शिक्षा

केरल में खत्म होगा पारंपरिक क्लासरूम बैकबेंच का दौर, बदल जाएगा स्कूलों का बैठने का तरीका

केरल । सरकार ने अपने राज्य के सरकारी स्कूलों में पारंपरिक क्लासरूम की पंक्तिबद्ध बैठने की व्यवस्था, जिसे आमतौर पर ह्यबैकबेंचर्सह्ण कहा जाता है, को खत्म करने का बड़ा फैसला लिया है। शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने मंगलवार को इस फैसले की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी। उन्होंने कहा कि अब ह्यबैकबेंचर्सह्ण की अवधारणा को खत्म कर छात्रों के लिए ऐसा बैठने का नया मॉडल लागू किया जाएगा, जिससे हर विद्यार्थी को समान ध्यान और अवसर मिल सके।
शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने बताया कि इस दिशा में सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्णय लिया है, जो स्कूल शिक्षा प्रणाली के लिए सबसे उपयुक्त बैठने का पैटर्न सुझाएगी। शिवनकुट्टी ने आगे कहा कि ह्यबैकबेंचर्सह्ण की अवधारणा छात्रों के आत्मविश्वास और सीखने की प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। उनका मानना है कि किसी भी बच्चे को शिक्षा या जीवन में पीछे नहीं रहना चाहिए।
केरल में लंबे समय से यह विषय चर्चा में रहा है और हाल ही में रिलीज हुई मलयालम फिल्म “स्थानार्थी श्रीकुट्टन” ने इस विचार को लोकप्रिय बनाया है। इस फिल्म में एक छात्र का किरदार पारंपरिक बैठने की व्यवस्था से तंग आकर नया तरीका सुझाता है। इसी से प्रेरित होकर केरल के कुछ स्कूलों ने पहले ही यू-आकार की सीटिंग व्यवस्था लागू कर दी है, जिससे सभी छात्रों को बराबरी का मौका मिल सके।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कई देशों में भी इस तरह के नए मॉडलों को अपनाया जा रहा है और उन्होंने सभी से बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए इस पहल में सहयोग की अपील की है। केरल सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक नया बदलाव लेकर आएगा और छात्रों के लिए सीखने के माहौल को और बेहतर बनाएगा।

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