व्यापार

भारत ने 30 नए देशों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई योजना बनाई, अफ्रीका से यूरोप तक के बाजार खुलेंगे।

भारत ने 30 नए देशों पर ध्यान केंद्रित किया

अमेरिका में ऊंचे टैरिफ से संभावित झटके से बचने के लिए भारत ने नई रणनीति अपनाई है

भारत के निर्यातकर्ताओं के सामने अमेरिका में ऊंचे टैरिफ का संकट मंडरा रहा है। ऐसे में भारतीय सरकार ने 30 नए देशों को ध्यान में रखते हुए निर्यात बढ़ाने की तैयारी तेज कर दी है। इन नए बाजारों को जोड़ने के बाद अब भारत का ध्यान कुल 50 देशों पर रहेगा, जिनमें ये नए फोकस मार्केट अत्यधिक महत्व रखते हैं। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इन नए देशों में निर्यात की अपार संभावनाएं हैं, और यहां उत्पादों की संख्या तथा मात्रा दोनों में वृद्धि की जा सकती है। इनमें केन्या, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको, तंजानिया, श्रीलंका, मिस्र, थाईलैंड, बेल्जियम, इजरायल, नाइजीरिया, पोलैंड और नेपाल जैसे बाजार शामिल हैं।

पारंपरिक बाजारों का भी ध्यान

अमेरिका को छोड़कर अन्य 20 पारंपरिक बाजारों पर भी जोर दिया जाएगा, जिनमें UAE, नीदरलैंड, चीन, बांग्लादेश, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और जापान जैसे बड़े खरीदार शामिल हैं। दरअसल, पिछले महीने, अमेरिकी आयातकों ने 25 फीसदी टैरिफ लागू होने से पहले भारत से बड़े पैमाने पर माल मंगाया था। लेकिन अगस्त से वहां की शिपमेंट धीमी पड़ने की संभावना है।

सरकार की नई रणनीति केवल नए बाजारों पर केंद्रित नहीं है। इसमें फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को तेजी से लागू करना, डिजिटल ट्रेड प्लेटफॉर्म के माध्यम से व्यापार में आसानी बढ़ाना और जल्द शुरू होने वाला एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (EPM) भी शामिल है।

नया एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (EPM)

EPM को 2025 से 2031 तक लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत निर्यातकों को कई स्तर पर सहारा दिया जाएगा। इसमें एक तरफ उन्हें क्रेडिट, बीमा और वित्त में मदद मिलेगी, जबकि दूसरी तरफ गुणवत्ता अनुपालन, ब्रांडिंग, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने पहले ही 15 नए उत्पादों को 28 नए बाजारों तक पहुंचाने में सफलता हासिल की है।

रणनीति के कारगर होने की उम्मीद

सरकारी अधिकारियों का मानना है कि यह नई रणनीति कारगर साबित हो रही है और आने वाले महीनों में इसे और तेज किया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से भारत न केवल अमेरिकी बाजार पर निर्भरता कम करेगा, बल्कि अफ्रीका, यूरोप और एशिया में भी मजबूत पकड़ बना सकेगा। बदलते वैश्विक परिवेश में यह रणनीति भारत के निर्यात को नई रफ्तार देने में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

संभावित चुनौतियाँ और अवसर

जबकि भारत ने नए देशों पर ध्यान केंद्रित किया है, फिर भी वहाँ चुनौतियाँ मौजूद हैं। विभिन्न देशों में राजनीतिक और आर्थिक स्थिति भिन्न हो सकती है। कुछ देशों में भारत के उत्पादों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण भी हो सकता है। लेकिन इन चुनौतियों के साथ-साथ नए अवसर भी उपलब्ध हैं। कई उभरते बाजारों में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ रही है और भारत की तकनीकी विशेषज्ञता एवं उत्पादों की गुणवत्ता भी यहाँ मदद कर सकती है।

निष्कर्ष

भारत की नई निर्यात नीति, जो 30 नए देशों पर केंद्रित है, न सिर्फ अमेरिकी बाजार की निर्भरता को कम करेगी, बल्कि भारत के लिए नए और संभावनाओं से भरे समीकरण भी बनाएगी। इस नीति में शामिल विभिन्न पहल, जैसे EPM और गुणवत्ता सुधार, सरकार की स्पष्ट दिशा दर्शाते हैं। अंततः, भारत यदि अपनी रणनीति को प्रभावी ढंग से लागू करने में सफल रहा, तो यह न केवल देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी एक नई पहचान स्थापित करेगा।

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