राम मंदिर का विरोध कट्टरपंथ के नाम पर चलने वाली गुंडागर्दी: RSS प्रमुख
रांची. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर कहा, “हमारे खिलाफ कोई मत और पंथ नहीं खड़ा है। रामजन्म भूमि पर राम मंदिर बने, इसको इस्लाम की मनाही नहीं है। मैं बात सही कर रहा हूं। इसको ईसाइयत मना नहीं करती। इसको मना करती है इस्लाम और ईसाइयत के नाम पर चलने वाली राजनीति, उनके नाम पर चलने वाला कट्टरपंथ और उनके नाम पर चलने वाली गुंडागर्दी।” हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था राम मंदिर मसले का हल सुप्रीम कोर्ट से निकाला जाए। राम जन्मे थे, ये युगों-युगों से मान्यता है…
– भागवत मंगलवार को झारखंड के देवघर में धर्म संस्कृति रक्षा समिति के विराट हिंदू समागम में शामिल हुए थे। सम्मेलन में राम मंदिर का मुद्दा छाया रहा।
– भागवत ने कहा, “अपने आप को हिंदू कहने वाले लोग जागृत हो जाएं, ये पूरे दुनिया की इस देश की साथ में हमारी और आपकी भी आवश्यकता है।”
– भागवत ने कहा, “अपने आप को हिंदू कहने वाले लोग जागृत हो जाएं, ये पूरे दुनिया की इस देश की साथ में हमारी और आपकी भी आवश्यकता है।”
– “जहां राम जन्मे थे, यह युगों-युगों से मान्यता है, जिसकी कोई कोर्ट में चिकित्सा नहीं हो सकती। यह श्रद्धा का विषय है और सभी भारतीयों की श्रद्धा है।”
– “अयोध्या में रामजन्म भूमि पर राम का जन्म हुआ, वहीं पर हम उनका मंदिर चाहते हैं। इसके लिए हमें इतना क्यों लड़ना पड़ता है?”
– “हमारे खिलाफ कोई मत और पंथ खड़ा नहीं है। रामजन्म भूमि पर राम मंदिर बने, इसको इस्लाम की मनाही नहीं है। मैं बात सही कर रहा हूं।”
– भागवत के मुताबिक, “मंदिर के लिए इस्लाम की मनाही नहीं है। इसको ईसाइयत मना नहीं करती। इसको मना करती है इस्लाम और ईसाइयत के नाम पर चलने वाली राजनीति, उनके नाम पर चलने वाला कट्टरपंथ और उनके नाम पर चलने वाली गुंडागर्दी।”
– “अयोध्या में रामजन्म भूमि पर राम का जन्म हुआ, वहीं पर हम उनका मंदिर चाहते हैं। इसके लिए हमें इतना क्यों लड़ना पड़ता है?”
– “हमारे खिलाफ कोई मत और पंथ खड़ा नहीं है। रामजन्म भूमि पर राम मंदिर बने, इसको इस्लाम की मनाही नहीं है। मैं बात सही कर रहा हूं।”
– भागवत के मुताबिक, “मंदिर के लिए इस्लाम की मनाही नहीं है। इसको ईसाइयत मना नहीं करती। इसको मना करती है इस्लाम और ईसाइयत के नाम पर चलने वाली राजनीति, उनके नाम पर चलने वाला कट्टरपंथ और उनके नाम पर चलने वाली गुंडागर्दी।”
– 9 अप्रैल को भागवत ने कहा था कि पूरे देश में गोहत्या पर रोक लगाने वाला कानून होना चाहिए। उन्होंने गोरक्षक समूहों को नसीहत भी दी कि गाय की रक्षा करते हुए कानून का पालन करना चाहिए। भागवत दिल्ली में महावीर जयंती पर एक प्रोग्राम में शामिल हुए थे।
कोर्ट के बाहर हो राम मंदिर मसले का निपटारा: सुप्रीम कोर्ट
– सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को कहा कि राम मंदिर पर सभी संबंधित पक्ष मिलकर बैठें और आम राय बनाएं। बातचीत नाकाम रहती है तो हम दखल देंगे।
– दूसरी तरफ, सुब्रमण्यम स्वामी ने अयोध्या विवाद के हल के लिए एक फॉर्मूला सुझाया। कहा- मस्जिद सरयू नदी के पार बनाई जानी चाहिए। जबकि मंदिर वहीं बनना चाहिए, जहां रामलला विराजे हैं।
– वहीं, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के जफरयाब जिलानी ने कहा- 1986 से अब तक हुई बातचीत बेनतीजा रही है। लिहाजा आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट मुमकिन नहीं है।
