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एक मैसेज से किसी भी बैंक में ट्रांसफर कर सकोगे पैसा

जयपुर।

टैक्सी का भाड़ा या फिर शैंपू पैकेट खरीदने जैसे छोटे पेमेंट भी अब मोबाइल से किए जा सकेंगे।

एसबीबीजे का ग्राहक आसानी से आर्इसीआर्इसीआर्इ बैंक एकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकेगा।

आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और इंफोसिस के सह-संस्‍थापक नंदन नीलेकणी ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआई) की सेवा यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) को सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान लॉन्‍च किया।

पहले चरण में सभी 29 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को व इसके बाद धीरे-धीरे अन्‍य बैंकों को भी इस सिस्‍टम के साथ जोड़ा जाएगा।

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई)

यूपीआई विभिन्‍न बैंकों में सिंगल आईडेंटीफि‍केशन और एक पासवर्ड के साथ तत्‍काल फंड ट्रांसफर की सुविधा देगा। यूजर्स का एकाउंट एक सिंगल मोबइल एप्‍लीकेशन के जरिये एक से ज्‍यादा बैंक एकाउंट से लिंक हो सकेंगे। इस इंटरफेस के जरिये पैसा लिया और दिया जा सकेगा।

इमीजिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस)

आईएमपीएस यानि इमीजिएट पेमेंट सर्विस एक प्‍लेटफॉर्म है जिसपर यूपीआर्इ चलेगी। इसमें आधार नंबर और मोबाइल नंबर का उपयोग किया जाएगा बैंक की कोई अन्‍य जानकारी नहीं मांगी जाएगी।

मोबाइल वॉलेट कंपनियां

फ्रीचार्ज, पेटीएम और मोबीक्विक जैसी ऑनलाइन पेमेंट कंपनियां भी इस सेवा के साथ जुड़ने वाली है। फ्लिपकार्ट ने हालही में यूपीआई आधारित पेमेंट कंपनी फोनपे का अधिग्रहण किया है। कंपनियों के मुताबिक यूपीआई का उनके बिजनेस पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा बल्कि इससे वॉलेट में पैसा डालना और आसान हो जाएगा।

मोबाइल-फर्स्‍ट इकोनॉमी

यूपीआई कैशलैस इकोनाॅमी की तरफ बड़ा कदम माना जा रहा है। इसका सबसे बड़ा फायदा है कि यह किसी भी प्‍लेटफॉर्म से स्‍वतंत्र है। यूपीआई के आने से अब एक विशेष मोबाइल वॉलेट या बैंक एकाउंट पर निर्भरता पूरी तरह खत्‍म हो जाएगी। नंदन नीलेकणी के मुताबिक यूपीआई भारत को क्रेडिट कार्ड इकोनॉमी से बाहर निकालकर मोबाइल-फर्स्‍ट इकोनॉमी बनाएगा।

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