लोकसभा में बेहतर काम के लिए मिला सम्मान, संसद रत्न पुरस्कार से नवाजे गए रवि किशन समेत 17 सांसद
नई दिल्ली । लोकसभा में बेहतर काम करने पर 17 सांसदों को संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इन सांसदों ने लोकसभा में अपना अमूल्य योगदान दिया है। इसके अलावा चार सांसदों को विशेष जूरी पुरस्कार दिया।
संसद रत्न पुरस्कार पाने वालों में गोरखपुर से भाजपा सांसद रवि किशन, एनसीपी शरद की सुप्रिया सुले, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और शिवसेना यूबीटी के सांसद अरविंद सावंत समेत 17 सांसद शामिल हैं।
वहीं तीन कार्यकालों में संसदीय लोकतंत्र में निरंतर योगदान देने वाले चार सांसदों को चार विशेष जूरी पुरस्कार दिए गए। इसमें ओडिशा से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, केरल के सांसद एनके प्रेमचंद्रन, एनसीपी शरद की सांसद सुप्रिया सुले, शिवसेना सांसद श्रीरंग अप्पा बार्ने शामिल हैं।
संसद रत्न पुरस्कार पाने वाले सांसदों में स्मिता उदय वाघ (भाजपा), नरेश म्हस्के (शिवसेना), वर्षा गायकवाड़ (कांग्रेस), मेधा कुलकर्णी (भाजपा), प्रवीण पटेल (भाजपा), विद्युत बरन महतो (भाजपा) और दिलीप सैकिया (भाजपा) शामिल हैं।
संसदीय समिति श्रेणी में भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी स्थायी समिति और डॉ. चरणजीत सिंह चन्नी (कांग्रेस) की अध्यक्षता वाली कृषि संबंधी स्थायी समिति को उनकी रिपोर्टों की गुणवत्ता तथा विधायी निगरानी में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
संसद रत्न पुरस्कार की शुरूआत 2010 में हुई थी और यह पुरस्कार उन सांसदों को दिए जाते हैं जो पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती देने के लिए संसद में सक्रिय रहते हैं। इसका उद्देश्य सांसदों को प्रोत्साहित करना और जनता के बीच संसदीय कार्यवाही को लोकप्रिय बनाना है। ये पुरस्कार संसद में सक्रियता, बहस में भागीदारी, प्रश्न पूछने और विधायी कामकाज में योगदान के आधार पर दिए जाते हैं। यह पुरस्कार प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन की तरफ से शुरू किया गया है। इस वर्ष के विजेताओं का चयन जूरी कमेटी ने किया, जिसकी अध्यक्षता हंसराज अहीर, (राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष) ने की।