– सुप्रीम कोर्ट ने 21 मार्च को कहा कि राम मंदिर पर सभी संबंधित पक्ष मिलकर बैठें और आम राय बनाएं। बातचीत नाकाम रहती है तो हम दखल देंगे।
– दूसरी तरफ, सुब्रमण्यम स्वामी ने अयोध्या विवाद के हल के लिए एक फॉर्मूला सुझाया। कहा- मस्जिद सरयू नदी के पार बनाई जानी चाहिए। जबकि मंदिर वहीं बनना चाहिए, जहां रामलला विराजे हैं।
– वहीं, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के जफरयाब जिलानी ने कहा- 1986 से अब तक हुई बातचीत बेनतीजा रही है। लिहाजा आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट मुमकिन नहीं है।
क्या है सरकार और RSS का स्टैंड?
– मोदी सरकार ने बार-बार यही कहा है कि राम मंदिर को संविधान के दायरे में रहकर ही बनाया जा सकता है।
– वहीं, यूपी असेंबली इलेक्शन में बीजेपी को मिली बड़ी जीत को आरएसएस नेता एमजी वैद्य ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए मैन्डेट बताया था। चुनाव नतीजों के बाद वैद्य ने कहा था- बीजेपी के मैनिफेस्टो में भी अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे का जिक्र है। इसलिए ये माना जाना चाहिए कि राम मंदिर बनाने को लेकर जनता ने अपनी मंजूरी दे दी है। अगर सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे को हल नहीं कर पाता है तो एनडीए सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए कानून बनाना चाहिए।
– मोदी सरकार ने बार-बार यही कहा है कि राम मंदिर को संविधान के दायरे में रहकर ही बनाया जा सकता है।
– वहीं, यूपी असेंबली इलेक्शन में बीजेपी को मिली बड़ी जीत को आरएसएस नेता एमजी वैद्य ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए मैन्डेट बताया था। चुनाव नतीजों के बाद वैद्य ने कहा था- बीजेपी के मैनिफेस्टो में भी अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे का जिक्र है। इसलिए ये माना जाना चाहिए कि राम मंदिर बनाने को लेकर जनता ने अपनी मंजूरी दे दी है। अगर सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे को हल नहीं कर पाता है तो एनडीए सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए कानून बनाना चाहिए।
क्या है राम मंदिर का मुद्दा?
– राम मंदिर मुद्दा 1989 के बाद अपने उफान पर था। इस मुद्दे की वजह से तब देश में सांप्रदायिक तनाव फैला था। देश की राजनीति इस मुद्दे से प्रभावित होती रही है।
– हिंदू संगठनों का दावा है कि अयोध्या में भगवान राम की जन्मस्थली पर बाबरी मस्जिद बनी थी। मंदिर तोड़कर यह मस्जिद 16वीं शताब्दी में बनवाई गई थी।
– राम मंदिर आंदोलन के दौरान 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिरा दिया गया था। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है।
– राम मंदिर मुद्दा 1989 के बाद अपने उफान पर था। इस मुद्दे की वजह से तब देश में सांप्रदायिक तनाव फैला था। देश की राजनीति इस मुद्दे से प्रभावित होती रही है।
– हिंदू संगठनों का दावा है कि अयोध्या में भगवान राम की जन्मस्थली पर बाबरी मस्जिद बनी थी। मंदिर तोड़कर यह मस्जिद 16वीं शताब्दी में बनवाई गई थी।
– राम मंदिर आंदोलन के दौरान 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिरा दिया गया था। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है।