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जला दिए गए 660 करोड़ रुपए कीमत वाले 7000 हाथियों के दांत, जानिए क्यों?

नैरोबी।केन्या में रविवार को स्मगलिंग में पकड़े गए 7000 हजार मरे हुए हाथियों के दांत जला दिए गए। ऐसा दांत की स्मगलिंग और हाथियों के शिकार पर रोक लगाने के लिए किया गया। इतिहास में इससे पहले कभी इतनी संख्या में हाथी दांत नहीं जलाए गए। अफ्रीका में हाथियों की संख्या पांच लाख है। हर साल 30 हजार हाथी मारे जाते हैं। यहां की सरकार हाथियों के इस शिकार और हाथी दांत की स्मगलिंग से परेशान है। 7000 हाथियों के दांत की कीमत 660 करोड़ रुपए…
– रविवार को सरकार ने 7000 मारे गए हाथियों के दांतों को एक साथ जला दिया।
– इन कुल दांतों का वजन 105 टन था। ब्लैक मार्केट में इनकी कीमत 100 मिलियन डॉलर यानी 660 करोड़ है।
– यहां हर 15 मिनट में एक हाथी का शिकार होता है। पिछले 10 सालों में हाथियों का जबरदस्त शिकार हुआ है।
एशिया में है डिमांड
– अफ्रीका के हाथी दांतों की डिमांड एशिया में ज्यादा है, जो इनके बढ़ते शिकार की बड़ी वजह है।
– पिछले तीन सालों में एक लाख हाथियों का शिकार हुआ।
– हाथियों के अलावा गैंडे का शिकार भी यहां बढ़ रहा है।
– गैंडे के सींग की स्मगलिंग होती है, जिससे गोल्ड और कोकिन मिलते हैं।
– अब अफ्रीका में महज 30 हजार गैंडे ही बचे हैं।
– नॉर्दर्न व्हाइट गैंडा तो करीब-करीब गायब होने की कगार पर है।
केन्या के प्रेसिडेंट बोले- पूरी दुनिया में रोकेंगे स्मगलिंग
– हाथी दांतों को जलाए जाने के मौके पर केन्या के प्रेसीडेंट उहूरू केन्याटा ने शिकार की निंदा की।
– उन्होंने कहा, “हाथियों की मौत का मतलब है नेचर की मौत। हमें इस पर बैन लगाना चाहिए।”
– “वह पूरे दुनिया में दांत की स्मगलिंग पर रोक चाहते हैं। इनके इस मिशन को कई सेलिब्रिटीज ने भी सपोर्ट किया है।”

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