दिन की बड़ी खबरें: पनामा पेपर्स में सामने आएंगे 2 लाख नाम; 114 करोड़ में बिका ‘हिटलर’

पनामा मामले में हो सकता है दो लाख नामों का खुलासा

पनामा सिटी. पनामा पेपर्स घोटाले में कुछ और बड़े खुलासे हो सकते हैं। अमेरिकी संगठन का दावा है कि यह विकीलीक्स के खुलासे की तरह आंकड़ों और जानकारियों का ढेर नहीं होगा। यह जानकारी दो लाख अहम लोगों के आर्थिक फायदे से जुड़ी होगी। जर्नलिस्ट के अंतरराष्ट्रीय ग्रुप “द इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ (आईसीआईजे) ने ताजा छानबीन के आधार पर यह जानकारी जुटाई है। खासतौर पर ये आंकड़े पनामा की लॉ फर्म मोसेक फोंसेका से रिलेटेड हैं। ये डॉक्यूमेंट्स offshoreleaks.icij.org पर ऑनलाइन भी किए जा रहे हैं। वहीं पनामा पेपर्स मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वकील एमएल शर्मा ने अपनी पिटीशन में इस मामले की सीबीआई जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी करवाने की मांग की है। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार, सीबीआई, केंद्रीय वित्त मंत्रालय, सेबी और रिजर्व बैंक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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एटमी हथियारों का जखीरा बढ़ाएगा NKorea
प्योंगयांग. यूएन रेजोल्यूशंस के बावजूद उत्तर कोरिया न्यूक्लियर हथियारों का जखीरा बढ़ाएगा। सोमवार को सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी ने शासक किम जोंग उन की परमाणु हथियारों का भंडार बढ़ाने की पॉलिसी को मंजूरी दे दी। पार्टी की कांग्रेस (सम्मेलन) करीब 35 साल में पहली बार हुई है। इसमें 33 वर्षीय उन को पार्टी चेयरमैन चुना गया। वे अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के शासक हैं। इस मौके पर उन ने कहा, उत्तर कोरिया अपने डिफेंसिव एटमी हथियारों के साथ सोशियो-इकोनॉमिक डेवलपमेंट पर भी ध्यान देगा। उधर, दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के न्यूक्लियर पावर वाले देश के दावे की निंदा की है। साउथ ने कहा कि जब तक वह एटमी हथियारों की होड़ को छोड़ नहीं देता, उसके खिलाफ दबाव बना रहेगा। वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि उत्तर कोरिया के पास 40 किलो प्लूटोनियम है। इससे वह आठ से 12 न्यूक्लियर वेपन्स बना सकता है।
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114 करोड़ में बिका घुटने के बल बैठा हिटलर
न्यूयॉर्क.जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर का मोम का पुतला रिकॉर्ड 114 करोड़ रुपए में बिका है। इसमें हिटलर दोनों हाथ बांधे आसमान की ओर देख रहा है। इटली के आर्टिस्ट माउरिजियो कैटलन ने 2001 में यह पुतला बनाया था। उन्होंने इसे ‘हिम’ नाम दिया है। उनके इस आर्टवर्क को IInd वर्ल्ड वॉर के बाद के सबसे घटिया और नफरत फैलाने वाला माना जाता है। न्यूयॉर्क के क्रिस्टी नीलामीघर ने रविवार को इस विवादित पुतले की नीलामी की। इसे फोन पर एक खरीदार ने ऊंची बोली लगाकर खरीदा है। ‘बाउंड टू फेल’ नाम से हुई इस नीलामी में 39 आर्टवर्क्स को रखा गया था। यह कैटलन की अब तक की सबसे ज्यादा कीमत पर बिकने वाली कृति है। इससे पहले उनकी कलाकृति लगभग 52 करोड़ रुपए (7.9 मिलियन डॉलर) में नीलाम हुई थी। कैटलन का यह पुतला जब-जब एग्जीबिशन में रखा गया, इसको लेकर काफी हंगामा हुआ। 2010 में जब इस पुतले के पोस्टर मिलान में छापे गए तो वहां के मेयर ने इसकी छपाई पर बैन लगा दिया।
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आइडियल मां के लिए तीन दिन का एग्जाम

अहमदाबाद. गुजरात के राजकोट के मोरबी में आइडियल मां के लिए 15-17 मई (3 दिन) तक एक एग्जाम लिया जा रहा है। इस एग्जाम के लिए 1,100 से ज्यादा मांओं ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। चौंकने के लिए कहानी अभी और आगे भी है। इसमें पहले दिन बच्चों की हेल्थ के पैरामीटर्स पर एग्जाम होगा। मांओं की दूसरे दिन लोरी, कहानी वगैरह के इर्द-गिर्द परीक्षा होगी। उनसे पूछा जाएगा कि बच्चों के शरारत करने पर उन्हें वे कैसे रोकती हैं? उनकी समझ का स्तर बढ़ाने के लिए क्या तौर-तरीके अपनाती हैं? तीसरे दिन रिटन एग्जाम का नतीजा आएगा। इसमें 100 मांओं को सिलेक्ट किया जाएगा। इनमें से आखिरी दौर के लिए 11 मांओं का सिलेक्शन होगा। आखिरी दौर में चुनी गई 11 मांओं को सवाल-जवाब के एक और सेशन से गुजरना होगा। इसके बाद इनमें से तीन मांओं का सिलेक्शन होगा। यानी एक विनर और दो रनर अप।
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चीन में फेसबुक नाम से ड्रिंक बेचने पर रोक
बीजिंग. फेसबुक ने चीन में वहां की एक कंपनी झूजियांग बेवरिजेज के खिलाफ ट्रेडमार्क की लड़ाई जीत ली है। यह कंपनी फेसबुक ट्रेडमार्क के साथ एक ड्रिंक बेचती है। सोशल मीडिया कंपनी के लिए यह जीत अहम है क्योंकि चीन में किसी लोकल कंपनी के खिलाफ और विदेशी कंपनी के पक्ष में फैसले कम ही होते हैं। पिछले हफ्ते दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एपल लेदर गुड्स बनाने वाली एक चीनी कंपनी के खिलाफ ट्रेडमार्क की लड़ाई हार गई थी। इसके खिलाफ फैसला देते हुए बीजिंग की एक अदालत ने कहा कि इस कंपनी ने मॉरल वैल्यूज को तोड़ा है। इसका इरादा जाने-माने ट्रेडमार्क की नकल करना था। झूजियांग का कहना है कि इसने 2011 में ‘फेसबुक’ ट्रेडमार्क रजिस्टर्ड कराया था। फेसबुक ने इसपर एतराज जताया था। लेकिन ट्रेडमार्क रिव्यू बोर्ड ने 2014 में झूजियांग बेवरिजेज को इसके इस्तेमाल की इजाजत दे दी। तब मामला बीजिंग कोर्ट में गया।