थ्य की सनक
मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा समय के साथ और भी महत्वपूर्ण होता जा रहा है। आज युवा पीढ़ी के सामने अनेक चुनौतियाँ हैं, जिनका सामना वे कर रहे हैं। हमें यह समझने की जरूरत है कि मानसिक स्वास्थ्य केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं है, बल्कि यह समाज की समग्रता को प्रभावित करता है।
मानसिक स्वास्थ्य और जीवनशैली
जब हम जीवनशैली की बात करते हैं, तो यह केवल खान-पान या दैनिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका गहरा संबंध हमारे मानसिक स्वास्थ्य से होता है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चर्चाओं में अक्सर यह बात सामने आती है कि अच्छी जीवनशैली अपनाने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
तकनीकी प्रभाव
आज का युग तकनीक का है। सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफार्म्स ने जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ अनेक समस्याएँ भी उत्पन्न की हैं। रुझानों का अनुसरण करने, ‘likes’ और ‘followers’ की परवाह करने के कारण युवा अक्सर मानसिक दबाव का सामना करते हैं।
सामाजिक संबंध
सामाजिक संबंध भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। परिवार और दोस्तों के साथ मजबूत संबंध रखने से मानसिक सहायता मिल सकती है। उन्होंने कहा कि पारिवारिक समर्थन, मित्रों का साथ और स्वस्थ बातचीत मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं।
समाधान की ओर
समस्या के समाधान के लिए हमें एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। शिक्षा, प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम इस दिशा में जरूरी कदम हैं। परिवारों को स्वस्थ आदतें अपनाने में मदद करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए।
युवा और मानसिक स्वास्थ्य
युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए शिक्षित करना अत्यंत आवश्यक है। उन्हें यह समझना होगा कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएँ सामान्य हैं और उनके प्रति खुलापन दिखाना ही समाधान की ओर पहला कदम है।
निष्कर्ष
इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना था। हमें मानसिक स्वास्थ्य को केवल व्यक्तिगत समस्या के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे समाज की संरचना का अभिन्न हिस्सा मानते हुए इसके प्रति कार्य करना चाहिए।
इस कार्यक्रम ने सभी उपस्थित लोगों को जोड़ने और उनके विचार साझा करने का एक मंच प्रदान किया। अब आवश्यकता है कि हम इन विचारों को अमल में लाएं और अपने समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करें।
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए हमारे सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। मानसिक स्वास्थ्य केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं है, बल्कि यह सभी की जिम्मेदारी है। अपने आस-पास के लोगों का ध्यान रखने, उनकी समस्याओं को समझने, और उचित सलाह देने से हम एक सांप्रदायिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित कर सकते हैं।
इस दिशा में हमें समर्पित रहना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी एक स्वस्थ और सकारात्मक मानसिकता के साथ जीवन व्यतीत कर सके। मानसिक स्वास्थ्य का महत्व समझना और इसे प्राथमिकता देना ही हमारे समाज के मानसिक विकास की कुंजी है।
अंत में
हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा ताकि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़े और समाज में एक सकारात्मक बदलाव आए। संगोष्ठी के दौरान साझा किए गए विचार इस दिशा में सहायता करेंगे। स्वस्थ मानसिकता के माध्यम से ही हम एक प्रगतिशील समाज की नींव रख सकते हैं।