यहां हुआ था हनुमानजी का जन्म, गांव के लोगों के नाम रामायण के पात्रों पर

नवसारी (गुजरात)।गुजरात स्थित डांग जिला रामायण काल में दंडकारण्य प्रदेश के रूप में पहचाना जाता था। मान्यता है कि डांग जिले के अंजनी पर्वत की गुफा में ही हनुमानजी का जन्म हुआ था। शबरी ने खिलाए थे भगवान राम को बेर…
– भगवान राम वनवास के दरमियान पंचवटी की ओर जाते समय डांग प्रदेश से गुजरे थे।
– डांग जिले के सुबिर के पास भगवान राम को शबरी माता ने बेर खिलाए थे।
– आज यह स्थल शबरी धाम नाम से जाना जाता है।
– शबरी धाम से लगभग 7 किमी की दूरी पर पूर्णा नदी पर स्थित पंपा सरोवर है। यहीं मातंग ऋषि का आश्रम था।
हनुमानजी ने यहीं शनिदेव को अपने वश में किया था
– मान्यता है कि अंजनी माता ने अंजनी पर्वत पर ही कठोर तपस्या की थी और इसी दौरान उन्हें हनुमानजी की प्राप्ति हुई थी।
– माता अंजनी ने अंजनी गुफा में ही हनुमानजी को जन्म दिया था।
– अंजनी गुफा से लगे हुए अंजनी कुंड में बाल हनुमान स्नान किया करते थे।
– इसी पर्वत पर खड़े होकर उन्होंने सूर्य को फल समझकर मुंह में रख लिया था।
– इसी भूमि पर ही उन्होंने शनिदेव को अपने वश में किया था।
– यह भी कहा जाता है कि वनवास के दरमियान राम भगवान पंचवटी की ओर जाने के लिए यहां से दानवों का संहार कर ऋषि-मुनियों का उद्धार करने के लिए ही गुजरे थे।
पूजा की विधि
– यहां हनुमानजी की पूजा करने की एक अनोखी विधि है कि जमीन पर खड़े होकर सिंदूर अंजनी पर्वत की ओर उड़ाया जाता है।
– यह सिंदूर उड़ता हुआ अंजनी चोटी तक पहुंच जाता है। अगर किसी की राशि पर शनि हावी है तो – इस प्रक्रिया से उसे शनि के कोप से मुक्ति मिल जाती है।
– ऐसा भी मानना है कि इस पूजन प्रक्रिया के बाद आपको शनि मंदिर जाने की भी जरूरत नहीं।
पूरे गांव को लोगों के नाम रामायण के पात्रों पर
– डांग जिले का हरेक व्यक्ति हनुमानजी का भक्त है।
– अंजनी पर्वत की तलहटी में ही अंजनकुंड गांव बसा हुआ है।
– गांव के लोग अपने आपको शबरी माता का वंशज मानते हैं।
– यहां रहने वाले लभगग सभी लोगों के नाम रामायण के पात्रों पर हैं जैसे कि राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन, सीता, जानकी, लक्षु, रघु, रघुनाथ आदि।
– आपको बताते चलें कि अंजनी पर्वत आज भी अनेक प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियों और जड़ी-बूटियों से अटा पड़ा है।