विवाह में आ रही है रुकावट तो आज करें महागौरी की पूजा, जल्द बजेगी शहनाई

मां दुर्गा की आठवीं शक्ति का नाम है- महागौरी। इनका रंग गोरा है। इस रूप में देवी के वस्त्र एवं आभूषण सफेद हैं। इसी कारण इन्हें श्वेताम्बरधरा के नाम से भी पूजा जाता है।

देवी का वाहन वृषभ है। इनकी चार भुजाएं हैं। अष्टमी के दिन महागौरी की उपासना करने से मनुष्य को धन, यश व सौभाग्य की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, शिवजी को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए महागौरी ने कठोर तप किया था।

इस वजह से उनके शरीर का रंग काला हो गया। इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी प्रकट हुए तथा गंगा के पवित्र जल से उन्हें पुन: कांति स्वरूप प्रदान कर दिया। अगर विवाह में बाधाएं आ रही हैं तो महागौरी का पूजन करना चाहिए। इससे विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

मंत्र
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

ध्यान मंत्र

वन्दे वांछित कामार्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
सिंहारूढाचतुर्भुजामहागौरीयशस्वीनीम्॥
पुणेन्दुनिभांगौरी सोमवक्रस्थितांअष्टम दुर्गा त्रिनेत्रम।
वराभीतिकरांत्रिशूल ढमरूधरांमहागौरींभजेम्॥
पटाम्बरपरिधानामृदुहास्यानानालंकारभूषिताम्।
मंजीर, कार, केयूर, किंकिणिरत्न कुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वदनांपल्लवाधरांकांत कपोलांचैवोक्यमोहनीम्।
कमनीयांलावण्यांमृणालांचंदन गन्ध लिप्ताम्॥
स्तोत्र मंत्र
सर्वसंकट हंत्रीत्वंहिधन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदाचतुर्वेदमयी,महागौरीप्रणमाम्यहम्॥
सुख शांति दात्री, धन धान्य प्रदायनीम्।
डमरूवाघप्रिया अघा महागौरीप्रणमाम्यहम्॥
त्रैलोक्यमंगलात्वंहितापत्रयप्रणमाम्यहम्।
वरदाचैतन्यमयीमहागौरीप्रणमाम्यहम्॥
कवच मंत्र
ओंकार: पातुशीर्षोमां, हीं बीजंमां हृदयो।
क्लींबीजंसदापातुनभोगृहोचपादयो॥
ललाट कर्णो,हूं, बीजंपात महागौरीमां नेत्र घ्राणों।
कपोल चिबुकोफट् पातुस्वाहा मां सर्ववदनो॥