शराब नीति से हुआ 2002 करोड़ का नुकसान

विधानसभा स्पीकर बोले- जांच की जरूरत
नई दिल्ली। दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद भी भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच शराब नीति को लेकर घमासान जारी है। कैग की रिपोर्ट पेश होने के बाद अब इस मामले में आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल और उनके अन्य सहयोगियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सदन की कार्यवाही के दौरान कहा है कि कैग की रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि शराब नीति के कारण दिल्ली की जनता को 2002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसकी जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए। स्पीकर की इस टिप्पणी से सत्ता पक्ष को बल मिल सकता है जबकि केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
स्पीकर ने सदन की कार्यवाही के दौरान शराब नीति को लेकर कठोर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘दिल्ली में शराब के विनियमन और आपूर्ति’ से संबंधित सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट ने आबकारी नीति के क्रियान्वयन में की गई गंभीर अनियमितताओं को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में यह विस्तार से बताया गया है कि किस प्रकार सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया ताकि निजी कंपनियां सरकारी खर्च पर अवैध रूप से लाभ कमा सके।  विजेंद्र गुप्ता के अनुसार, ऑडिट 2017-2021 के अनुसार, लाइसेंस देने, आई.एम.एफ.एल मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता की कमी, अपर्याप्त गुणवत्ता नियंत्रण, कमजोर नियामक कार्यप्रणाली और प्रवर्तन गतिविधियों का खराब क्रियान्वयन के द्वारा नई शराब नीति से दिल्ली की जनता को 2002 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ।

उन्होंने दावा किया कि सरेंडर किए गए लाइसेंस का फिर से टेंडर करने में विफलता के कारण 890 करोड़. छूट के कारण 941 करोड़, लाइसेंस शुल्क की माफी के कारण 144 करोड़ और सिक्योरिटी राशि के गलत संग्रह के कारण 27 करोड़ का घाटा हुआ है। गुप्ता ने कहा है कि इसकी गंभीर जांच की जानी चाहिए जिससे दोषियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दी जा सके। स्थापित संसदीय प्रक्रिया के अनुसार दिल्ली विधान सभा की लोक लेखा समिति द्वारा इस रिपोर्ट की गहन जांच की जाएगी। यह समिति तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सदन को प्रस्तुत करेगी। विजेंद्र गुप्ता ने पहली बैठक में ही तय कर दिया है कि विधानसभा सचिवालय सभी संबंधित विभागों को इस मामले को भेजकर उनकी राय को प्राप्त करेगा और उसे सदन के अंदर अनिवार्य रूप से एक महीने के अंदर पेश करेगा।

विपक्ष का दावा
हालांकि, जिस दिन कैग की रिपोर्ट सदन में पेश की गई थी, विपक्ष की नेता आतिशी मारलेना ने दावा किया था कि कैग रिपोर्ट में शराब नीति को सही ठहराया गया है। आतिशी के अनुसार, कैग रिपोर्ट ने यह बता दिया था कि नई शराब नीति पुरानी शराब नीति के लूप होल्स को ठीक करने वाली और सरकार के लिए ज्यादा कमाऊ थी। लेकिन दिल्ली सरकार ने कांग्रेस-भाजपा के हंगामे के बाद इसे उसी साल वापस ले लिया था।