PAK के मंत्री बोले- आतंकी गुटों को सरकार का समर्थन, हम कैसे लें एक्शन
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के एक मंत्री ने कबूल किया है कि देश के आतंकी संगठनों के खिलाफ लीगल एक्शन नहीं लिया जा सकता क्योंकि इन टेरर ग्रुप्स के साथ सरकार भी मिली हुई है। एक इंटरव्यू में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लॉ मिनिस्टर राणा सनाउल्लाह से यह सवाल पूछा गया था कि आतंकी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान सरकार लीगल एक्शन क्यों नहीं लेती। और क्या कहा सनाउल्लाह ने…
– एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में सनाउल्लाह ने कहा- जमात-उद-दावा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ हम लीगल एक्शन कैसे ले सकते हैं? इनके पीछे तो शासन का हाथ रहता है।
– राणा से ये पूछा गया था कि ये आतंकी संगठन भारत के खिलाफ आतंकी साजिशें रचते हैं और हमले करते हैं। राणा ने कहा कि अब ये संगठन ज्यादा कुछ नहीं कर सकते क्योंकि इन पर बहुत हद तक रोक लगा दी गई है। पंजाब प्रांत में ये आतंकी संगठन अब ज्यादा एक्टिव नहीं रहते।
– राणा से ये पूछा गया था कि ये आतंकी संगठन भारत के खिलाफ आतंकी साजिशें रचते हैं और हमले करते हैं। राणा ने कहा कि अब ये संगठन ज्यादा कुछ नहीं कर सकते क्योंकि इन पर बहुत हद तक रोक लगा दी गई है। पंजाब प्रांत में ये आतंकी संगठन अब ज्यादा एक्टिव नहीं रहते।
समर्थन से इनकार करता रहा है पाकिस्तान
– जमात और जैश जैसे संगठनों को लेकर पाकिस्तान का रुख हमेशा से अलग रहा है। भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुके इन संगठनों के बारे में पाकिस्तान ने हमेशा कहा है कि ये संगठन किसी आतंकी साजिश में शामिल नहीं रहे। हालांकि भारत ने कई बार इनके खिलाफ सबूत दिए हैं।
– बहरहाल, राणा के इस बयान के बाद पाकिस्तान पर इंटरनेशनल प्रेशर बढ़ जाएगा। दुनिया पाकिस्तान से कहेगी कि वो सिर्फ लोकल ग्रुप्स ही नहीं बल्कि बड़े आतंकी संगठनों के खिलाफ एक्शन ले। इनमें हक्कानी नेटवर्क भी शामिल है जो अफगानिस्तान में एक्टिव है।
– बता दें कि पठानकोट एयरबेस पर इसी साल आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में भी साफ तौर पर जैश-ए-मोहम्मद का नाम सामने आया था।
– बहरहाल, राणा के इस बयान के बाद पाकिस्तान पर इंटरनेशनल प्रेशर बढ़ जाएगा। दुनिया पाकिस्तान से कहेगी कि वो सिर्फ लोकल ग्रुप्स ही नहीं बल्कि बड़े आतंकी संगठनों के खिलाफ एक्शन ले। इनमें हक्कानी नेटवर्क भी शामिल है जो अफगानिस्तान में एक्टिव है।
– बता दें कि पठानकोट एयरबेस पर इसी साल आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में भी साफ तौर पर जैश-ए-मोहम्मद का नाम सामने आया था।