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हिना खार: अमेरिका को अपनी नीति में परिवर्तन करना चाहिए, पूर्व पाकिस्तानी एफएम का बयान

अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति दृष्टिकोण

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने हाल ही में अमेरिका के पाकिस्तान के प्रति दृष्टिकोण को लेकर चिंता व्यक्त की है। खार का कहना है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को केवल भारतीय संदर्भ में देखने की आदत बना ली है, जो कि पूरी तरह से अनुवांशिक और भ्रामक है। उनका यह कहना है कि अमेरिका को अपने रणनीतिक दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करना चाहिए और पाकिस्तान के स्वतंत्र योगदान को पहचानना चाहिए।

अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते

पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख, जनरल असिम मुनीर, अमेरिका के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की प्रशंसा की है और वॉशिंगटन में उनके साथ लंच भी किया है। इसके विपरीत, खार ने अमेरिका से यह अपेक्षा की है कि वह पाकिस्तान को केवल एक आक्रामक दृष्टिकोण से नहीं देखे, बल्कि इसके साथ निष्पक्षता से पेश आए।

खार का बोलना था, “मुझे लगता है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को केवल भारतीय दृष्टिकोण से देखना शुरू कर दिया है, जो कि पाकिस्तान के प्रति बहुत आक्रामक है। पाकिस्तान अब भी अमेरिका के लिए प्रासंगिक है।”

चीन के साथ संबंधों की रक्षा

खार ने पाकिस्तान और चीन के बीच के संबंधों का भी जोरदार समर्थन किया। उन्होंने पश्चिमी देशों में उठाए गए शंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने चीन को एक स्थिरता और आर्थिक विकास प्रदाता के रूप में देखा है।

उनका कहना था, “पिछले 10 वर्षों में, दुनिया ने पाकिस्तान और चीन के बीच मजबूत रणनीतिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। लेकिन यह समर्पण कई दशकों पुराना है।” खार ने ये भी बताया कि पाकिस्तान के लिए अमेरिका के साथ एक मजबूत संबंध होना ज़रूरी है, हालाँकि वर्तमान में चीन के साथ संबंधों को प्राथमिकता दी जा रही है।

भारत समेत क्षेत्रीय चुनौतियां

खार ने भारत को लेकर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि भारत ने हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान पर हमला करके नए मानदंड स्थापित करने की कोशिश की है, जो एक खतरनाक प्रवृत्ति है। उन्होंने कहा, “दक्षिण एशिया में आतंकवाद की घटनाएं होना आम है, लेकिन एक आतंकवादी घटना की आड़ में किसी अन्य देश पर मिसाइल हमले का अधिकार नहीं दिया जा सकता।”

खार ने यह भी स्पष्ट किया कि क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा।

निष्कर्ष

हिना रब्बानी खार के ये विचार अमेरिका, पाकिस्तान, और भारत के बीच के जटिल संबंधों को दर्शाते हैं। उन्होंने जो बातें की हैं, वे न केवल सुरक्षा नीति बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रति भी एक नई दृष्टि प्रदान करती हैं। ऐसे में अमेरिका, पाकिस्तान, और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के बीच समन्वय और समझदारी की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है।

उम्मीद है कि आने वाले समय में इन मुद्दों पर बातचीत और विचार-विमर्श को नई दिशा मिलेगी, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता में कुछ सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल सकें।

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