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अमेरिकी टैरिफ से भारतीय रत्न-आभूषण उद्योग पर संकट, एक लाख श्रमिकों की नौकरी को खतरा

नई दिल्ली । भारतीय आयात पर 25 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ लगने से देश के रत्न और आभूषण उद्योग पर गंभीर असर पड़ने की संभावना है। आभूषण निर्मातओं और निर्याकतों ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है।
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के अध्यक्ष राजेश रोकड़े ने कहा कि हाथ से बने आभूषणों के निर्यात पर बुरा असर पड़ सकता है। इन उत्पादों को वहां अब शायद स्वीकार नहीं किया जाएगा या बेचा नहीं जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि पहले जब 10 प्रतिशत टैरिफ लगा था, तो करीब 50 हजार श्रमिकों के बेरोजगार होने की संभावना थी। अगर नए टैरिफ में भी यही स्थिति रही, तो इस बार एक लाख से ज्यादा श्रमिकों प्रभावित हो सकते हैं। यह बहुत दुखद है कि टैरिफ को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है, जो 1 अगस्त से लागू होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसका असर भारत से ज्यादा अमेरिका पर पड़ेगा। रोकड़े ने आगे कहा कि भारत के आभूषण दुनिया भर में निर्यात किए जाते हैं। ऐसे मामलों में, भारत को पहले यूरोपीय संघ और पश्चिम एशिया जैसे वैकल्पिक बाजार मिल गए थे।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय रत्न और आभूषणों के सबसे बड़े बाजारों में से एक है। वित्त वर्ष 2025 में भारत ने अमेरिका को 9.9 अरब डॉलर मूल्य के आभूषणों का निर्यात किया।
कामा ज्वेलरी के प्रबंध निदेशक कोलिन शाह ने भी इस फैसले पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अमेरिका प्रमुख निर्यात गंतव्यों में से एक है, इससे रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा, जो निर्यात पर काफी हद तक निर्भर हैं।
शाह ने कहा कि उद्योग पहले से ही रूस-यूक्रेन और पश्चिम एशिया के बीच दो वर्षों से चल रहे भू-राजनीतिक तनाव के कारण संघर्ष कर रहा है। ट्रंप के सत्ता में लौटने के साथ ही, उनकी टैरिफ धमकियों ने भारतीय बाजारों में अनिश्चितता पैदा कर दी है। आगे चलकर, हमें उम्मीद है कि अमेरिका के साथ व्यापारिक गतिविधियां धीमी ही रहेंगी।

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