उग्र प्रदर्शन एवं हाईवे जाम करने का मामलाः 18 सपा नेताओं को दो-दो साल की सजा, एमपी-एमएलए कोर्ट ने पाया दोषी

वर्ष 2008 में बसपा सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन करने और हाईवे जाम करने के मामले में 18 सपा नेता दोषी पाए गए हैं। एमपी-एमएलए कोर्ट ने सभी को दो-दो साल की सजा सुनाई है।

फिरोजाबाद में उग्र प्रदर्शन और हाईवे जाम करने के मामले में पूर्व विधायक सहित 18 नेताओं को दो-दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को इन्हें दोषी मानते हुए निर्णय दिया। सभी लोगों को न्यायालय ने मुचलके पर छोड़ दिया है। नौ जनवरी 2008 में बसपा सरकार के विरुद्ध मामला 14 साल पहले नौ जनवरी 2008 का है।

तत्कालीन सीएम मायावती थी। सपा नेताओं ने सुभाष तिराहे पर बसपा सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया। दोपहर के समय तिराहे पर बसों में तोड़फोड़ करने का प्रयास भी किया था। पुलिस ने इस मामले में 18 सपा नेताओं को नामजद करते हुए 60 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने मामला दर्ज करने के साथ ही जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्टशीट दाखिल कर दी।

मामला विशेष न्यायाधीश एमपी-एएलए कोर्ट अंबरीश त्रिपाठी ने बुधवार को खुले न्यायालय में ये निर्णय सुनाया। मुकदमे की पैरवी शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक बृजेश कुमार यादव ने की। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने सभी पर डेढ़-डेढ़ हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। शाम को सभी को मुचलके पर छोड़ दिया गया।
मामले में जिन सपा नेताओं को सजा सुनाई गई है, उनमें पूर्व विधायक अजीम भाई, सपा के महानगर अध्यक्ष  योगेश गर्ग, मुकेश वाल्मीकि, महबूब अजीज, आदर्श यादव धन्नू, पप्पू यादव, नीरज यादव, उमेश यादव, राजकुमार राठौर, छुट्टन भाई, असलम परवेज, आफताब, सादाब, जाकिर, गुड्डन, परवेज, चंद्रमोहन चक्रवर्ती और आमिर को सजा हुई है।