‘कुर्सी ढूंढ़ना मुश्किल, मौका मिलते ही बैठ जाओ’; डीके शिवकुमार के बयान से फिर सियासी भूचाल
बेंगलूरू । कर्नाटक की राजनीति में इन दिनों ‘कुर्सी’ हर किसी की जुबान पर है। जिसे देखो वही इसी पर बात कर रहा है, कोई कह रहा है कि डीके शिवकुमार को सीएम बनना चाहिए तो वहीं कोई सिद्धारमैया को सीएम बने रहते देखना चाहता है। हालांकि खुद शिवकुमार या सिद्धारमैया खुलकर इस मसले पर कुछ नहीं बोल रहे उल्टा सरकार चलाने में वे किसी भी तरह से मतभेद से इनकार करते रहते हैं, लेकिन आज बोलते-बोलते राज्य के डिप्टी सीएम ‘कुर्सी’ पर कुछ ऐसा बोल गए कि राज्य में सियासी भूचाल खड़ा हो गया। बैंगलोर बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित नादप्रभु केम्पेगौड़ा जयंती समारोह के उद्घाटन के मौके पर शिवकुमार की सीएम पद को लेकर टीस उभर आई और उन्होंने कहा कि कुर्सी ढूंढना मुश्किल है। जब आपको कुर्सी मिल जाए, तो आपको आकर उस पर ऐसे बैठना होगा कि फिर उठे ही ना। अब उनके इस बयान ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही अटकलों को और हवा दे दी है।
शिवकुमार ने इशारों-इशारों में कह दी बड़ी बात
डीके शिवकुमार शुक्रवार को बैंगलोर बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित नादप्रभु केम्पेगौड़ा जयंती समारोह के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। यहां अपने संबोधन के दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की। शिवकुमार ने वहां उपस्थित वकीलों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं देख रहा हूं कि यहां बहुत सारी कुर्सियां खाली पड़ी हैं, इसके बावजूद कई वकील खड़े हैं। जबकि हम सभी एक कुर्सी खोजने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। यहां बहुत सी कुर्सियां हैं, आकर बैठ जाइए। कुर्सी ढूंढ़ना मुश्किल है। जब मौका मिले तो आपको आकर इस पर बैठ जाना चाहिए। उसे खाली नहीं छोड़ना चाहिए। शिवकुमार ने आगे कहा कि आप लोगों को देख कर लगता है कि आप त्यागी(बलिदानी) हैं।
कई और एलान भी किए
इस दौरान डीके शिवकुमार ने बार एसोसिएशन को समर्थन देने के लिए कई योजनाओं की भी घोषणा की इसमें केम्पेगौड़ा के नाम पर 10 एकड़ भूमि का आवंटन, वित्तीय अनुदान और वार्षिक पुरस्कार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के विकास के लिए ग्रेटर बैंगलोर अथॉरिटी (जीबीए) से 5 करोड़ रुपये, केम्पेगौड़ा जयंती समारोह के लिए सालाना 5 लाख रुपये दिए जाएंगे और हर साल दो वकीलों को केम्पेगौड़ा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
क्या अभी भी सबकुछ ठीक नहीं
कांग्रेस में सत्ता-साझाकरण समझौते की अफवाहों के बीच शिवकुमार की इन टिप्पणियों ने नई अटकलों को हवा दे दी है, जबकि दोनों नेता नेतृत्व में किसी भी बदलाव से इनकार करते रहे हैं। खुद सिद्धारमैया कह चुके हैं कि वे अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। उन्होंने बीते दिन ही कहा था कि वह पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे और उन्होंने दावा किया कि उनके और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सत्ता में साझेदारी का कोई समझौता नहीं हुआ है। वहीं हाल ही में शिवकुमार ने भी कहा था कि सिद्धारमैया के नेतृत्व में किसी भी तरह के मतभेद की गुंजाइश नहीं है।
सीएम ने स्वीकारा- शिवकुमार भी सीएम बनने के आकांक्षी
गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए सीएम सिद्धारमैया ने स्वीकार किया कि शिवकुमार भी मुख्यमंत्री पद चाहते हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन शिवकुमार ने खुद स्पष्ट किया है कि सीएम का पद फिलहाल खाली नहीं है। सिद्धारमैया ने कहा, ‘उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने कभी यह नहीं कहा कि मुख्यमंत्री को बदला जाना चाहिए। मैं पूरे कार्यकाल के लिए सीएम हूं। मैं 2028 के विधानसभा चुनावों में भी पार्टी का नेतृत्व करूंगा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हालांकि, मैं आलाकमान के आदेशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। शिवकुमार और मैं, दोनों ही आलाकमान के फैसलों का पालन करने के लिए बाध्य हैं। फिलहाल, सत्ता-बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई है।’