कांग्रेस पर मोदी का हमला: संविधान का अपमान करने वालों ने ही उसका नुकसान किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर एक गंभीर हमला करते हुए कहा है कि जो लोग सिर पर संविधान रखकर नाचते हैं, उन्होंने वास्तव में संविधान को कुचला है। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली में पहले एक ऐसा कानून लागू था, जो सफाईकर्मियों को बिना सूचना के काम पर नहीं आने पर जेल भेजने की अनुमति देता था।
दिल्ली के रोहिणी में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो लोग राजनीतिक सत्कार दिखाते हैं, दरअसल वे बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की भावनाओं के प्रति दगा कर रहे हैं। उन्होंने सफाईकर्मियों के लिए खतरे वाले कानून का जिक्र करते हुए कहा, “दिल्ली में पहले एक खतरनाक कानून था। दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट में यह लिखा था कि यदि कोई सफाईकर्मी बिना बताए काम पर नहीं आता, तो उसे एक महीने के लिए जेल भेजा जा सकता था। आप सोचिए, सफाईकर्मियों के प्रति इनका दृष्टिकोण क्या था। क्या एक छोटी सी गलती के लिए उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा?”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज जो लोग सामाजिक न्याय की बातें करते हैं, वे ऐसे कई कानून बने रहने की अनुमति देते थे। उन्होंने घोषणा की कि उनकी सरकार ने ऐसे सैकड़ों गलत कानूनों को समाप्त किया है और यह प्रक्रिया निरंतर जारी है।
उन्होंने शासन सुधारों पर ज़ोर देते हुए कहा कि उनके लिए रिफॉर्म का मतलब सुशासन का विस्तार है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बड़े-बड़े सुधार किए जाएंगे, ताकि आम जीवन और व्यापार को आसान बनाया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी में सुधार के लिए अगले बड़े कदम उठाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, “इस दिवाली देशवासियों को डबल बोनस मिलने वाला है। हमने जीएसटी का प्रारूप राज्यों को भेज दिया है और आशा है कि सभी राज्य इसमें सहयोग करेंगे। इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए, ताकि दिवाली को और भी शानदार बनाया जा सके।”
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान ने साफ किया है कि उनकी सरकार सफाई एवं सुधार के मामले में कितनी गंभीर है, और वे लोगों की भलाई के लिए क्या कर रहे हैं। उनका मकसद जनता की समस्याओं को सुनना और समाधान प्रस्तुत करना है।
इससे स्पष्ट होता है कि निष्पक्ष और न्यायपूर्ण शासन की दिशा में उठाए गए कदमों का महत्व कितना बढ़ गया है। प्रधानमंत्री ने सामाजिक न्याय, सुधारों की आवश्यकता और जेएसटी में सुधार के माध्यम से अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जो विचार दिए हैं, वे निश्चित रूप से देश के विकास में सहायक साबित होंगे।
उन्होंने महसूस कराया है कि हमारे सशक्तिकरण का आधार सही और समय पर किए गए सुधार हैं। इस प्रकार के सुधार न केवल आर्थिक मामलों में, बल्कि समाज के सभी क्षेत्रों में प्रभाव डाल सकते हैं।
प्रधानमंत्री की यह पहल एक नई दिशा की ओर इशारा करती है और यह दर्शाती है कि सरकार अब केवल राजनीतिक मुद्दों पर नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों के हितों के लिए काम कर रही है।
हम सबका कर्तव्य है कि हम इस दिशा में आगे बढ़ें और प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का समर्थन करें। ऐसा करने से हम सभी मिलकर एक समग्र और समानता पर आधारित समाज की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन न केवल सफाईकर्मियों के अधिकारों की ओर एक महत्वपूर्ण संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि उनकी सरकार हर वर्ग के साथ खड़ी है। आगामी सुधारों का लाभ उठाना और समाज को एक नया दिशा देना उनके कार्यकाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।
इसलिए, हमें प्रधानमंत्री के विचारों को गंभीरता से लेना चाहिए और उनके पीछे खड़ा होना चाहिए। क्योंकि एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत आज से ही होती है।